(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। बांगलादेश में हिंदूओं पर विधर्मियों द्वारा लगातार किए जा रहे अत्याचारों को लेकर पूरे देश मे रोष की लहर है। इस विषय पर समस्त देश के नागरिकों का मानना है कि हमारी सरकार व प्रधानमंत्री हस्तक्षेप करे व प्रभावी कार्यवाही करवाने की पहल की जाए। इसके लिए अगर कठोर रवैया भी अख्तियार करना पडे तो उससे भी गुरेज न किया जाए। इसी विषय को लेकर आज विश्व हिन्दू परिषद, सर्वहित साधना न्यास, धर्म जागरण समन्वय, बजरंग दल व समस्त हिन्दू समाज के सदस्यों द्वारा संयुक्त रूप से आक्रोश मार्च निकाला गया। इसके साथ ही जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए इसे प्रधानमंत्री कार्यालय प्रेषित कर इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर कठोर कदम उठाने का आहवान किया गया।
विभिन्न संगठनों के सदस्यों, मौजिज नागरिकों व हिंदू समाज के लोगों द्वारा महाराज श्री श्री 1008 प्रभानंद प्रेमनाथ आश्रम राजस्थान, पांडवान स्वामी सच्चिदानंद सरस्वती और संत सदानंद गिरी महाराज के सानिध्य में जन आक्रोश यात्रा निकाली गई जिसमे सैकड़ों लोगों द्वारा हिंदू धर्म के जयघोष के साथ अपना गुस्सा जाहिर किया गया। नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए यह आक्रोश यात्रा बस स्टैंड निकट स्थित रोज गार्डन पहुंची। यहा स्थित शहीद समारक पहुंच कर पुष्प अर्पण किया और रैली को विराम दिया।इसके साथ ही जिला उपायुकत को बांग्लादेश में सनातन धर्मियों पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध सशक्त संदेश देने एवम् कार्रवाही हेतु ज्ञापन सौंपते हुए सभी ने इसके माध्यम से प्रधानमंत्री कार्यालय को बताया कि पडोसी राष्ट्र बांग्लादेश में हाल के दिनों में हमने बेहद परेशान करने वाली घटनाएं देखी हैं। मेहरपुर में इस्कान केंद्र को जलाया गया, पूरे बांग्लादेश में कई मंदिरों में तोडफ़ोड़ की गई।
दंगाइयों द्वारा सनातन धर्मियों की हत्या का जश्न मनाने का वीडियो प्रसारित हो रहा है। बांग्लादेश में सनातन धर्म की आबादी ने बार-बार उत्पीडऩ का सामना किया है, जो राजनीतिक अस्थिरता के समय अक्सर और बढ़ जाता है। 1971 में जब बांग्लादेश के गठन से पहले पाकिस्तानी शासन में 25 लाख हिंदुओं की हत्या कर दी गई थी। तब से हिंदुओं के खिलाफ नरसंहार चल रहा है। रिपोर्ट के अनुसार 2013 से बांग्लादेश में सनातन धर्मियों पर 3,600 से अधिक हमले हुए हैं। बांग्लादेश में वर्तमान घटनाक्रम के कारण अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ गए हैं।
नातन कोई धर्म नहीं है यह एक जीवन पड़ती है जो सदा से चली आ रही है। इस जीवन पद्धति को आप बनाने वाला चाहे विश्व के किसी भी देश में रहता हो उसे भारत का आत्मिक संबंध है। फोन पर यदि कोई आपदा आती है तो भारतीयों का खून खोलना स्वाभाविक ही है। भारत अब हर प्रकार से शक्ति संपन्न देश है इसलिए भारत सरकार से अनुरोध है कि वह उनकी रक्षा हेतु जो भी आवश्यक है पूरी शक्ति के साथ कदम उठाए।ज्ञापन के अंत में सभी ने कहा कि हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि बांग्लादेश में सनातन धर्मियों पर हमले और सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ ठोस संदेश दिया जाए। संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर बांग्लादेशी अधिकारियों पर दबाव डालें कि वे अपने सनातन धर्म के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाएं। अपराधियों पर कार्रवाई करें। अत्याचारों को रोकने तथा बांग्लादेश में सनातन धर्म समुदाय के मौलिक मानवाधिकारों को बनाए रखने के लिए तत्काल कार्रवाई जरूरी है।