(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। प्रेरक संघ के प्रदेशाध्यक्ष मा. विनोद माण्ढी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम ने चण्डीगढ मुख्यमंत्री आवास कबीर कुटीर में मुलाकात कर प्रेरकों के रोजगार की मांग रखी।प्रदेशाध्यक्ष मा. विनोद मांढी ने मुख्यमंत्री को अपना ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि हरियाणा में 5100 प्रेरक प्रौढ़ शिक्षा हेतु साक्षर भारत मिशन के तहत कार्यरत थे। उन्होंने अपनी मांग रखते हुए बताया कि प्रेरकों को प्रौढ शिक्षा हेतु 12 अगस्त, 2012 में नियुक्त किया गया था।
विभाग ने प्रेरक संघ हरियाणा की मांग डाटा ऑन लाइन जरूर कवाया परन्तु रोजगार के नाम लीपा पोती ही की गई
उपरोक्त विषम के संदर्भ में शिक्षा विभाग द्वारा 4 अगस्त 2019 को इन शिक्षा प्रेरकों को डाटा बीईओ कार्यालय से विभाग द्वारा लेटर जारी करके ऑनलाईन मांगा गया था। उस वक्त 4888 शिक्षा प्रेरक कार्यरत थे। विभाग ने प्रेरक संघ हरियाणा की मांग डाटा ऑन लाइन जरूर कवाया परन्तु रोजगार के नाम लीपा पोती ही की गई। विभाग ने डाटा भी सरकार को भेजे थे कि साक्षर भारत मिशन के तहत प्रत्येक गांव में एक महिला व पुरुष शिक्षा प्रेरक नियुक्त किए थे। हरियाणा के दस जिलों में लगभग 5100 शिक्षा प्रेरक लगाए गए थे। भिवानी में 806, फरीदाबाद में 200, कैथल 524, जीन्द में 517, महेन्द्रगढ़ 519, हिसार 508, सिरसा में 423, फतेहाबाद में 445 करनाल में 730, व गुरुग्राम 285 शिक्षा प्ररेक नियुक्त गए थे। जिनमें 70 प्रतिशत महिला हैं। ये सभी शिक्षा प्रेरक सरकारी नौकरी की आयु सीमा को पार कर चुके हैं। इन सभी प्रेरकों को रोजग़ार देकर संतोषजनक वेतनमान दिया जाए।
प्रेरक संघ ने भी आश्वस्त किया कि हमारी जहां भी ड्यूटी लगाएगी हम सभी शिक्षा प्रेरक पूरी निष्ठा व जिम्मेदारी के साथ जो कार्य पुरा करेंगे। जो कि किसी सरकारी नौकारी में आवेदन के योग्य नहीं है और हटाने के पिछे अधिकारियों द्वारा बजट का हवाला दिया गया जो न्याय संगत नही है। सभी प्रेरक साथियों ने तत्परता से अपना कार्य किया। सरकार ने बार – बार इनके कार्य की प्रशंसा करते हुए प्रशस्ति पत्र भी दिए।
समय के चलते प्रेरकों से शिक्षा के अलावा, जन धन खाता योजना, स्वच्छ भारत मिशन, मतदाता पहचान पत्र, पर्यावरण संरक्षण हेतु कार्य लिया गया। सभी प्रेरकों ने बाकी सभी योजनाओं में बिना पारिश्रमिक और निस्वार्थ भावना से कार्य भी किया। मा . विनोद माण्ढी ने कहा कि शिक्षा प्रेरकों द्वारा किए गए कार्य की बदौलत हरियाणा सरकार को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिला। परन्तु दुर्भाग्य से 6 जून 2017 को सभी प्रेरकों को बजट का हवाला देकर एक नोटिस के माध्यम से हटा दिया गया जोकि प्रेरकों के लिए न्यायोचित नहीं था। पूरी ईमानदारी से लगातार नाममात्र के मानदेय पर कार्य करने के बाबजूद इस प्रकार का कठोर निर्णय किसी प्रकार से उचित नहीं कहा जा सकता।
कोशल रोजगार निगम में शामिल करने की मांग
प्रदेशाध्यक्ष विनोद मांढी ने मुख्यमंत्री के सामने मांग रखते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने पूर्व कार्यरत कर्मचारियों को हरियाणा कौशल रोजगार में अनुभव आधार पर रोजगार दिया, जोकि प्रशंसा का पात्र है, परन्तु प्रेरकों के पास 5 वर्ष का अनुभव होने के बावजूद भी कौशल रोजगार निगम में सामिल नहीं किया जाना न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने ने मुख्यमंत्री के सामने मांग रखी की सभी पूर्व प्रेरकों को प्राथमिकता से योग्यता अनुसार रोजगार देकर न्याय किया जाए।
शिक्षा प्रेरक संघ प्रदेशाध्यक्ष मा. विनोद माण्ढी ने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ उनकी बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई है और मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वत किया है की उनका पूरा मामला उनके संज्ञान में है जल्द पॉजिटिव सोच के साथ कार्य किया जाएगा। मांग पत्र लेकर गंभीरता से सुनते हुए संघ के सदस्यों को आश्वस्त किया है कि उनके बारे अच्छा सोचा जाएगा । इस अवसर पर उनके साथ राजकुमार जांगडा बिडोला,कुलदीप कटवाल, आजाद सिंह, तोशाम खंड प्रधान योगेश छप्पार, सोमबीर कतवार, पवन कतवार, जयवीर बलियाली, कृष्ण आदि मौजूद रहे ।