Charkhi Dadri News : डीजे बजाने के लिए समय सीमा व स्थान निर्धारित करने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने सौंपा ज्ञापन

0
108
Advocates submitted a memorandum demanding to fix time limit and place for playing DJ
एसडीएम आशिष सांगवान को मांगपत्र सौंपने अधिवक्तागण।
  • ध्वनि प्रदूषण से ना केवल आमजन, बल्कि पशु-पक्षियों व पर्यावरण को भी है नुकसान

(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। ध्वनि प्रदूषण (नियंत्रण व विनियम) नियम 2000 के तहत रात 10 बजे के बाद डीजे बजाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंद्ध तथा नियम का उल्लंघन करने पर पुलिस कार्रवाई और जर्मुाना लगाया जा सकता है। जिस नियम का तकरीबन सभी लोगों को बोध है, लेकिन इसके बावजूद भी कुछ लोग इस नियम को दरकिनार करते हुए समारोह में देर रात तक तेज आवाज में डीजे बजाते है, जिसके चलते आस-पास के लोगों, विशेषकर बुजुर्गों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

जिसकी तरफ जिला प्रशासन को सख्ती से कदम उठाने चाहिए। ऐसे में जिला दादरी के अंतर्गत शहर व गांवों में डीजे बजाने के लिए समय सीमा व स्थान निर्धारित किए जाने की मांग को लेकर मंगलवार को अधिवक्ताओं ने समाधान शिविर के माध्यम से उपायुक्त को मांगपत्र सौंपा। अधिवक्ताओं का नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी के विधि प्रकोष्ठ के जिला संयोजक अधिवक्ता कुलवंत फौगाट ने किया।

डीजे पर अभद्र गाने भी बजाए जाने का प्रचलन सा चला हुआ है, जिससे समाज में अभद्रता को बढ़ावा मिलता है

समाधान शिविर में मांगपत्र सौंपते हुए अधिवक्ता कुलवंत फौगाट ने कहा कि जिला के अंतर्गत शहर व गांवों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों, शादियों व अन्य समारोह के दौरान डीजे को बहुत तेज आवाज में बजाकर भारी मात्रा में ध्वनि प्रदूषण फैलाया जाता है। जिसके चलते गर्भवती महिलाएं, दुधारू पशु-पक्षियों, ह्रदय रोगियों, बुजुर्गों, व विद्यार्थियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यही नहीं डीजे पर अभद्र गाने भी बजाए जाने का प्रचलन सा चला हुआ है, जिससे समाज में अभद्रता को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने ने कहा कि वे किसी की खुशियां मनाने के खिलाफ नहीं है, लेकिन प्रत्येक व्यक्ति को समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व से ज्ञान होना चाहिए तथा ध्वनि प्रदूषण के कारण कई सारी समस्याएं उत्पन्न होती है। इसीलिए प्रशासन को इस दिशा में सख्ती से नियमों की पालना करवानी चाहिए।

अधिवक्ताओं ने मांगपत्र के माध्यम से मांग उठाई की डीजे बजाने की समय सीमा व स्थान निर्धारित किए जाए, ट्रैक्टरों पर बड़े-बड़े साऊंड लगाकर तेज आवाज में अभद्र गाने बजाने वालों पर रोक लगाई जा तथा गांवों के सरपंचों व शहर के पार्षदों व चेयरमैन को दिशा-निर्देश जारी कर इन नियमों का सख्ती से पालन करवाया जाना चाहिए। ताकि ध्वनि प्रदूषण से पर्यावरण व आमजन को होने वाले नुकसान को रोका जा सकें। इस मौके पर अधिवक्ता सौरभ गोयल, सतेंद्र सिंह बबीता श्योराण, दया डागर, सुरेश बादल, मदन मोहन कौशिक, रविंद्र घिकाड़ा, अजीत सिंह, मनोज कुमार समेत अन्य अधिवक्तागण मौजूद रहे।

Charkhi Dadri News : उपायुक्त ने की फसल गिरदावरी की जांच पड़ताल