(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। उपमंडल के आधा दर्जन गांवों में अलग अलग समय हुई आगजनी की घटनाओं से लाखों का नुकसान हुआ है। जिला उपायुक्त को सारे मामले की जांच करवा कर प्रभावित किसानों को कम से कम एक लाख प्रति एकड़ मुआवजा जारी करना चाहिए वहीं ओलावृष्टि प्रभावित क्षेत्र के किसानों को भी तुरंत मुआवजा जारी करना चाहिए।
आज दक्षिणी हरियाणा में नामामत्र सिंचाई सुविधा, महंगे भाव का शुल्क देने के बावजूद नाममात्र मात्रा में खाद बीज इस्तेमाल कर बड़ी मुश्किल से अनाज उत्पादन किया है
भाकियू अध्यक्ष हरपाल सिंह भांडवा की अध्यक्षता में किसान संगठनों ने आगजनी प्रभावित खेतों का दौरा कर पीडि़त किसानों से मुलाकात की तथा उनको आश्वस्त किया कि किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए हरसंभव कदम उठाए जाऐंगे। आज दक्षिणी हरियाणा में नामामत्र सिंचाई सुविधा, महंगे भाव का शुल्क देने के बावजूद नाममात्र मात्रा में खाद बीज इस्तेमाल कर बड़ी मुश्किल से अनाज उत्पादन किया है लेकिन अब पकी हुई फसलें आग की भेंट चढ गई हैं। इससे किसानों के सामने भुखमरी के हालात बन गए हैं। क्षेत्र के सांसद, विधायक को इस मामले में किसी तरह कोरी ब्यानबाजी की बजाए तुरंत प्रभाव से किसानों की सुध लेते हुए उनके नुकसान की भरपाई करनी चाहिए।
बैठक में मौजूद किसानों ने आरोप लगाया कि रबी सीजन के बावजूद पहले कृषि व ग्रामीण क्षेत्र में बिजली पानी आपूर्ति न के बराबर होने से जनता में त्राही त्राही मची रही
अध्यक्ष हरपाल भांडवा ने कहा कि क्षेत्र के किसानों द्वारा छह माह पहले अपने अपने खेतों में ट्यूबवैल कनेक्षन के लिए अकेले दादरी जिले के दस करोड़ से अधिक की राशि बिजली विभाग को जमा करवा दी गई है लेकिन आज तक कनेक्षन जारी करना तो दूर बल्कि कछुआ गति से काम किया जा रहा है जिससे किसानों में रोष बना हुआ है। बैठक में मौजूद किसानों ने आरोप लगाया कि रबी सीजन के बावजूद पहले कृषि व ग्रामीण क्षेत्र में बिजली पानी आपूर्ति न के बराबर होने से जनता में त्राही त्राही मची रही। गर्मी के सीजन में बिजली न आने से ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल का संकट मंडरा रहा है वहीं ओलावृष्टि होने से रबी सीजन की नगदी फसल सरसों के सरसों गेहूं की फसलें खराबें की भेंट चढ गए हैं जो किसानों के लिए बड़ा नुकसान है।
कई किसानों ने कहा कि बाढड़ा उपमंडल के सबसे बड़े कृषि निर्भर बाहुल्य बाढड़ा इत्यादि गांवों में ओलावृष्टि ने 30 से अधिक गांवों की फसलों को बर्बाद किया है वहीं कनेक्षन जारी न करने के फैसलें के खिलाफ अब किसान और शोषण सहन नहीं करेंगे। बैठक में महासचिव ओमप्रकाश उमरवास, सतबीर सिंह बाढड़ा, पूर्व सरपंच गिरधारी, वेदप्रकाश काकड़ौली, भूपसिंह दलाल, राम अवतार लाड, ऋषिराम भांडवा, सत्यप्रकाश, नवीन बाढड़ा, ब्रहमपाल बाढड़ा, रणधीर हुई, करतार गोपी, ईश्वर सिंह, कमल सिंह हड़ौदी, आनंद वालिया, रामप्रकाश इत्यादि मौजूद रहे।
भाजपा सरकार किसान नहीं, पूंजीपति हितैषी
केन्द्र व प्रदेश सरकार कृषि क्षेत्र के कल्याण के बजट में कमी कर पूंजीपति नीतियों को बढावा दे रही है। हर घर तक स्वच्छ पेयजल व फसल सिंचाई का पानी पहुंचाने वाली प्रदेश सरकार धरातल पर पूरी तरह विफल साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि पीएम ने अपने वायदे के अनुसार अभी तक एमएसपी कानून लागू नहीं किया है वहीं उपमंडल व जिले के अन्नदाताओं की वर्ष 2020 व 2023 में बार बार प्राकृतिक आपदा से प्रभावित फसलों के मुआवजा वितरण में जानबूझ कर देरी बरती जा रही है जिससे किसानों के सामने खाद बीज का संकट पैदा हो गया है।
वहीं बिजली व सिंचाई की कमी से अगेती सरसों के पौद्ये प्रभावित हुए और अब बार बार ओलावृष्टि के कारण गेहूं, सरसों, सब्जियों खराबे की भेंट चढ चुके हैं। मौजूदा भाजपा सरकार कृषि व्यवस्था को कमजोर कर पूंजीपतियों को हावि बना रही है जो जायज कदम नहीं है। विभाग एक तरफ तो किसानों को नए कनेक्शन देने के नाम पर बड़े बड़े दावे कर रहा है जबकी दूसरी तरफ किसानों के हितों के साथ जमकर खिलवाड़ किया जा रहा है। इससे गरीब व भोले भाले किसानों को आर्थिक नुकसान और हुआ है।