(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। चौधरी छोटूराम किसान कमेरे वर्ग के मसीहा थे। हमें इस तरह के महापुरुषों के पदचिन्हों पर चलकर अन्नदाता के हितों की आवाज उठाते हुए वंचित वर्ग को उनके अधिकार दिलवाते हुए समाजसेवा को बढावा देना चाहिए।यह बात भाकियू अध्यक्ष हरपाल भांडवा ने सर छोटूराम किसान भवन में सर छोटूराम की 143 वीं जयंती पर पुष्प अर्पित करते हुए कही।
वैश्विक स्तर पर शोषित और शोषक की लड़ाई को बड़े-बड़े विद्धानवर्ग के संघर्ष के भारी-भारी शब्दों में समझाते हैं
उन्होंने कहा कि किसानों के हित में जितने कानून, नीतियां और योजनायें उन्होंने बनाई उसके लिए उनको अगर किसानों का संविधान निर्माता भी कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। वैश्विक स्तर पर शोषित और शोषक की लड़ाई को बड़े-बड़े विद्धानवर्ग के संघर्ष के भारी-भारी शब्दों में समझाते हैं। उसको आम किसान-मजदूर को कमेरा और लुटेरा की लड़ाई जैसे शब्दों से बेहद आसानी से समझाने वाले, शोषित और शोषक के बीच की रेखा को खींचने वाले, राजनैतिक आजादी से पहले आर्थिक-सामजिक आजादी के पक्षधर छोटूराम ताउम्र कमेरों वर्ग की लड़ाई लड़ते रहे। इतन ही चौधरी छोटूराम ने शिक्षा के लिए भी अथक प्रयास किए।
चौधरी छोटूराम किसान के सच्चे हितैषी थे
उस समय अनेक शिक्षण संस्थान बनवा कर शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया था जिसके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है। आज के युवाओं को उनसे प्रेरणा लेकर उनके पद चिन्हों पर चलना चाहिए। प्रेरक संघ प्रदेशाध्यक्ष मा. विनोद मांढी ने संबोधित करते हुए कहा कि चौधरी छोटूराम किसान के सच्चे हितैषी थे। किसानों को कर्ज मुक्त करवाने के लिए उन्होने जीवन भर संघर्ष किया था। चौधरी छोटूराम किसान और मजदूर के हितों के लिए उस समय के सताधारी राजाओं से लड़ते रहे।
उन्होंने 1 दिसंबर को जसैया में होने वाले चौधरी छोटूराम धाम स्थापना दिवस समारोह में शामिल होने का भी आह्वान किया। इस अवसर पर मा. विनोद माण्ढी, महासचिव ओमप्रकाश उमरवास, कमल हड़ोदी, ओम प्रकाश उमरवास, गिरधारी मोद,आनंद वालिया, रामावतार लाड, अत्तर सिंह, ढाणी माहू,मीर सिंह, प्रताप हंसावास, रणधीर हुई, ऋषि भांडवा,ब्रह्मपाल बाढड़ा, नथुराम , सतबीर, मा. ईश्वर सिंह बडेसरा, सुरेंद्र, जितेंद्र, जोगेंद्र, अमरजीत, मीना, सरोज,सुमन, मीनाक्षी, रेणु देवीइत्यादि मौजूद रहे।