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(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। महान व्यक्तित्व की धनी थी दादी प्रकाशमणि जिन्होंने अपने त्याग तपस्या व सेवा से समूचे विश्व को आध्यात्मिकता के बल से वसुधैव कुटुंबकम् का पाठ पढ़ा भारतीय संस्कृति को जीवित रखा यह उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की कादमा शाखा में डा. दादी प्रकाशमणि के 17 वें पुण्य स्मृति में विश्व बंधुत्व दिवस पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए क्षेत्रीय प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने व्यक्त किए। प्रकृति प्रेमी दादी जी की स्मृति में पौधे भी लगा पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी दिलाया गया।
ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने कहा कि दादी जी ने सभी को धैर्य, आशा और उमंग का पाठ पढ़ाया जिसके बल पर ही हम समाज को आध्यात्मिक नैतिक व मानवीय मूल्यों में बांध दिव्य बना सकते हैं तभी हमारा भारत देश पुन: विश्व गुरु कहलाएगा। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति अपनी शक्ति को समाज हित में लगाए तभी हम भारत को महान बना सकते हैं। ब्रह्माकुमारी वसुधा ने कहा कि दादी जी के नेतृत्व में भारतीय संस्कृति व मूल्यों को 140 से भी अधिक देशों में फैला समूचे विश्व को अध्यात्म से प्रकाशित किया।इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी नीलम ने कहा की दादी प्रकाशमणि जी प्रकृति प्रेमी थे मानव को जितना आध्यात्मिक मूल्यों से भरपूर करते थे उतना ही प्रकृति को भी शुभ भावना श्रेष्ठ भावना शुभकामना की शुद्ध पवित्र वाइब्रेशन दे प्रकृति को पावन बनाने का कार्य करते थे।
उन्होंने कहा की दादी जी के बताए मार्ग पर चल अपने घर परिवार को सुख शांति आनंद से भरपूर अध्यात्म का मार्ग अपनाएं तभी हमारा समाज सुख शांति दिव्यता से भरपूर होगा।ब्रह्माकुमारी रेखा बहन ने उपस्थित सभी भाई बहनों को कहा कि अपने दैनिक कार्यों के साथ-साथ कुछ समय हम स्वचिंतन व परमात्म चिंतन के लिए अवश्य निकालें जिससे हमारी कर्मेंद्रियां शांत शीतल होती जाएंगे और हम एक संयमित जीवन जीने लगेंगे। उन्होंने कहा कि हम अपने जीवन में आध्यात्मिक सामाजिक नैतिक मूल्यों को जीवन में धारण कर समाज को श्रेष्ठ बनाने का दृढ़ संकल्प लें यही उनके लिए सच्ची सच्ची श्रद्धांजलि होगी।इस अवसर पर पूर्व बैंक मैनेजर ईश्वर सिंह ने कहा कि आज हमारी भारतीय संस्कृति ऐसी महान आत्माओं के बल पर ही टिकी है। पूर्व पुलिस अधिकारी रामकुमार बडराई ने कहा की जैसे दादी प्रकाशमणि ने विश्व बंधुत्व का पाठ पढ़ाया उन्हीं के पद चिन्हों पर चलकर हमें समाज को एकजुटता में बांधे रखना है।