(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। जिला कलक्टर ने राजस्व विभाग द्वारा सरल केन्द्रों पर होने वाली किसी तरह की भूमि की खरीद फरोख्त, आड़ रहन डीड रजिस्ट्री शुल्क में दौगुनी वृद्धि करने का आदेश जारी किया है। इससे अब प्रत्येक व्यक्ति को किसी तरह की जमीन रजिस्ट्री के समय पांच सौ रुपये की जगह एक हजार रुपये का भुगतान करना पड़ेगा जो गरीब व्यक्ति की जेब पर बोझ बढ़ेगा।
यह शुल्क तत्काल प्रभाव से सोमवार 28 अप्रैल से लागू होगा
जिला उपायुक्त चेयरमैन डीआईटीएस मुनीश कुमार ने 25 अप्रैल को संबधित राजस्व विभाग के डीआरओ, उपमंडल कार्यालय व तहसील कार्यालयों को जारी विशेष आदेश में लिखा है कि उपायुक्त कार्यालय में आयोजित जिला स्तरीय बैठक में भूमि संबधी शुल्क में वृद्धि किया जाना जरुरी है जिसके बाद सभी अधिकारियों को दिशानिर्देश दिया जाता है कि राजस्व विभाग द्वारा सरल केन्द्रों पर होने वाली किसी तरह की भूमि की खरीद फरोख्त, आड़ रहन डीड रजिस्ट्री के मौजूदा शुल्क 500 रुपये में दौगुनी वृद्धि करते हुए 1000 हजार रुपये शुल्क करने का आदेश जारी किया है। यह शुल्क तत्काल प्रभाव से सोमवार 28 अप्रैल से लागू होगा।
जिला उपायुक्त कार्यालय द्वारा समय समय पर इन शुल्कों व आमजन को सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए विशेष बैठक आयोजित की जाती है
इससे अब भूमि संबधी कार्य के लिए आने वाले आमजन को और ज्यादा पैसे का भुगतान करना पड़ेगा। इससे जिला प्रशासन की डीआईटीएस कमेटी को प्रतिमाह 20 लाख से अधिक राजस्व में बढोतरी की संभावना है वहीं जिले के गरीब व्यक्ति के लिए अतिरिक्त लागत बढ़ेगी। तहसीलदार सज्जन कुमार ने बताया कि जिला उपायुक्त कार्यालय द्वारा समय समय पर इन शुल्कों व आमजन को सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए विशेष बैठक आयोजित की जाती है और अब की बार उपायुक्त ने अन्य सभी अलग अलग शुल्कों को यथावत रखकर केवल डीड शुल्क को दौगुना करने का फैसला किया है जिसे सोमवार से दादरी जिले में लागू कर दिया जाएगा।
उपायुक्त कार्यालय के डीड शुल्क में दोगुना वृद्धि पर बाढड़ा अधिवक्ता संघ अध्यक्ष संजीव श्योराण की अगुवाई में आयोजित बैठक में जिला प्रशासन के फैसलें की निंदा की है। वरिष्ठ अधिवक्ता एडवोकेट अशोक श्योराण व अधिवक्ता अनिल मान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ही जब समस्त राज्य में कलक्टर दरों में वृद्धि को रोक दिया तो अचानक जिला प्रशासन द्वारा डीड शुल्क में वृद्धि करना कहां का न्याय है और जिले के सभी अधिवक्ता, नंबरदार एसोसिशन इसका पुरजोर विरोध करते हुए तत्काल प्रभाव से वापस लेने की अपील करते हैं। उनके अलावा नंबरदार एसोसिएशन जिलाध्यक्ष राजबीर हंसावास, हलकाध्यक्ष मानबीर श्योराण, पूर्व अध्यक्ष देवीलाल काकड़ौली, एडवोकेट राजपाल लाडावास, राजेश श्योराण हड़ौदी, महेश शर्मा, सुनील लाडावास इत्यादि ने जिला प्रशासन से फैसलें में पुर्नविचार करने की मांग की है।
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