(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। आखिरकार चार वर्ष बाद बाढड़ा व गांव हंसावास खुर्द की दोनों ग्राम पंचायतों के चुनाव कर खुद की पंचायत चुनने का सपना पूरा होने की उम्मीद है। विकास एवं पंचायत विभाग मुख्यालय ने दोनों ग्राम पंचायतों के चुनाव संबधी पूरा रिकार्ड राज्य चुनाव आयोग को भेज दिया है जिसके बाद अब किसी समय दोनों गांवों में नई पंचायत गठन के चुनाव का शेड्यूल घोषित होने की उम्मीद है।
पूर्व चेयरमैन भल्लेराम बाढड़ा व व्यापार मंडल अध्यक्ष संदीप सिंटी की अगुवाई में बाढड़ा व हंसावास खुर्द के मौजिज ग्रामीणों के प्रतिनिधि मंडल ने चंडीगढ पहुंच कर विकास एवं पंचायत विभाग के महानिदेशक डा. जेके आभीर से मुलाकात कर उनको अवगत करवाया कि उनके बाढड़ा व हंसावास खुर्द के दोनों गांवों को ग्राम पंचायत खत्म कर नगरपालिका का गठन किया गया था जो ग्रामीणों की सहमति नहीं बन पाई और विरोध के बाद सरकार ने नगरपालिका को हटाकर दोनों गांवों को दोबारा ग्राम पंचायत गठन को हरी झंडी दे दी लेकिन दो साल गुजरने के बाद आज तक उनके गांवों में पंच, सरपंच पद पर चुनाव नहीं हुए हैं जिससे सरपंच का कार्यभार बीडीपीओ को प्रशासक के तौर पर संभालना पड़ रहा है। प्रदेश सरकार के दिसंबर 2022 में बाढड़ा नगर पालिका का दर्जा खत्म करने के बाद भले ही अप्रैल 2023 में ग्राम पंचायत का दर्जा मिल गया हो लेकिन दोनों गांवों को अब भी पहचान पाना मुश्किल नजर आ रहा है। पहले शहरी निकाय द्वारा नपा का दर्जा वापस लेने व फिर विकास एवं पंचायत विभाग ने दोनों गांवों का ग्राम पंचायत का दर्जा देते हुए आदेश पत्र जारी कर दिया है लेकिन दोनों गांवों में नई पंचायतों के गठन के लिए चुनाव न होने से आमजन को अनेक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। विभाग ने यह फैसला पिछले वर्ष की 2 दिसंबर 2012 को हुए जनमत संग्रह की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया था लेकिन उसके बावजूद पिछले 20 माह से स्थानीय प्रशासन केवल वार्डबंदी व मतदाता सूचि तैयार करने में ही व्यस्त नजर आ रहा है और वह भी राज्य मुख्यालय के अधर में लटकी हुई हैं। इन दोनों गांवों को पोर्टल पर न तो गांव दर्शाया जा रहा है और ना ही नपा। जिला प्रशासन को इन दोनों गांवों में अविलंब नई पंचायतों के गठन के लिए कदमू उठाना चाहिए जिससे आमजन को राहत मिले व विकास योजनाएं सिरे चढ पाएं।
विकास एवं पंचायत विभाग के महानिदेशक डा. जेके आभीर ने बताया कि दोनों गांवों का चुनाव संबधी सारा कामकाज पूरा कर नई वार्डबंदी व मतदाता सूचि तैयार करने की रिपोर्ट राज्य चुनाव आयुक्त को भेज दी गई है और जब भी प्रदेश में पंच, सरपंच, पंचायत समिति व जिला परिषद के रिक्त पदों पर चुनाव होगा तो उनके दोनों की ग्राम पंचायतों के सभी पंच, सरपंच पदों पर चुनाव करवाया जाएगा।
2021 में मिला था नपा का दर्जा
बाढड़ा: बाढड़ा ग्राम पंचायत को वर्ष 2021 में नगरपालिका का दर्जा दिया गया लेकिन बाद में गांव के ग्रामीणों के कारण सारा मामला कभी विभाग तो कभी कोर्ट में चलता रहा। पहले नगरपालिका का दर्जा देकर विवाद का कारण बने फैसलें के विरोध के बाद जनमत संग्रह की कार्यवाही के बाद वर्ष 2022 के दिसंबर माह में सरकार ने पहले नपा का दर्जा हटाया तथा वर्ष 2023 के अप्रैल माह में दोनों ग्राम पंचायतों का दर्जा बहाल करने का विभाग का गजट नोटिफिकेशन जारी किया। इस दर्जे की बहाली व दोनों गांवों को दोबारा ग्राम पंचायत का दर्जा पाने के लिए वर्ष 2022 में छह माह से आंदोलन चल रहा था जिसको 18 नवंबर 2022 को प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने पहुंच कर खत्म करवाया और उनकी मांग के अनुसार 2 दिसंबर 2022 को मतदान करवा कर जनमत संग्रह करवाया जिसमें क्षेत्र के दोनों गांवों के लगभग 97 प्रतिशत जनता ने नपा का दर्जा खत्म कर ग्राम पंचायत का दर्जा पाने का मतदान किया। इस जनमत संग्रह की रिपोर्ट पर आखिरकार 16 दिसंबर को शहरी निकाय विभाग ने नपा का दर्जा खत्म करने व 10 अप्रैल को विकास एवं पंचायत द्वारा पंचायत का दर्जा बहाली करने के आदेश पर स्वीकृति की मोहर लगा दी थी। प्रदेश सरकार के विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल मलिक के हस्ताक्षरयुक्त गजट नोटिफिकेशन पर अप्रैल में जारी आदेश में बताया कि हरियाणा पंचायतीराज अधिनियम 1994 की धारा 8 की उपधारा के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 10 अप्रैल 2023 में हरियाणा के राज्यपाल के द्वारा बाढड़ा व हंसावास खुर्द दोनों गांवों को दोबारा ग्राम पंचायत का दर्जा प्रदान किया जाता है।
आठ माह पहले ही मतदाता सूचि ड्राफ्ट हो चुका तैयार
बाढड़ा: एसडीएम सुरेश दलाल ने कहा कि गांव बाढड़ा व हंसावास खुर्द में नई पंचायतों के गठन के लिए उपमंडल प्रशासन पूरी मुस्तैदी से जुटा है। गांव बाढड़ा के 18 वार्ड व गांव हंसावास खुर्द के 8 वार्डो की नई मतदाता सूचि तैयार कर 27 अक्टूबर को डीडीपीओ के माध्यम से राज्य मुख्यालय भेज दी हैं जहां से वार्डो के आरक्षण प्रक्रिया पूरी होते ही चुनाव की तैयारियां शुरु हो जाऐंगी। प्रदेश सरकार के विकास एवं पंचायत द्वारा दोनों गांवों को दोबारा ग्राम पंचायत का दर्जा बहाल होने से अब दोनों गांवों के मतदाता खुद की ग्राम पंचायत के पंच, सरपंच का चुनाव कर पाऐंगे। मौजूदा समय में बाढड़ा में 3400 व हंसावास खुर्द में 1400 मतदाता समेत 5600 की संख्या में हैं।
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