Charkhi Dadri News : छात्र संख्या में कमी आने शिक्षा विभाग का कड़ा फैसला

0
108
Education department takes tough decision due to decrease in student numbers
खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय।

(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। शिक्षा विभाग ने कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को साथ लगते गांवों के स्कूलों में मर्ज करना शुरू कर दिया है जिससे ग्रामीण क्षेत्र में हडक़ंप मच गया है और जल्द ही इसका बड़ा विरोध शुरू होने की संभावना है। खंड शिक्षा अधिकारी ने गांव आर्यनगर के राजकीय उच्च विधालय के मुख्य अध्यापक को पत्र भेजकर मौजूदा सत्र में नौंवी व दसवीं कक्षा के दाखिले नहीं करने का दिशानिर्देश जारी किया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी के आदेश पर ग्रामीणों ने रोष जताया है वहीं विभाग का तर्क है कि पिछले तीन वर्षों में छात्र संख्या न बढाने पर विभाग ने बहुत देर व इंतजार के बाद यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग ने वर्ष 2020–2021 में विशेष बैठक आयोजित कर ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूलों की गिरती हुई छात्र संख्या पर संबंधित संस्था मुखिया, स्कूल प्रबंधन समिति व ग्राम पंचायतों के पास पत्र भेजकर अपने अपने स्कूल में छात्र संख्या बढाने की अपील की। इस अभियान में बाढड़ा क्षेत्र के भी चार उच्च व आधा दर्जनसहित कई प्राथमिक स्कूल भी इस क़तार में आ गए थे। शिक्षा विभाग का पत्र मिलते ही ग्रामीण क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल बन गया।

गांव में जनजागरण अभियान चलाया और कुछ स्कूलों मै छात्र संख्या मे वृद्धि भी हुई 

शिक्षा विभाग की इस नसीहत पर क ई स्कूल मुखियाओं व मौजिज ग्रामीणों ने संयुक्त बैठक आयोजित कर गांव में जनजागरण अभियान चलाया और कुछ स्कूलों मै छात्र संख्या मे वृद्धि भी हुई है।लेकिन कई स्कूलों में उस समय की छात्र संख्या में भी गिरावट आ गई जिसपर शिक्षा विभाग ने पिछले सत्र में ही खंड के आधा दर्जन स्कूलों को बंद करने या दूसरे गांव के साथ लगते स्कूलों में मर्ज किए जाने का आदेश दिया जिसपर ग्रामीणों व अध्यापक संगठनों ने विरोध किया और सरकार ने सभी की मांग पर उनको एक वर्ष में छात्र संख्या बढाने का अल्टीमेटम दिया।

इस दौरान बंद या मर्ज किए जाने की श्रेणी में शामिल स्कूलों मे से अनेक गांवों के छात्रों मे बढोतरी होने पर शिक्षा विभाग ने कुछ स्कूलों को बंद करने के फैसले से हटा लिया लेकिन क ई स्कूल अब भी नाममात्र विधार्थी संख्या के होने के कारण शिक्षा विभाग ने मौजूदा सत्र में इनको बंद या मर्ज करने का फैसला लिया है और इसमें प्रथम चरण में खंड के गांव आर्यनगर के राजकीय उच्च विधालय को विशेष पत्र जारी कर नियमावली आदेश 2022 के तहत नए दाखिले नहीं करने का आदेश दिया गया है। बताया जा रहा है कि आर्यनगर उच्च विधालय मे मौजूदा समय में नौंवी व दसवीं कक्षा में मात्र 9 छात्र छात्राएं ही अध्यनरत हैं जबकी उनको पढाई के लिए सात शिक्षकों की तैनाती की गई है।

शिक्षा विभाग के पत्र पर इस स्कूल के शिक्षकों व ग्रामीणों ने पिछले दिनों छात्रों के न ए दाखिले भी करने की सूचना है लेकिन विभाग ने मौजूदा सत्र से पहले कम दाखिले होने का नियम लागू करते हुए छात्र संख्या में कमी आने शिक्षा विभाग का कडा फैसला लेते हुए शिक्षा विभाग ने कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को साथ लगते गांवों के स्कूलों में मर्ज करना शुरू करने की सूची में इस संस्था पर भी उच्च कक्षाओं में न ए दाखिले ना करने का फरमान सुना दिया। 11 जुलाई को खंड शिक्षा अधिकारी जलकरण ने गांव आर्यनगर के राजकीय उच्च विधालय के मुख्य अध्यापक को पत्र भेजकर मौजूदा सत्र में नौंवी व दसवीं कक्षा के दाखिले नहीं करने का दिशानिर्देश जारी किया गया है।

खंड शिक्षा अधिकारी के आदेश पर ग्रामीणों ने रोष जताया है वहीं विभाग का तर्क है कि पिछले तीन वर्षों में छात्र संख्या न बढाने पर विभाग ने बहुत देर व इंतजार के बाद यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। खंड शिक्षा अधिकारी जलकरण ने बताया कि छात्र संख्या में कमी वाले चयनित स्कूलों को पहले ही चेतावनी जारी कर संख्या बढाने का निर्देश दिया गया था लेकिन दो साल बाद भी छात्र संख्या बढोतरी न होने पर राज्य निदेशालय के आदेश पर नौंवी दसवीं कक्षा के दाखिले पर रोक लगाई गई है।

इन स्कूलों के शिक्षकों, ग्रामीणों की मेहनत रंग लाई

छात्र संख्या में कमी शिक्षा विभाग व ग्रामीणों के गले की फांस बना हुआ है। शिक्षा विभाग बार बार चेतावनी के बाद अब मजबूरन यह कदम उठाने के लिए आगे आया है। खंड के गांव गोकुल, कान्हडा, काकडोली हठी, खोरडा के राजकीय माध्यमिक व उच्च विधालयों को पिछले चार सालों मे बार बार चेतावनी पत्र भेजे गए जिनमें अधिकतर गांवों की स्कूल प्रबंधन समितियों ने शिक्षकों के साथ मिलकर संख्या भी बढाई वहीं क ई स्कूल अब भी राडार पर हैं।