Charkhi Dadri News : दादरी अनाज मंडी में 70 हजार क्विंटल बाजरे की आवक हुई

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70 thousand quintals of millet arrived in Dadri grain market.
कस्बे की अनाज मंडी में बाजरा खरीद का जायजा लेते भाकियू पदाधिकारी।

(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। चरखी दादरी की तीन मंडियों में बाजरा की बंपर आवक हो रही है। अब तक करीब 70 हजार क्विंटल बाजरा की आवक मंडियों में हो चुकी है। वहीं करीब 26 हजार क्विंटल बाजरा की खरीद हो चुकी है। हैफेड व खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने हो रही खरीद के चलते अधिकारियों ने जहां पुख्ता प्रबंधों के बीच बाजरा की खरीद करने की बात कही। वहीं 72 घंटे में किसानों के खातों में पेमेंट भेजने का भी दावा किया है। उधर आढतियों ने सरकार से सरसों की बकाया पेमेंट की भी मांग उठाई है।

गौरतलब होगा कि हैफेड व खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने दादरी, बाढड़ा व झोझू कलां में बाजरा की खरीद शुरू की गई है। खरीद एजेंसियों ने अब तक करीब 26 हजार क्विंटल की खरीद कर 5 हजार क्विंटल का उठान कराया है। खरीद अधिकारियों किसानों को गेट पास जारी कर 5 हजार क्विंटल का उठान कराया है। खरीद अधिकारियों किसानों को गेट पास जारी कर बाजरे की आवक दर्ज करवाई जा रही है।

वहीं सभी खरीद केंद्रों में जल्द ही खरीद करवा कर जल्द उठान कराने का भरोसा दिया है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने खरीफ सीजन की बाजरा फसल का खरीद शेडयूल एक अक्टूबर से शुरू करने का फैसला किया था। लेकिन मंडियों में जगह की परेशानी के चलते खरीद देरी से शुरू हो पाई। हैफेड मैनेजर अशोक कुमार ने बताया कि अभी तक मंडी में 70 हजार क्विंटल बाजरे की आवक हुई है जिसमें से करीब 26 हजार क्विंटल की खरीद व करीब 5 हजार क्विंटल बाजरे का उठान करवा दिया है। वहीं मंडी आढ़ती एसोसिएशन के महासचिव विनोद गर्ग ने कहा कि इस बार बाजरा उत्पादक क्षेत्र में बंपर उत्पादन की उम्मीद है। मंडियों में खरीद को लेकर आढ़ती संतुष्ट हैं। मगर सरकार ने सरसों की बकाया पेमेंट नहीं की गई है। उन्होंने सरकार से जल्द बकाया पेमेंट करें।

सरकार जल्दबाजी बरतें, किसानों की परेशानी दूर करें

भाकियू अध्यक्ष हरपाल भांडवा व किसान नेता ओमप्रकाश उमरवास ने मंडी परिसर में खरीद अधिकारियों को बताया कि फसल खरीद में देरी व किसानों की समस्या को देखते हुए सरकार को खरीद कार्य में तेजी बरतनी चाहिए। सरकार हर बार शेड्यूल की तरह 1 अक्टूबर से खरीद का शेड्यूल शुरु करने का अंदाजा लगाया जा रहा था जो 7 अक्टूबर के बाद संचालित होने से किसानों व आढतियों के लिए परेशानी बन गया है। खरीफ सीजन में कम सिंचाई वाली फसल उत्पादन के लिए दक्षिणी हरियाा को ही अनुकूल माना जाता है वहीं प्रदेश के दादरी, भिवानी, हिसार, रेवाड़ी, महेन्द्रगढ व गुरुग्राम जैसे रेतीले क्षेत्रों वाले जिलों में सबसे अधिक बाजरा उत्पादित होता है।

सरकार की खरीद की देरी का सबसे अधिक खामियाजा बाजरा उत्पादित दक्षिणी हरियाणा को भुगतना पड़ रहा है। मौजूदा खरीफ सीजन 2024 में सरकार ने बाजरे की खरीद के लिए तीन बार समयावधि तय कर 1 लाख 69 हजार एकड़ बाजरा उत्पादक किसानों से मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर पंजीकरण करवाया है जिसको जल्दी बेचने के लिए भीड़ बनी हुई है और सत्यापन में भी देरी बनी हुई है। खरीद अधिकारी जयप्रकाश ने बताया कि बाढड़ा मंडी में बुधवार शाम तक 533 किसानों को गेटपास जारी करते हुए 14000 क्विंटल की आवक दर्ज की गई है। देर शाम तक सात हजार क्विंटल की खरीद हुई है। इसके अलावा झोझूकलां में 482 गेटपास जारी कर 12070 क्विंटल आवक होने की रिपोर्ट है।