Charkhi Dadri News:आबकारी विभाग के चौथी बार के प्रयास भी विफल, ठेकों की बजाए सडक़ों पर दुकानों

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Excise department's efforts failed for the fourth time, instead of contracts, shops were opened on the streets.
ग्रामीण क्षेत्र में शराब के ठेके पर लगा ताला।

(Charkhi Dadri News)बाढड़ा। 11 जून से बंद पड़े शराब ठेकों की निलामी के लिए आबकारी विभाग द्वारा 11 जून से 28 जून तक लगातार चार बार आनलाईन तरीके से निविदा आमंत्रित करने के बावजूद अभी तक 13 जोन की बोली सिरे नहीं चढ पाई है। इससे जहां विभाग को पिछले 17 दिन से रायल्टी के रुप में मिलने वाली लगभग 40 से 45 करोड़ का नुकसान हुआ है वहीं ग्रामीण क्षेत्र में शराब बिक्री में जुटे युवा मनमाने भाव से दोगुनी से तीन गुणा अधिक कीमत वसूल कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।

चार चरणों के बावजूद ठेकेदारों ने निविदा में नहीं लिया भाग

निलामी की वार्षिक निर्धारित तिथि पर भी शराब ठेकों की निलामी न होने के कारण अकेले दादरी जिले के 19 में से 13 जोन में अभी भी सैंकड़ों ठेके बंद हैं। ठेके वाले ठेकेदारों को उम्मीद थी कि अलग अलग श्रैणी के ठेकों में पांच से दस फिसदी कमी  की उम्मीद थी लेकिन आबकारी विभाग चार बार की आनलाईन निविदा के बाद अब निर्धारित रायल्अी राशी से शर्तो के कारण कमी करने में मजबूर है ओर दोनों पक्षों के मध्य तालमेल न होने से जिले के अधिकतर ग्रामीण क्षेत्र में शराब आपूर्ति व बिक्री रामभरोसे है वहीं कोई समाधान होने पर आबकारी विभाग 2 जुलाई के बाद पांचवी बार फिर निलामी करवाने के प्रयास पर सबकी नजरें टिकी हैं।प्रदेश सरकार के आबकारी विभाग ने वर्ष 2023-2024 के मौजूदा सत्र के 10 जून को पूरा होने के बाद अब 11 जून के नए सत्र के लिए जोन स्तर पर निलामी होने वाले ठेकों की प्रतिभूति राशि में पांच से सात फिसदी वृद्धि कर आबकारी विभाग के पोर्टल पर आनलाईन आवेदन आमंत्रित किए हैं। लेकिन पहले से ही नुकसान झेल रहे शराब ठेकेदारों ने नए भाव में शामिल होने से दूरी बनाने में ही भलाई समझी। विभाग के इन बढ़े हुए रेटों से पहले से शराब ठेकों से जुड़े कारोबारियों ने निलामी प्रक्रिया से दूर हटते हुए इनमें कमी की मांग करते हुए निलामी के आवेदन में भाग नहीं लिया।

11 जून से शराब ठेकों पर शराब बिक्री पर लगा प्रतिबंंध

भिवानी जिला आबकारी कार्यालय से संचालित होने वाले भिवानी-दादरी दोनों जिले के 65 जोनों में से मात्र दस से बीस फिसदी ही निलामी में जोन छूटे की सुचना से विभाग के होश फाख्ता हो गए हैं वहीं 11 जून के समय पूरा होने के बाद पुराने शराब ठेकेदारों ने अपने ठेकों पर ताला लगाकर शराब बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया वहीं आबकारी विभाग भी अब मौजूदा नीति में कुछ रियायत देकर निविदा आमंत्रित करने का चार बार प्रयास कर चुकी है क्योंकी प्रतिदिन सरकार को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ रहा है। लेकिन विभाग के सभी प्रयास विफल नजर आ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की बिक्री बड़ा कारोबार है और लाल परी के दिवाने बेसब्री से शराब ठेके खुलने के इंतजार में हैं। शराब ठेकेदारों व सरकार के बीच चल रहे विवाद का कुछ लोग खूब फायदा उठा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के युवा शराब ठेकों के आसपास परचून की दुकानों से लेकर वाहनों में शराब की खेप लेकर शराब की कालाबाजारी कर जमकर फायदा उठा रहे हैं और दो से तीन गुणा अधिक भाव पर बोतल बेचकर विभाग को नुकसान लगा रहे हैं।

माना जा रहा है कि प्रदेश सरकार की वार्षिक आबकारी ठेका निलामी प्रक्रिया में पांच से सात फिसदी वृद्धि से लंबे समय से शराब से जुड़े ठेकेदारों ने हाथ वापस खींच लिए हैं जिससे निलामी प्रक्रिया पूरी तरह धरातल पर आ गई है। अकेले दादरी जिले में 19 जोनों में से आनलाईन पोर्टल पर मात्र पांच जोन की निलामी होने से शेष बचे जिले में सभी शराब के दुकानों पर 11 जून से ताला लगा हुआ है वहीं पहले दिन तो लालपरी के दिवाने शराब के लिए दर दर भटकते रहे और उसके बाद इस धंधे से जुड़े शराब ठेकेदारों ने रातोंरात दूसरे जिलों व शहरी क्षेत्रों से शराब की आपूर्ति कर मनमाने भाव पर बिक्री कर अपनी जेब भरनी आरंभ कर दी है। शराब व्यवसाय से जुड़े ठेकेदारों की एकजुटता पर आबकारी विभाग गंभीरता लगातार मंथन कर रहा है और ठेकेदारों को उम्मीद थी कि मंगलवार 18 जून व 21 जून के बाद 28 जून को उनको पांच करोड़ से नीचे के दायरे वाले व पांच करोड़ से ऊपर के जोन वाले ठेकों में कुछ रियायत दी गई लेकिन विफल रही है जिस पर अब सबकी 2 जुलाई की आनलाईन निविदा खुलने का बेसब्री से इंतजार है। बताया जा रहा है शराब बिक्री ठप्प होने से अकेले दादरी जिले में चालीस से पेंतालीस करोड़ से अधिक कर राशी का नुकसान हुआ है।

पिछले सत्र में हुआ नुकसान, अबकी बार हाथ वापस खींचे

चरखी दादरी जिले में आबकारी विभाग की आनलाईन प्रक्रिया में अभी तक मात्र छह समूहों के ठेकों की ही निलामी हो पाई है वहीं शेष 13 जोन आज भी निलामी के इंतजार में है जिससे सरकारी कोष को जमकर नुकसान झेलना पड़ रहा है। आबकारी व शराब ठेकेदारों के विववाद के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में शराब के ठेकों पर तो ताला लगा है लेकिन उसके पिछवाड़े में शराब की खेप जमा कर बड़े मुनाफे के साथ बेच रहे हैं। परचूनी की दुकान से लेकर छोटे छोटे वाहनों में शराब बिक्री की जा रही है और एजेंट दो मिनट में ही महंगे भाव पर बोतल बेचकर गायब हो रहे हैं। चरखी दादरी जिले के 167 ग्रामीण क्षेत्र व दादरी, बोंद, बाढड़ा शहरी क्षेत्रों को शामिल कर शराब के अलग अलग गांवों के शराब ठेकों व उपठेकों के 19 समूह बनाए गए है। बड़े व छोटे सर्कल स्तर के धंधे में शामिल रहे शराब ठेकेदारों ने बताया कि आपसी प्रतिस्पर्धा व सरकार के बार बार भाव बढाने से शराब कोई मुनाफा कमाने का व्यवसाय नहीं रहा ऊपर से अन्य परेशानी भी बढ रही हैं। पिछले वर्ष 2023-2024 के आबकारी सत्र में भी सरकार ने अनाप शनाप शुल्क थोप दिया जिससे सारा साल ठेकेदारों को बड़ा नुकसान वहन करना पड़ा। अब फिर से सरकार ने प्रति जाने स्तर की पिछली रकम पर पांच से सात प्रतिशत वृद्धि कर दी जो किसी सुरत में भुगतान नहीं हो सकती। वह प्रतिदिन के नुकसान की बजाए इससे दूरी बनाने में ही भलाई समझते हैं। मौजूदा सत्र के लिए सरकार को आज 2 जुलाई को निलामी प्रक्रिया में बढाई गई राशि को वापस लेकर शराब ठेकेदारों को रियायत देनी चाहिए ताकि शराब ठेकों की तुरंत निलामी पूरी हो सके।

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