(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। दगड़ौली गांव में आर्यवीर दल चरखी दादरी एवं सर्वहित साधना न्यास के संयुक्त तत्वावधान में जिला संचालक स्वामी सच्चिदानंद के सानिध्य में चल रहे व्यायाम प्रशिक्षण एवं चरित्र निर्माण संस्कार शिविर के चौथे दिन स्वामी सच्चिदानंद ने व्यायाम शिक्षक नारायण आर्य एवं राहुल आर्य के सहयोग से सभी आर्यवीरों एवं वीरांगनाओं को विभिन्न आसनों का अभ्यास कराते हुए उनके लाभ एवं सावधानियों से अवगत करवाया।
स्वामी सच्चिदानंद ने आसनों का अभ्यास कराते हुए आर्यवीरों एवं वीरांगनाओं से कहा कि जब हम अच्छाई और सच्चाई के रास्ते पर होते हैं तो हमारी विजय निश्चित होती है। अच्छाई में संयम एवं सदाचार का आश्रय ही उसकी विजय सुनिश्चित करता है।
अच्छाई एक शांत नदी की तरह होती है, जो ना केवल प्यास बुझाती है अपितु जीवन के सृजन में मूल तत्व की भूमिका का निर्वाह भी करती है। निश्चित ही जीवन में अच्छाई होगी तो वह एक दिन सृजन का रूप अवश्य ले लेगी। अच्छाई ही वो सीढ़ी है जो आपको किसी के हृदय तक पहुँचा देती है। अच्छाई में जीवन जीना, सच्चाई में जीवन जीना ही है। इस अवसर पर एडवोकेट जगमाल आर्य ने कहा कि आर्यवीर दल संस्कृति एवं संस्कारों की रक्षा के लिए कार्य करता है।
संस्कृति और संस्कारों से ही राष्ट्र बचेगा। समाज एवं राष्ट्र के निर्माण में आर्य समाज एवं आर्यवीर दल की अहम भूमिका है। इस अवसर पर रवींद्र आर्य, एडवोकेट जगमाल आर्य बेरला, वेदप्रकाश कादमा, जतिन, भूपेश, पुनीत, हिमांशी, जिया, खुशवंत, विवेक, रोहित, विशेष, विकास, नवीन, साक्षी आदि की उपस्थिति रही।