(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। भाकियू पदाधिकारियों ने आपात बैठक आयोजित कर सरकार से लंबित ट्यूबवैल कनेक्षन जारी करने में जानबूझ कर देरी, किसानों को खरीफ सीजन की फसलों के नुकसान की एवज में स्वीकृत दो दो हजार की सब्सिडी जारी करने समेत अन्य मांगे पूरी न करने पर रोष प्रकट करते हुए प्रदेश सरकार से तुरंत समाधान की मांग की। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि क्षेत्र के किसानों ने आज अकेले बाढड़ा तहसील क्षेत्र के करोड़ों का बकाया मुआवजा व गरीब किसानों द्वारा नए ट्यूबवैल कनेक्षन के लिए छह करोड़ की राशी जमा करवाने के बावजूद कोई कदम न उठाकर उनके हितों से कुठाराघात किया है।
बार बार प्राकृतिक आपदा से प्रभावित फसलों के मुआवजा वितरण में जानबूझ कर देरी बरती जा रही है जिससे किसानों के सामने खाद बीज का संकट पैदा हो गया है
कस्बे के किसान भवन में भाकियू अध्यक्ष भाकियू अध्यक्ष हरपाल भांडवा की अध्यक्षता में आयोजित किसानों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि बार बार प्राकृतिक आपदा से प्रभावित फसलों के मुआवजा वितरण में जानबूझ कर देरी बरती जा रही है जिससे किसानों के सामने खाद बीज का संकट पैदा हो गया है वहीं पहले बिजली व सिंचाई की कमी अब सफेद मक्खी से कपास व ग्वार के पौद्ये खराबे की भेंट चढ गए हैं। प्रदेश सरकार ने मौजूदा सीजन की पहले सूखे व अब ज्यादा बिमारी से प्रभावित फसलों के लिए प्रति एकड़ दो हजार सब्सिडी जारी करने की घोषणा की लेकिन वह भी किसानों के खातों में नहीं पहुंच पाई है जो किसानों के साथ अन्याय है।
मौजूदा भाजपा सरकार कृषि व्यवस्था को कमजोर कर पूंजीपतियों को हावि बना रही है जो जायज कदम नहीं है
मौजूदा भाजपा सरकार कृषि व्यवस्था को कमजोर कर पूंजीपतियों को हावि बना रही है जो जायज कदम नहीं है। विभाग एक तरफ तो किसानों को नए कनेक्शन देने के नाम पर बड़े बड़े दावे कर रहा है जबकी दूसरी तरफ किसानों के हितों के साथ जमकर खिलवाड़ किया जा रहा है। इससे गरीब व भोलेभाले किसानों को आर्थिक नुकसान और हुआ है। क्षेत्र के किसानों द्वारा छह माह पहले अपने अपने खेतों में ट्यूबवैल कनेक्षन के लिए छह करोड़ से अधिक की राशि बिजली विभाग को जमा करवा दी गई है लेकिन आज तक कनेक्षन जारी करना तो दूर बल्कि सामान खरीदने के लिए टेंडर जारी होने के बाद वर्कआर्डर तक जारी नहीं हो पाया है जिससे किसानों में रोष बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार कृषि क्षेत्र के कल्याण के बजट में कमी कर पूंजीपति नीतियों को बढावा दे रही है। हर घर तक स्वच्छ पेयजल व फसल सिंचाई का पानी पहुंचाने वाली प्रदेश सरकार धरातल पर पूरी तरह विफल साबित हो रही है। बैठक में मौजूद किसानों ने आरोप लगाया कि गर्मी के सीजन के बावजूद आज कृषि व ग्रामीण क्षेत्र में बिजली पानी आपूर्ति न के बराबर होने से जनता में त्राही त्राही मची हुई है। ज्यादा गर्मी के कारण खरीफ सीजन की नगदी फसल कपास के छोटे छोटे पौद्ये जलकर भूमि पर बिछ गए हैं और अब ज्यादा बरसात से उनपर फंगस की मार नजर आ रही है जो किसानों के लिए बड़ा नुकसान है।
कई किसानों ने कहा कि बाढड़ा उपमंडल के सबसे बड़े कृषि निर्भर बाहुल्य बाढड़ा इत्यादि गांवों में बिजली आपूर्ति कम व अघोषित कटों की समस्या अधिक झेलनी पड़ रही है। बैठक में महेन्द्र सिंह जेवली, इंद्रजीत सिंह डालावास, पूर्व सरपंच गिरधारी, वेदप्रकाश काकड़ौली, कमल सिंह हड़ौदी, भूपसिंह दलाल, राम अवतार लाड, ऋषिराम भांडवा, सत्यप्रकाश, नवीन बाढड़ा, ब्रहमपाल बाढड़ा, रणधीर हुई, ओमप्रकाश उमरवास, करतार गोपी, ईश्वर सिंह, कमल सिंह हड़ौदी, आनंद वालिया, रामप्रकाश, इत्यादि मौजूद रहे।