(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। हरियाणा एग्रीकल्चर मैनेजमेंट एक्सटेंशन इंस्टीट्यूट (हमेटी) जींद अब प्रदेश के सभी जिलों में युवाओं को खाद-बीज व कीटनाशक बिक्री के लाइसेंस के लिए प्रशिक्षण देगा। प्रशिक्षण 48 सप्ताह में पूरा होगा। इसके बाद युवा लाइसेंस ले सकेंगे। हमेटी करीब डेढ़ साल से प्रशिक्षण दे रहा है, लेकिन अब इसका दायरा बढ़ा कर कुछ जिलों की बजाय अब हर जिले में प्रशिक्षण देने की तैयारी है।
जानकारी के अनुसार खाद-बीज व कीटनाशक दवा की बिक्री के लिए पहले जहां बीएससी धारक ही लाइसेंस बनावा सकता था। सरकार ने इसमें छूट दी और 10वीं पास युवाओं को लाइसेंस बनवाने का मौका दिया। मगर इसके लिए उन्हें हमेटी द्वारा दिया जाने वाला प्रशिक्षण लेना होगा। उसके बाद उन्हें एक डिप्लोमा मिलेगा जिसके आधार पर वे अपना लाइसेंस बनवा सकते हैं।
डिप्लोमा के लिए 48 सप्ताह का प्रशिक्षण
यहां बता दें कि हरियाणा एग्रीकल्चर मैनेजमेंट एक्सटेंशन इंस्टीट्यूट (हमेटी) जींद द्वारा 48 सप्ताह तक प्रशिक्षण दिया जाता है। इस दौरान सप्ताह में एक दिन का प्रशिक्षण होता है और कुल 48 क्लास लगानी होती हैं। इसके आधार पर एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज फोर इनपुट डीलर्स (डेसी) डिप्लोमा दिया जाता है। उसके आधार पर लाइसेंस बनवाकर खाद-बीज व कीटनाशक बिक्री का काम किया जा सकता है।
अलग-अलग विशेषज्ञ देते हैं प्रशिक्षण
इस बारे में हमेटी के भिवानी-दादरी फेसीलिटेटर एवं रिटायर्ड कृषि अधिकारी डॉ. राजेंद्र कौशिक ने बताया कि जो 48 क्लास लगती है उनमें 40 क्लास में अलग-अलग कृषि विशेषज्ञ अलग-अलग विषयों पर संबंधित जानकारी देते हैं। जबकि 8 क्लास के दौरान फील्ड में विजिट करवाकर प्रैक्टिकल ज्ञान दिया जाता है।
हर जिले में करवाया जाएगा प्रशिक्षण
डॉ. राजेंद्र कौशिक ने बताया कि पहले यह कुछ ही जिलों में शुरू हुआ था। जिन जिलों में यह शुरू नहीं हुआ उनमें दादरी जिला भी शामिल है। डॉ. कौशिक ने बताया कि अब हमेटी हर जिले में प्रशिक्षण देगी और इसके लिए सरकारी या किराए का भवन उपलब्ध करवाएगी। भिवानी-दादरी जिले का एक संयुक्त बैच कृषि विज्ञान केंद्र भिवानी में चल भी रहा है जिसमें दादरी के युवाओं को भी भिवानी में ही प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस तरह करें आवेदन
डॉ. कौशिक ने बताया कि जो युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर डिप्लोमा लेना चाहते हैं वह संबंधित जिले के फेसीलिटेटर से संपर्क करें। यदि उनसे उनका संपर्क नहीं हो पाता है तो वे हमेटी जींद से संपर्क कर जानकारी ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए एक मुश्त 20 हजार रुपए की फीस है और पहले आओ पहले पाओ के आधार पर एडमिशन दिया जाता है। एक बैच के लिए 40 लोग होते ही प्रशिक्षण शुरू करवा दिया जाता है।
ट्रेंड डीलर्स की फौज तैयार करना है उद्देश्य
डॉ. कौशिक ने बताया कि इस प्रशिक्षण व डिप्लोमा का उद्देश्य है कि खाद-बीज व कीटनाशक विक्रेता डीलर्स की एक फौज तैयार करना। ताकि हर किसान तक डीलर्स के जरिए सही जानकारी और खाद-बीज व कीटनाशक पहुंच सके।
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