- जींद जिले के गांव में उनका मायका तो दादरी जिले के गांव बौंद में है उनकी ससुराल
(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। दिल्ली की नई सीएम बनी रेखा गुप्ता का प्रदेश के जींद के अलावा चरखी दादरी से भी कनेक्शन है। जींद में जहां उनका मायका है तो चरखी दादरी के बौंद गांव में उनका ससुराल है। जैसे ही बौंद गांव के लोगों को पता लगा कि उनके गांव की बहू राजधानी की मुखिया बन गई हैं वैसे ही यहां पर भी जश्न शुरू हो गया। इसके बाद गांव में मिठाइयां बांटी गई।
इस बारे में ग्रामीण बताते हैं कि रेखा गुप्ता के पति के परदादा सहित अन्य परिजन कारोबार के लिए दिल्ली शिफ्ट हो गए थे। उनका पैतृक मकान खंडहर बन चुका है। रेखा गुप्ता के पति मनीष गुप्ता का स्पेयर पाट्र्स का बिजनेस है। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली भी शुक्रवार को रेखा गुप्ता के गांव नंदगढ़ पहुंचे। बड़ौली ने यहां पर रेखा गुप्ता के चाचा रमेश जिंदल से मुलाकात की और उन्हें बधाई दी। बड़ौली ने कहा कि हमारी बेटी दिल्ली का विकास कराएगी और कामकाज को सुधारने पर काम करेगी।
रेखा गुप्ता ने वीरवार को ही रामलीला मैदान में दिल्ली के सीएम पद की शपथ ली। वे दिल्ली की 9वीं और चौथी महिला सीएम बन गई हैं। रेखा से पहले सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी महिला मुख्यमंत्री रही हैं।
कारोबार सही चला तो दिल्ली में ही बस गए
इस बारे में रेखा के पति मनीष गुप्ता के एक करीबी की मानें तो उनके दादा साधुराम बौंद से बिजनेस के लिए लगभग 50 साल पहले दिल्ली गए थे। वहां पर उनका कारोबार सही चला और फिर तभी से पूरा परिवार दिल्ली में रह रहा है। उन्होंने बताया कि पहले वे लोग दिल्ली के खारी बावली क्षेत्र में रह रहे थे, लेकिन अब करीब 30 सालों से शालीमार बाग के एपी ब्लॉक में रहते हैं। साल 1998 में रेखा और मनीष की शादी दिल्ली में हुई थी।
यह बोला रेखा का देवर
इस बारे में रिश्ते में रेखा गुप्ता के देवर लगने वाले हंसराज गुप्ता ने बताया उन्हें काफी खुशी है कि उनकी भाभी दिल्ली की सीएम बनी है। यह उनके परिवार व क्षेत्र के लिए गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि करीब 35 साल पहले रेखा गुप्ता के परिवार के लोग गांव आए थे। रेखा गुप्ता का जन्म 19 जुलाई 1974 को हरियाणा में जींद जिले के जुलाना स्थित नंदगढ़ गांव हुआ था। उनके पिता जयभगवान बैंक ऑफ इंडिया में काम करते थे। साल 1972-73 में वह मैनेजर बने तो उनका ट्रांसफर दिल्ली हो गया। इसके बाद उनका परिवार दिल्ली आ गया। इस वजह से रेखा की स्कूल की पढ़ाई से लेकर कॉलेज की पढ़ाई दिल्ली में हुई। उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई के बाद कुछ समय तक वकालत भी की।
सुमन ने कहा रेखा के बचपन के 2 साल गांव में बीते
गांव में जो घर रेखा के परिवार का था अब उसमें दूसरा परिवार रहता है। उस परिवार की सदस्य सुमन ने कहा रेखा गुप्ता के बचपन के 2 साल नंदगढ़ गांव में बीते हैं। जब उनके परिजन गांव छोडक़र गए तो गांव वाले घर को बेचकर गए थे। मौजूदा समय में इस घर में रह रहे परिवार से मिलने भी रेखा गुप्ता के परिजन आते रहते हैं। सुमन ने बताया लगभग हर साल रेखा गुप्ता के माता-पिता यहां आते हैं। उनके यहां जब कोई प्रोग्राम होता है तो उन्हें भी बुलाया जाता है।
बुजुर्ग महिला बोली रेखा को गोद में खिलाया है
जुलाना में पैतृक घर के पड़ोस में रहने वाली बुजुर्ग महिला कमला ने बताया कि उसे रेखा का पूरा परिवार जानता है। रेखा को गोद में भी खिलाया है। रेखा गुप्ता के दादा का पूरा जीवन गांव में बीता और उसकी दादी भी अंतिम समय तक गांव में ही रही। गांव में उनका अच्छा व्यवहार था। रेखा के दादा ने गांव में मंदिर और कुएं और शिव मंदिर बनवाया हुआ है। हालांकि बौंद में आज भी उनके परिवार के दूसरे लोग रह रहे हैं। रेखा गुप्ता की बेटी का नाम हर्षिता और बेटे का नाम निकुंज है। हर्षिता पिता की तरह बिजनेस में सक्रिय है। वहीं बेटा दिल्ली में ही है।
आरएसएस से जुड़ीं, 2 बार विधायक का चुनाव हारी
बताया जाता है कि छात्र जीवन से ही रेखा राजनीति में सक्रिय हो गई थी। वह कॉलेज टाइम से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी हैं। रेखा के पति मनीष स्पेयर पार्ट का बिजनेस करते हैं। रेखा ने इससे पहले भी 2 बार विधानसभा चुनाव लड़ा। पहली बार वे 11 हजार वोटों से हारीं तो पिछली बार आप की वंदना से 4500 वोटों से हार गई थी। मगर इस बार वंदना को उन्होंने बड़े वोटों के अंतर से हराकर इतिहास रच दिया। इस बार शालीमार बाग सीट से आप की वंदना को 38605 वोट मिले तो रेखा गुप्ता को 68200 वोट मिले। 50 साल की रेखा गुप्ता जिंदल दिल्ली की नौवीं सीएम बनी हैं।
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