Charkhi Dadri News : भाकियू के मौजूदा अध्यक्ष हरपाल भांडवा की अगुवाई में ही करेंगे किसान हितों की पैरवी

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Farmers' interests will be advocated under the leadership of the current BKU president Harpal Bhandwa
किसान भवन में आयोजित बैठक में भागीदारी करते भाकियू पदाधिकारी।
  • हरपाल भांडवा के पक्ष में उतरे सैंकड़ों गांवों के किसान

(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। भाकियू संगठन पूरी तरह गैर राजनैतिक है और मजबूती से किसान हितों की रक्षा करने के लिए संघर्ष किया है और जारी रहेगा। भाकियू के मौजूदा अध्यक्ष हरपाल सिंह भांडवा की कार्यशैली कृषि क्षेत्र के प्रति समर्पित रही है और वह पूरी तरह ईमानदारी से अपना काम कर रहें हैं और सभी पदाधिकारी उनके नेतृत्व में ही काम करेंगे।

भाकियू महासचिव ओमप्रकाश उमरवास ने सर छोटूराम किसान भवन में आयोजित बैठक में किसान संगठन के गठन को लेकर विचार विमर्श किया गया। बैठक में सभी पदाधिकारियों, पंच सरपंचों व मौजिज ग्रामीणों ने कहा कि भाकियू की अगुवाई में बिल माफी, स्लैब प्रणाली, बिजली घरों को अपग्रेड करने, गांव हड़ौदी में स्मारक स्थल, ओलावृष्टि होने पर सरकार पर दबाव बनाकर बार बार मुआवजा जारी करवाने में सफल रहे हैं।

भाकियू अध्यक्ष हरपाल सिंह भांडवा को ही भविष्य में अध्यक्ष बनाने का हाथ उठाकर समर्थन किया गया। बैठक में नंबरदार एसोसिएशन अध्यक्ष राजबीर हंसावास, पूर्व सरपंच सतबीर भांडवा, धनसिंह नंबरदार काकड़ौली, जोरासिंह उमरवास, मा. रणबीर सिंह चांदवास, नवीन बाढड़ा, राधेश्याम शर्मा, बलवान सिंह कारी, ध्यान सिंह भांडवा, रोहताश बाढड़ा, जयसिंह हंसावास, सुरेन्द्र किष्कंधा, विजयपाल, हरकेराम, ईश्वर सिंह, भूपसिंह दलाल, नफेसिंह बाढड़ा, रघबीर किष्कंधा, कमल सिंह हड़ौदी, महिपाल कारी, रामबीर, जगबीर, धर्मपाल नांधा, जगदीश बलौदा, राजबीर मान लाड, जगबीर बिलावल, ओमप्रकाश, महाबीर, धर्मपाल लाड, रणधीर हुई, गिरधारी मोद, जगबीर बिलावल, रणधीर सिंह, सुखबीर, रणबीर बाढड़ा, प्रदीप धनासरी, मनोज कुमार, कृष्ण कुमार इत्यादि मौजूद रहे।

किसानों के बकाया मुआवजे को लेकर सरकार त्वरित कदम उठाए

भाकियू अध्यक्ष हरपाल भांडवा ने कहा क्रि खरीफ 2023 सीजन की कपास की फसल पर पहले सूखे की मार व फिर बेमौसमी बरसात ने उत्पादन पर सबसे अधिक गिरावट दर्ज करवाई है। किसानों की हजारों एकड़ फसलें खराबें की भेंट चढ गई लेकिन अब पीएम फसल बीमा के लिए अनुबंधित कंपनी ने सारी रिपोर्ट में गोलमाल कर जिले का डेढ सौ करोड़ का मुआवजार न देकर किसानों के मुहं से निवाला छिनने का काम किया है। इससे अकेले दादरी जिले को पच्चास करोड़ व भिवानी जिले को ढाई सौ करोड़ का नुकसान हुआ है।

उन्होंने पिछले सप्ताह सीएम, पूर्व कृषि मंत्री व जिला उपायुक्त को अपील की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वह क्षेत्र के विधायक, सांसद व उपायुक्त से मांग करते हैं कि सरकार को सारी जानकारी देकर किसानों को न्याय दिलवाने की अपील की है। सत्तासीन जनप्रतिनिधियों को सरकार पर दबाव बनाकर किसानों के हितों की रक्षा करनी चाहिए वरना आंदोलन को तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो केन्द्र व प्रदेश सरकार कृषि व किसान को आत्मनिर्भर बनाकर विकसित भारत बनाने का दावा कर रही है जबकी दूसरी तरफ पीएम फसल बीमा योजना में कंपनियों के गोलमाल से किसानों के हितों से कुठाराघात किया जा रहा है जो न्यायसंगत नहीं है।

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