Charkhi Dadri News : आर्यवीर दल ने बिलावल गांव में पर्यावरण शुद्धि यज्ञ यात्रा निकाली

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Aryaveer Dal took out environmental purification Yagya Yatra in Bilawal village.
गांव में पर्यावरण शुद्धि यज्ञ यात्रा निकालते स्वामी सच्चिदानंद।

(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। आर्यवीर दल चरखी दादरी एवम् सर्वहित साधना न्यास के तत्वाधान में आर्यवीर दल जिला संचालक स्वामी सच्चिदानंद सरस्वती के सानिध्य में सरपंच अनिल सांगवान एवं योग सहायक योगेश सांगवान के सहयोग से गांव बिलावल में चल रहे व्यायाम प्रशिक्षण एवम् चरित्र निर्माण संस्कार शिविर के दौरान आज व्यायाम के साथ साथ पूरे गांव में पर्यावरण शुद्धि यज्ञ यात्रा निकाली गई।

स्वामी सच्चिदानंद के ब्रह्मत्व में यज्ञ यात्रा का शुभारंभ गांव के राजकीय माध्यमिक विद्यालय प्रांगण से हुआ। यज्ञ यात्रा यजमान के रूप में योग सहायक योगेश सांगवान उपस्थित रहे। इस 3 घंटे की यज्ञ यात्रा में सहायक के रूप में व्यायाम शिक्षक नारायण आर्य, मोक्ष आर्य, अनिल ने भाग लिया। इस अवसर पर स्वामी सच्चिदानंद सरस्वती ने बताया कि यज्ञ पर्यावरण शुद्धि का एक प्रभावी तरीका है।

यज्ञ को पर्यावरण प्रदूषण को कम करने का एक किफायती तरीका माना जाता है

यज्ञ के जरिए हवा में फैलने वाले सुगंधित पदार्थ पौधों को हानिकारक जीवों से बचाते हैं और उनकी स्वस्थ वृद्धि सुनिश्चित करते हैं। यज्ञ से निकलने वाला धुआं वातावरण को शुद्ध करता है और यज्ञ की राख बैक्टीरिया फ्री होती है। यज्ञ में इस्तेमाल होने वाली सामग्री, जैसे गूगल, सेंधा नमक, नीम, सरसों के बीज, राई के बीज, जटामांसी हवा को शुद्ध करती है। यज्ञ से निकलने वाले धुएं का इस्तेमाल हवा को कीटाणुरहित करने के लिए किया जा सकता है। यज्ञ को पर्यावरण प्रदूषण को कम करने का एक किफायती तरीका माना जाता है।

‘वातावरण को ठीक करो और ठीक हुआ वातावरण तुम्हें ठीक करेगा’ – यही यज्ञ की कार्यप्रणाली है

प्रायोगिक अध्ययनों से पता चलता है कि जिन घरों में नियमित रूप से यज्ञ (अग्निहोत्र) किया जाता है, वहां शारीरिक व्याधियाँ, बीमारियाँ और रोग कम होते हैं, क्योंकि इससे शुद्ध, पौष्टिक और औषधीय वातावरण बनता है। यह मस्तिष्क की कोशिकाओं को नवीनीकृत करता है, त्वचा को पुनर्जीवित करता है। ‘वातावरण को ठीक करो और ठीक हुआ वातावरण तुम्हें ठीक करेगा’ – यही यज्ञ की कार्यप्रणाली है।

अग्निहोत्र से निकलने वाले औषधीय धुएं को सूक्ष्म जीव विज्ञान के क्षेत्र के शोधकर्ताओं ने स्पष्ट रूप से बैक्टीरिया के लिए घातक पाया है। ये बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्म जीवों को नष्ट कर देते हैं, जो बीमारी और रोगों के मूल कारण हैं। यही कारण है कि जिन घरों में नियमित रूप से अग्निहोत्र किया जाता है, वहां शारीरिक व्याधियों, बीमारियों और रोगों की घटनाएं कम हो जाती हैं।

विस्तृत रासायनिक जीवाणु विज्ञान में जाए बिना भी, यह कहा जा सकता है कि यज्ञ करने से वायु की शुद्धि होती है।
इस यज्ञ यात्रा में बिलावल गांव की ग्राम पंचायत का यात्रावाहन के रूप में विशेष सहयोग रहा। यज्ञ यात्रा सुबह 10 बजे बिलावल गांव के राजकीय माध्यमिक विद्यालय से शुरू होकर गांव की प्रत्येक गली से होते हुए अंत में गांव के पंचायत भवन में दोपहर 1 बजे पूर्णाहुति के साथ संपन्न हुई। इस यज्ञ यात्रा में गांव के बच्चे, बडे-बुढ़े व महिलाओं सभी ने श्रद्धापूर्वक आहुतियां दी और परिवार, गांव, समाज की सुख-समृद्धि, शांति, आरोग्यता और राष्ट्र के कल्याण की कामना की। इस अवसर पर अनिल सांगवान, योगेश सांगवान, ऋषि, संजू, सुमित, रौनक, साहिल, शौर्य, स्नेहा, रेनू, भावना, दीपिका आदि की विशेष उपस्थित रही।

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