(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। गीता एक दर्पण है जो हमें निमित्त बन निर्माण करना सिखाती है व आंतरिक विकारों से मुक्ति दिला जीवन को आध्यात्मिक मूल्यों से भरपूर करती है स्वयं और भगवान का सत्य परिचय करवाती है गीता। यह उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की कादमा शाखा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के उपलक्ष में सेवाकेंद्र में आयोजित कार्यक्रम गीता ज्ञान का जीवन में महत्व विषय पर उत्तराखंड से पधारे राजयोगी ब्रह्माकुमार मेहर चंद ने व्यक्त किए।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान करनाल व उत्तराखंड क्षेत्र के निदेशक ब्रह्माकुमार मेहरचंद ने कहा कि कर्म करो फल की चिंता मत करो अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण होना चाहिए हम अगर अपने भारत देश को पुन: विश्वगुरु बनाना चाहते हैं तो हमें अपने हर कर्म को नैतिकता के साथ करना होगा जिसके परिणाम सकारात्मक को सफल होंगे।
सुख और दुख का आधार हमारी सोच पर है जीवन की हर परिस्थिति में सही सोच ना आ जाए तो हम दुख से उपराम रह सकते हैं
समाज सेवा प्रभाग उत्तराखंड क्षेत्रीय संयोजिका ब्रह्माकुमारी नीलम बहन ने कहा कि गीता हमें सकारात्मक सोच के साथ आगे बढऩे का पाठ पढ़ाती है। उन्होंने कहा जरूरत से ज्यादा सोचने की आदत से इंसान की खुशियां छीन जाती है जो इंसान स्वयं के लिए जीता है उसका एक दिन मरण होता है परंतु जो इंसान दूसरों के लिए जीते हैं उनका हमेशा स्मरण होता रहता है इसलिए हमें सदा पुण्य कर्म करने चाहिए। ब्रह्माकुमारी बहन ने कहा की सुख और दुख का आधार हमारी सोच पर है जीवन की हर परिस्थिति में सही सोच ना आ जाए तो हम दुख से उपराम रह सकते हैं।
क्षेत्रीय प्रभारी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने सभी को गीता ग्रंथ में दिखाएं रास्ते पर चल जीवन में नियमित राजयोग मेडिटेशन करने के लिए प्रेरणा दी। जिससे हम अपने कर्म इंद्रियों पर नियंत्रण कर अपनी सोच को सकारात्मक बना जीवन को संतुलित बना आनंद व खुशी से भर सकते हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। ब्रह्माकुमार जितेंद्र ने भी कविता के द्वारा सभी का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमार मा.सुनील ने किया।
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