Charkhi Dadri News : जान जोखिम में डालकर काम करने को मजबूर, चोट या करंट लगने पर खुद के पैसे से ईलाज करवाने को मजबूर

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Forced to work risking their lives, forced to get treatment at their own expense in case of injury or electrocution.
बिजली आपूर्ति लाईनों पर जान जोखिम में डालकर काम करते कच्चे कर्मचारी।

(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। केन्द्र व प्रदेश सरकार भले ही कर्मचारियों के जीवनरक्षा का दम भरे लेकिन धरातल पर उनसे शुल्क वसूलने के बावजूद उनकी विषम परिस्थितियों में स्वास्थ्य सुविधा के लिए आयुष्मान, चिरायु स्वास्थ्य कार्ड तक नहीं जारी कर पाई है जिससे प्रदेश के कौशल रोजगार निगम में नियुक्त हजारों कर्मचारियों में रोष बना हुआ है। बिजली विभाग ने अपने कच्चे कर्मचारियों को पिछले वर्ष के नवंबर माह में समस्त प्रदेश से दो करोड़ से अधिक का शुल्क भी स्वास्थ्य विभाग के कोष में जमा करवा दिया है लेकिन सरकार कार्ड जारी करने में जानबूझ कर कंजुसी बरत रही है।

प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष सभी अनुबंधित कर्मियों को कौशल रोजगार निगम में शामिल कर उनके स्वास्थ क्षेत्र में बड़ी सौगात देते हुए उनको नाममात्र राशी 1500 रुपये जमा करवाने के बाद आयुष्मान, चिरायु स्वास्थ्य कार्ड जारी करने का फैसला लिया। विभाग के आदेश में पर बिजली विभाग में पिछले बीस साल से नियुक्त कच्चें कर्मियों से स्वेच्छा के आधार पर आयुष्मान स्वास्थ्य सुविधा लेने का आदेश दिया जिसके बाद सभी कर्मियों ने नवंबर 2023 में ही निर्धारित शर्ते पूरी करने के बाद आवेदन कर दिया लेकिन लगभग दस माह का समय गुजरने के बाद भी इन कर्मियों को स्वास्थ्य सुविधा पाने के लिए आयुष्मान, चिरायु स्वास्थ्य कार्ड के दर्शन तक नहीं हो पाए हैं जिससे 24 घंटे जान को जोखिम में डालकर आमजन को बिजली पहुंचाने में जुटे कर्मियों को हर समय भय बना रहता है। कर्मचारी नेता मुकेश बाढड़ा, दिनेश कुमार, सुनील कुमार इत्यादि ने बताया कि बिजली विभाग में आपूर्ति करने के लिए उनको दिन रात आपूर्ति लाईनों पर काम करना पड़ रहा है जिससे उनमें हर समय जोखिम बना रहता है।

जब भी कोई दुर्घटना घटित होती है तो उनको खुद के पैसे से ईलाज करवाना पड़ रहा है। एक तरफ तो नाममात्र वेतन व ऊपर से ईलाज के लिए स्वयं पर ही बोझ आने से उनमें हर समय भय का माहौल बना हुआ है। प्रदेश भर के सभी कच्चे बिजली कर्मियों ने प्रदेश सरकार के फैसलें पर सहमति प्रकट करते हुए नवंबर 2023 में ही 1500 रुपये के शुल्क समेत सभी निर्धारित शर्ते पूरी करने के बाद आवेदन कर दिया लेकिन लगभग दस माह का समय गुजरने के बाद भी इन कर्मियों को स्वास्थ्य सुविधा पाने के लिए आयुष्मान, चिरायु स्वास्थ्य कार्ड का इंतजार करना पड़ रहा है।

इस बारे में जब भी बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों से इस योजना के कार्ड जारी करवाने के लिए संपर्क किया जाता है तो वह शुल्क व सभी कागजात स्वासथ्य विभाग के पास जमा होने का बहाना बनाकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं वहीं बिजली कर्मियों को किसी भी तरह की दुर्घटना में पर अपने पैसे से महंगा ईलाज करवाना मजबूरी बन गया है। बिजली विभाग के सभी कच्चे कर्मियों ने दावा किया कि सरकार ने जल्द ही उनकी सुध नहीं ली तो वह बड़ा आंदोलन शुरु करने पर मजबूर होंगे। इस बारे में बिजली विभाग के उपमंडल अधिकारी से संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो

राज्य स्तर पर होगा बड़ा आंदोलन

बिजली विभाग कच्चा कर्मचारी संघ संयोजक मुकेश बाढड़ा ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार कच्चे कर्मियों के साथ जानबूझकर सौतेला बर्ताव कर रही है। बड़े दुर्भाग्य की बात है कि बिजली कर्मचारी दिनरात खतरे में काम करते हैं लेकिन सभी कर्मियों से 150 करोड़ का भारीभरकम शुल्क जमा करवाने के बाद भी आयुष्मान, चिरायु स्वास्थ्य कार्ड के दर्शन तक नहीं हो पाए हैं। इससे कच्चे कर्मियों को 24 घंटे जान को जोखिम में डालकर आमजन को बिजली पहुंचाने में जुटे कर्मियों को हर समय भय बना रहता है। उन्होंने कहा कि जल्द ही कच्चे कर्मचारियों की राज्य स्तरीय बैठक बुलाकर बड़े आंदोलन का एलान किया जाएगा।

कर्मियों के हितों की सुरक्षा की गारंटी दे सरकार

जजपा कर्मचारी सैल के प्रदेश संयोजक संजीव मंदौला ने कहा कि बड़े दुर्भाग्य की बात है कि शुल्क जमा होने के बाद भी कच्चे कर्मियों को स्वास्थ्य श्रैणी में शामिल तक नहीं किया गया है। स्थाई व अस्थाई कर्मियों के जीवन की सुरक्षा से किसी सुरत में खिलवाड़ सहन नहीं किया जाएगा।  इस मामले को लेकर जल्द ही बिजली व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मुलाकात कर आगामी रणनीति तैयार की जाएगी।