• कर्नल के 12 वर्ष के कार्यकाल की होगी जांच, सीबीआई के साथ ही आर्मी जांच एजेंसियों की राडार पर होंगे सेना के बड़े अधिकारी

(Charkhi Dadri News) बाढड़ा।  नब्बे के दशक में एजुकेशन हवलदार पर सीधी भर्ती पाकर कर्नल पद से सेवानिवृत हुए अमरजीत चांदवास के 22 लाख के रिश्वत प्रकरण में गिरफ्तारी के बाद अब सीबीआई की भ्रष्टाचार शाखा ने उनके 12 वर्ष के कर्नल कार्यकाल में लिए गए फैसलों की बारिकी से जांच शुरु कर दी है। सीबीआई ने कर्नल से अलग अलग समय में संपर्क रहकर कई अस्पतालों को पैनल की स्वीकृति दिलवाने के लिए गए फैसलों में शामिल सेना से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों सहित कई चिकित्सकों को राडार पर लेकर जांच व सर्चिंग के लिए पंचकूला के अतिरिक्त सेशन जज से एक्ट 96 बीएनएस की धारा विशेष स्वीकृति ली है जिससे सीबीआई चंडीगढ मुख्यालय जल्द ही कोई बड़ा खुलासा कर सकती है।

गांव चांदवास निवासी अमरजीत श्योराण स्नातक तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद वर्ष 1991 में चरखी दादरी भर्ती कार्यालय से सीधे सेना की एजुकेशन कोर में एजुकेशन हवलदार के पद पर भर्ती हुए और बाद में वर्ष 2000 में वह कमीशन पाकर लेफ्टिनेंट बने। उसके बाद उन्होंने सेना मुख्यालय के अलावा देश के अलग अलग क्षेत्रों में केप्टन, मेजर व कर्नल के पद सेवाएं देते हुए वर्ष 2017 में सेवानिवृत हो गए। दसके बाद सेना ने उनको सीएसडी केंटीन में बतौर प्रबंधक के पद पर भिवानी व अन्य जिलों में तैनात कर दिया तथा वर्ष 2022 से सितंबर 2024 तक सेना के ईसीएचएस शाखा में तबादला करवा गए जिससे उनके समय में हरियाणा राजस्थान के अनेक जिलों में कई निजि अस्पतालों को पैनल में शामिल किया गया है लेकिन सेवानिवृति के बाद भी वह पुराने अस्पतालों को पैनल में रखने व कई नए अस्पतालों को शामिल करने के लिए सक्रिय बताया जा रहा है।

20 अप्रैल को राजगढ के मेहता अस्पताल संचालक डा. राकेश कुमार ने सीबीआई के चंडीगढ क्षेत्रीय मुख्यालय में शिकायत की तो सारा खेल ही बदल गया और क्षेत्रीय निदेशक ने तुरंत भ्रष्टाचार शाखा के निरीक्षक अरुण अहलावत, निरीक्षक नरेन्द्र कुमार को जिम्मेवारी दी जिसने दोनों पक्षों के लगातार मोबाईल काल रिकार्ड रिकार्ड कर 23 अप्रैल रात्रि को विशेष रणनीति से छापेमारी कर सेवानिवृत कर्नल को 22 लाख 50 हजार की रिश्वत के साथ गिरफ्त किया है और पंचकूला न्यायलय में पेश कर विशेष सर्च वारंट जारी करवा कर अब उनसे जुड़े तारों को खंगालना आरंभ कर दिया है।

सीबीआई के बाद सेना की जांचे टीम करेंगी जांच

सीबीआई की टीम अब सेवानिवृत कर्नल के अलावा उनसे लंबे समय तक संपर्क में रहे हिसार इसीएचएस के प्रभारी एक अन्य कर्नल सहित आधा दर्जन अन्य अधिकारी भी राडार पर हैं। कर्नल के कार्यकाल में पैनल की स्वीकृति लेने वाले कई निजि अस्पताल संचालक भी जांच में लिए जा सकते हैं। टीम के सदस्य अब कर्नल के अन्य भिवानी सहित शहरों में उनके व परिचितों के बने आवासों के अलावा उनके साथ रहे अन्य अधिकारियों की खोजबीन में जुटी है वहीं सेना की विशेष जांच एजेंसी भी जल्द सीबीआई से इस मामले के दस्तावेज लेकर अपने स्तर पर ईसीएचएस घपले में अपने स्तर पर जांच करने की भी सूचना है।

स्वीकृति से अधिक बोतलें रखने पर आबकारी एक्ट का मामला दर्ज

बाढड़ा पुलिस ने सीबीआई हिरासत में लिए गए सेवानिवृत कर्नल अमरजीत के खिलाफ 84 बोतल अवैध शराब सहित बीयर व अन्य शराब के जखीरे की बरामदगी पर आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। यह शराब सीबीआई को शनिवार सर्चिंग के दौरान कर्नल के चांदवास फार्महाऊस से बरामद की थी जो सीएसडी केंटीन से लाई गई थी और एक जगह उनका भंडारण करना गैर कानूनी है। देर रात्रि पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। थाना प्रभारी दिलबाग सिंह ने बताया कि सीबीआई की सर्चिंग में मिली शराब के जखीरे को सीलबंद कर सेवानिवृत कर्नल के खिलाफ आबकारी अधिनियम का मामला दर्ज कर लिया है।

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