(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। जननायक जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष नरेश द्वारका ने कहा कि भिवानी महेन्द्रगढ लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक खरीफ सीजन की कपास, ग्वार की फसलों को नुकसान हुआ है और इससे उत्पादन में भी गिरावट दर्ज की गई है। इसी क्षेत्र में प्रदेश में सबसे अधिक डीएपी, यूरिया संकट बना हुआ है वहीं जनप्रतिनिधि जनता के बीच से गायब हैं जिससे प्रभावित किसानों के होश फाख्ता हो गए हैं। सरकार को अपनी लापरवाह कार्यशैली छोडकऱ तत्काल प्रभाव से किसानों को लंबित ट्यूबवैल कनेक्षन व डीएपी उपलब्ध करवा कर उनको बिजाई करवानी चाहिए।
यह बात उन्होंने क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों के दौरे के दौरान किसानों से मुलाकात के दौरान कही। उन्होंने कहा कि कितना दुर्भाग्य की बात है कि अन्नदाता की मौजूदा खरीफ सीजन की ग्वार, बाजरा, कपास की फसलें प्राकृतिक आपदा की भेंट चढ गई वहीं अब आगामी रबी सीजन की बिजाई में ही खाद का संकट बना हुआ है।
भिवानी महेन्द्रगढ जिले में भाजपा के दो कैबिनेट मंत्री, किरण चौधरी व धर्मबीर सिंह के रुप में दो सांसद व सात विधायक होने के बावजूद बुजर्ग महिला, पुरुष व युवा किसान पुलिस स्टेशनों में खड़े होकर एक एक बैग डीएपी के लिए अपना कीमती समय बर्बाद कर रहे हैं। दो माह पूर्व तक ये सांसद, मंत्री व विधायक जनता के सेवक होने की दुहाई दे रहे थे लेकिन आज किसानों के लंबित कनेक्षन करवाने, बिजाई के पूरे सीजन में डीएपी लाने में ही ये गायब रहे हैं जिससे भाजपा सरकार में अफसरशाही का सीधा सबूत आ गया है।
किसानों को प्रतिदिन खाद खरीदने के लिए कामकाज छोडकऱ खाद बिक्री केंद्रों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं
अकेले बाढड़ा क्षेत्र के किसानों द्वारा छह करोड़ की राशी जमा करवाने के बावजूद उनको ट्यूबवैल कनेक्षन देने में केवल खंभे ही लगाए गए हैं और इसमें भी देरी करना न्यायसंगत नहीं है। सरकार को डीएपी की किल्लत के लिए जिम्मेवार अधिकारियों पर कार्यवाही करनी चाहिए वहीं सरकार में जनप्रतिनिधि बने सांसदों, मंत्रियों व विधायकों को दिल्ली, चंडीगढ की बजाए धरातल पर उतरकर अन्नदताा की जरुरतें पूरी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को प्रतिदिन खाद खरीदने के लिए कामकाज छोडकऱ खाद बिक्री केंद्रों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
महिलाएं भी खाद के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगने को मजबूर हैं परंतु इतनी कठिनाईयों के बावजूद भी किसान को खाद नहीं मिल पा रही। किसान सरसों की बिजाई की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन डीएपी खाद ना मिलने के कारण उन्हें इंतजार करना पड़ रहा है और मजबूरन आर्थिक संकट भी सहन करना पड़ेगा। जिससे खाद के अभाव में किसानों को बिना डीएपी खाद के सरसो की फसल बिजाई करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
खाद की किल्लत से बचने को लेकर सरकार कोई पुख्ता कार्य योजना नहीं बना पाई है
प्रदेश सरकार द्वारा बाढड़ा क्षेत्र की मांग अनुसार खाद उपलब्ध नहीं करवाई जा रही,जिससे हल्के के किसान खाद की भारी किल्लत से जूझ रहे है। खाद की किल्लत से बचने को लेकर सरकार कोई पुख्ता कार्य योजना नहीं बना पाई है। सरकार और प्रशासन की इस उदासीनता और लापरवाही को लेकर किसानों में भारी रोष व्याप्त है। उनके अलावा जजपा हलकाध्यक्ष ऋषिपाल उमरवास, मिडिया प्रभारी राजेन्द्र सिंह हुई, भूपसिंह मांढी, इनेसो अध्यक्ष विजय श्योराण काकड़ौली, धर्मबीर फौगाट, ठेकेदार कृष्ण काकड़ौली, इत्यादि मौजूद रहे।
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