(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। विधानसभा चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है और सोशल मीडिया में आने वाले विज्ञापनों का खर्चा भी संबंधित उम्मीदवार या पार्टी के खाते में जोड़ा जाएगा। निर्वाचन आयोग ने इसको लेकर स्पष्ट दिशा निर्देशा जारी किए हुए हैं। जिला में इस कार्य की जिम्मेदारी डीआईओ को दी गई है।
डीआईओ संभालेंगे सोशल मीडिया एक्सपर्ट की जिम्मेदारी
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त राहुल नरवाल ने बताया कि अखबार, टेलीविजन व रेडियो की तरह सोशल मीडिया पर भी चुनाव के दौरान प्रचार किया जाता है, जिसपर राशि खर्च होती है। आयोग के निर्देशों पर जिला में एमसीएमसी कमेटी के तहत सोशल मीडिया पर नजर रखने की व्यवस्था की गई है। आयोग के निर्देशों के अनुसार डीआईओ को सोशल मीडिया एक्सपर्ट के तौर पर कमेटी में शामिल किया गया है और उनकी टीम लगातार सोशल मीडिया पर नजर रख रही है। किसी भी तरह का विज्ञापन मिलने पर उसकी रिपोर्ट खर्च के ब्यौरे सहित खर्चा निगरानी टीम को देंगी। रिपोर्ट के आधार पर संबंधित उम्मीदवार या पार्टी के खाते में उस विज्ञापन का खर्चा जोड़ दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनाव के दौरान सोशल मीडिया की निगरानी भी बहुत जरूरी है। चुनाव के दौरान सोशल मीडिया जैसे यू-टयूब व फेसबुक आदि वीडियो प्लेटफॉर्म पर उम्मीदवार व पार्टी चुनाव का प्रचार करते हैं। निगरानी टीम को यदि ऐसे चैनल या वीडियो मिलते हैं जो किसी प्रत्याशी या राजनैतिक दल का समर्थन करते हों या जाति, धर्म विशेष के पक्ष में या कोई भ्रामक सामग्री दर्शाते हो या आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हों तो उस स्थिति में संबंधित यू-टयूब चैनल चलाने वाले के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करवाकर कार्यवाही की जाएगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आदर्श आचार संहिता एक समान रूप से सभी पर लागू होती है, जिसमें समाचार पत्र, टेलीविजन, रेडियो और सोशल मीडिया भी शामिल है। आयोग के निर्देशों के अनुसार मीडिया के सभी माध्यमों पर चुनाव में एक समानता होनी चाहिए। मीडिया मेें प्रकाशित या प्रसारित होने वाली खबर, किसी के पक्ष में या किसी के खिलाफ नहीं होनी चाहिए। ऐसी खबरें छापने या चलाने से परहेज किया जाए, जो किसी धर्म, जाति या समुदाय के पक्ष एवं विपक्ष में हों। साथ ही किसी भी खबर को प्रकाशित या प्रसारित करने से पहले उसकी पुष्टि कर लेनी चाहिए। सभी उम्मीदवारों एवं पार्टियों को एक समान स्थान देना चाहिए। साथ ही मीडिया कर्मियों को निष्पक्ष भूमिका निभाते हुए चुनाव आयोग के सभी निर्देशों का पालन करना चाहिए।