- महापुरुष अपनी दिव्य दूरदर्शी विचारधारा से इस धरा को रोशन करने का काम करते
(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। प्रत्येक व्यक्ति मानव जीवन में समाज से, प्रकृति से कुछ न कुछ लेता ही है लेकिन कुछ महापुरुष अपने दिव्य दूरदर्शी विचारधारा से इस धरा को रोशन करने का काम करता है। राजयोगी भ्राता अमीरचंद ने आजीवन समाज को दिव्य गुणों व मानवीय मूल्यों से अमीर बना समाज को दिव्या बनाने में अद्भुत योगदान दिया जिसके लिए वह उनको नमन करते हैं।
शिविर में 125 लगों की आंखों की जांच कर 85 लोगों की स्काई पैथ लैब झोझूकलां द्वारा निशुल्क बीपी शुगर व रक्त की जांच की गई
यह बात क्षेत्रीय प्रभारी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने ब्रह्माकुमारीज संस्थान के उत्तरी क्षेत्र के निदेशक रहे राजयोगी ब्रह्माकुमार अमीरचंद भ्राता जी के चतुर्थ पुण्य स्मृति दिवस पर ब्रह्माकुमारीज व ग्राम पंचायत रामबास के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित नि:शुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर के शुभारंभ पर कही। शिविर का शुभारंभ भ्राता अमीरचंद जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया। निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर में धीर अस्पताल भिवानी के डॉक्टर्स ने अपनी सेवाएं दी आंखों के रखरखाव के बारे में विस्तार से बताया व नि:शुल्क दवाई भी दी गई। शिविर में 125 लगों की आंखों की जांच कर 85 लोगों की स्काई पैथ लैब झोझूकलां द्वारा निशुल्क बीपी शुगर व रक्त की जांच की गई।
ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने कहा कि समाज सेवा प्रभाग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे भ्राता अमीरचंद त्याग तपस्या सेवा की प्रतिमूर्ति थे उन्होंने बचपन से ही अपनी ईश्वरीय लगन एकाग्र कुशाग्र बुद्धि से अपनी लौकिक पढ़ाई व सर्विस करते हुए भी समाज में नैतिक व आध्यात्मिक मूल्यों की स्थापना के लिए देश विदेश में अनेकों सम्मेलन कार्यक्रमों का आयोजन किया। 1939 में करनाल में जन्मे आजीवन बाल ब्रह्मचारी अमीर चंद बच्चे बूढ़े जवान सभी में दिव्य गुणों को कूट-कूट कर भर अमीर बनाकर इस दुनिया से अव्यक्त हो गए।
ब्रह्माकुमार मा. सुनील ने भ्राता अमीरचंद जी के साथ बिताए हुए संस्मरण सुनाए और कहा कि वह दिनचर्या व ईश्वरीय मर्यादाओं में एक्यूरेट थे
झोझूकलां सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने कहा कि भ्राता अमीरचंद ने हमेशा छोटों को प्यार सहयोग देकर इस आध्यात्मिक क्षेत्र में आगे बढ़ाया और दीदी दादियों से अध्यात्म व मानव मूल्यों का जो पाठ पढ़ा वह दुनिया भर में फैलाया वास्तव में वह समाज के सच्चे हितैषी थे। उन्होंने युवाओं को सकारात्मक सोच के द्वारा समाज को श्रेष्ठ बनाने की कला सिखाई। ब्रह्माकुमार मा. सुनील ने भ्राता अमीरचंद जी के साथ बिताए हुए संस्मरण सुनाए और कहा कि वह दिनचर्या व ईश्वरीय मर्यादाओं में एक्यूरेट थे।
निशुल्क जांच शिविर में डा. संतोष, व पंकज राजकुमार, तनु, ज्योति सुखबीर, डॉ योगेंद्र, वरुण बादल सहयोग रहा। सरपंच प्रतिनिधि अशोक शर्मा ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भ्राता अमीरचंद जी के पद चिन्हों पर चल समाज को श्रेष्ठ बनाना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि देना है। ब्रह्माकुमारी नीलम, रितु, अनुज, धर्मवीर, चंद्रभान मनोज रोमन आदि ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
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