(Charkhi Dadri News )बाढड़ा । मानव जाति के सुरक्षित भविष्य के लिए प्रकृति का संरक्षण ही एकमात्र रास्ता है। पर्यावरण किसी जाति,धर्म, सम्प्रदाय, क्षेत्र का नहीं बल्कि समस्त जीव जगत का विषय है यह उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की कादमा शाखा में मेरा भारत हरित भारत अभियान के अंतर्गत आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में सरपंच प्रतिनिधि महेश फौजी ने व्यक्त किए ।
अब बातें करने का नहीं व्यवहार बदलने का समय
इस अवसर पर कादम व झोझूकलां क्षेत्रीय प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने कहा कि आज के नौजवानों के लिए पर्यावरण संरक्षण का काम स्वतंत्रता संग्राम जैसा ही है। इसके लिए सम्पूर्ण मनोयोग से जुट जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब बातें करने का नहीं व्यवहार बदलने का समय है। व्यवहार में सकारात्मकता के लिए आध्यात्मिकता आवश्यक है जिसके लिए हमें हर रोज मेडिटेशन राजयोग का अभ्यास कुछ पल बहुत जरूरी है क्योंकि मानसिक प्रदूषण को हम मेडिटेशन से सकारात्मक चिंतन के द्वारा ठीक कर सकते हैं जिसका प्रभाव समूचे पर्यावरण पर पड़ेगा।
प्रकृति शोषण का विचार ही मनुष्य की सबसे बड़ी नादानी
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने नागरिकों से आग्रह किया कि अपने बच्चों के लिए भौतिक साधनों की बजाय अपनी सकारात्मक सोच के साथ सांस लेने के लिए शुद्ध हवा और पानी छोडक़र जाना प्राथमिकता होनी चाहिए। प्रकृति शोषण का विचार ही मनुष्य की सबसे बड़ी नादानी है। वंचित जन जागृति ट्रस्ट के संस्थापक बिशन सिंह आर्य एवं जिला योगासन स्पोट्र्स एसोसिएशन के सचिव सुरेंद्र आर्य ने पर्यावरण चेतना को लेकर समाज के व्यवहार पर तीखा कटाक्ष किया। उन्होंने कहा जिस डाली पर बैठे हैं उसे ही काटने का काम कर इतिहास में मूर्खता की नई मिसाल बना रहे हैं।
आज मेरा मानना है कि कलमकार के लिए प्रकृति की रक्षा जागरण से लिखने के लिए कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज पार्क में 21 फलदार पौधे लगाए गए। इस मौके पर सुबे स्वामी पंच, सूबेदार रोहतास सांगवान, रामबास सरपंच प्रतिनिधि अशोक शर्मा, सतबीर साहब, पूर्व पुलिस अधिकारी रामकुमार, बहादुर सेठ, ब्रह्माकुमारी नीलम, रेखा बहन, ब्रह्माकुमार मास्टर सुनील,दीपक, धर्मवीर, चंद्रभान, मनोज आदि उपस्थित थे।