Charkhi Dadri News : नौनिहालों की सजगता से देखभाल जरुरी: डा. प्रीतम

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Careful care of infants is necessary ​​Dr. Pritam
सीएचसी गोपी में आयोजत कार्यक्रम में भाग लेते स्वास्थ्य कर्मी।

(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। स्वास्थ विभाग द्वारा गांव गोपी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चार दिवसीय छोटे बच्चों के लिए गृह आधारित देखभाल एचबीवाईसी का शुभारंभ चिकित्सा अधिकारी डा. प्रीतम फौगाट के द्वारा किया गया। उन्होंने कर्मचारियोंं को सजगता से देखभाल करने का आह्वान किया।चिकित्सा अधिकारी डा. प्रीतम फौगाट ने बताया कि छोटे बच्चों 3-15 माह के स्वास्थ्य और पोषण को बढ़ावा देने, बाल रुग्णता और मृत्यु दर को कम करने और विकास और प्रारंभिक बाल्यावस्था विकास को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और पोषण अभियान के हिस्से के रूप में 2018 में छोटे बच्चों के लिए गृह-आधारित देखभाल कार्यक्रम एचबीवाईसी शुरू किया गया था।

आज की प्रथम दिवस प्रशिक्षण कार्यक्रम में आकांक्षी खंड बाढड़ा की ए एन एम नर्सों को प्रशिक्षण दिया गया

जिसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पर प्रथम श्रैणी स्वास्थ्य कार्यकर्ता ए एन एम, आशा वर्कर्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आज की प्रथम दिवस प्रशिक्षण कार्यक्रम में आकांक्षी खंड बाढड़ा की ए एन एम नर्सों को प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मास्टर प्रशिक्षक खंड विस्तार शिक्षक वीरेंद्र सिंह हुड्डा ने उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को 3 माह के बच्चो की पहली यात्रा पर किए जाने वाले आवश्यक कार्यों जैसे बच्चों का वजन करना साफ़ सफाई तथा हैल्थ कार्ड के अनुसार टीकाकरण आदि शामिल होता है उसके बारे में प्रशिक्षण दिया।

इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के खंड आशा कॉर्डिनेटर ने इस अवधि में नवजात शिशु की मां को दिए जाने वाले आहार व संक्रमणों से बचाव के बारे में जानकारी दी गई। इस मौके पर नीति आयोग भारत सरकार के एबीफैलो मनी प्रकाश ने स्वास्थ्य विभाग के इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए बताया कि छोटे बच्चों के लिए गृह आधारित देखभाल होम बेस्ड केयर फोर यंग चिल्ड्रन नामक यह कार्यक्रम, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की संयुक्त पहल है।

इस कार्यक्रम के ज़रिए, बच्चों में बीमारियों और मृत्यु दर को कम करने और उनके विकास को बेहतर बनाने का मकसद है

यह कार्यक्रम, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत चलाया जाता है. बीवाईसी कार्यक्रम के तहत 3 से 15 महीने के बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण को बेहतर बनाने के लिए, घर पर ही देखभाल की जाती है। इस कार्यक्रम के ज़रिए, बच्चों में बीमारियों और मृत्यु दर को कम करने और उनके विकास को बेहतर बनाने का मकसद है। और यह कार्यक्रम बाढड़ा खंड के लिए अति मील का पत्थर साबित होगा क्योंकि इस क्षेत्र में अधिकांश परिवार गांवों की बजाए खेतों में रहते है। इस लिए अपेक्षित बच्चों की देखभाल विजिट के माध्यम से की जा सकती है क्योंकि दूरी के कारण अधिकांश माताएं अपने बच्चों को गांवों स्थित स्वास्थ्य केंद्रों पर नहीं ला सकती है।

इस अवसर पर उन्होंने स्वास्थ विभाग के विभिन्न संकेतकों की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रसव पूर्व गर्भवती महिलाओ की प्रथम तिमाही पर टीकाकरण की वर्तमान दर 77.41 प्रतिशत है जिस पर विभागीय अधिकारियों को अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। लक्षित जनसंख्या के उच्च रक्त चाप एवं मधु मेह की जांच में खंड का स्वास्थ विभाग की दर क्रमश: 83.78 व 81.38 प्रतिशत दर्ज की गई जोकि राज्य की औसत दर ज्यादा है। उन्होंने जिन निर्धारित सूचकांकों में स्वास्थ विभाग कम परफोर्म जैसे कर रहा है उनके टारगेट को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं स्वास्थ कर्मियों से बढ़ाने की आवश्यक हिदायतें दी गई।

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