Charkhi dadari News : ना नगरपालिका ना ग्राम पंचायत, दो पाटों के बीच फंसी बाढड़ा हंसावास खुर्द की जनता

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The people of Badhra Hansavas Khurd are stuck between two sides
मुख्य क्रांतिकारी चौक।
  • दो सालों से लगा विकास को ग्रहण, बाढड़ा, हंसावास खुर्द ग्राम पंचायतों के चुनाव के इंतजार में दोनों गांवों की जनता, सीएम से मिलेंगे बाढड़ा के मौजिज ग्रामीण

(Charkhi dadari News) बाढड़ा। प्रदेश सरकार के दिसंबर 2022 में बाढड़ा नगर पालिका का दर्जा खत्म करने के बाद भले ही अप्रैल माह में ग्राम पंचायत का दर्जा मिल गया हो लेकिन दोनों गांवों को अब भी पहचान पाना मुश्किल नजर आ रहा है। पहले शहरी निकाय द्वारा नपा का दर्जा वापस लेने व फिर विकास एवं पंचायत विभाग ने दोनों गांवों का ग्राम पंचायत का दर्जा देते हुए आदेश पत्र जारी कर दिया है लेकिन दोनों गांवों में नई पंचायतों के गठन के लिए चुनाव न होने से जहंा ग्रामीण विकास योजनाओं पर ग्रहण लगा हुआ है वहीं आमजन को अनेक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। विभाग ने यह फैसला पिछले वर्ष की 2 दिसंबर को हुए जनमत संग्रह की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया था लेकिन उसके बावजूद पिछले 14 माह से स्थानीय प्रशासन केवल वार्डबंदी व मतदाता सूचि तैयार करने में ही व्यस्त नजर आ रहा है और वह भी राज्य मुख्यालय के अधर में लटकी हुई हैं जिस पर मौजिज ग्रामीणों ने बैठक आयोजित कर जल्द ही सीएम व पंचायत मंत्री से गुहार लगाने का फैसला लिया है।

बाढड़ा ग्राम पंचायत को वर्ष 2021 में नगरपालिका का दर्जा दिया गया लेकिन बाद में गांव के ग्रामीणों के कारण सारा मामला कभी विभाग तो कभी कोर्ट में चलता रहा। पहले नगरपालिका का दर्जा देकर विवाद का कारण बने फैसलें के विरोध के बाद जनमत संग्रह की कार्यवाही के बाद वर्ष 2022 के दिसंबर माह में सरकार ने पहले नपा का दर्जा हटाया तथा वर्ष 2023 के अप्रैल माह में दोनों ग्राम पंचायतों का दर्जा बहाल करने का विभाग का गजट नोटिफिकेशन जारी किया। प्रदेश सरकार के विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल मलिक के हस्ताक्षरयुक्त गजट नोटिफिकेशन पर अप्रैल में जारी आदेश में बताया कि हरियाणा पंचायतीराज अधिनियम 1994 की धारा 8 की उपधारा के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 10 अप्रैल 2023 में हरियाणा के राज्यपाल के द्वारा बाढड़ा व हंसावास खुर्द दोनों गांवों को दोबारा ग्राम पंचायत का दर्जा प्रदान किया जाता है। इस दर्जे की बहाली व दोनों गांवों को दोबारा ग्राम पंचायत का दर्जा पाने के लिए पिछले छह माह से आंदोलन चल रहा था जिसको 18 नवंबर 2022 को प्रदेश के तात्कालीन कृषि मंत्री जेपी दलाल ने पहुंच कर खत्म करवाया और उनकी मांग के अनुसार 2 दिसंबर 2022 को मतदान करवा कर जनमत संग्रह करवाया जिसमें क्षेत्र के दोनों गांवों के लगभग 97 प्रतिशत जनता ने नपा का दर्जा खत्म कर ग्राम पंचायत का दर्जा पाने का मतदान किया। इस जनमत संग्रह की रिपोर्ट पर आखिरकार 16 दिसंबर को शहरी निकाय विभाग ने नपा का दर्जा खत्म करने व 10 अप्रैल को विकास एवं पंचायत द्वारा पंचायत का दर्जा बहाली करने के आदेश पर स्वीकृति की मोहर लगा दी थी। इसके बाद जिला प्रशासन दोनों गांवों में ग्राम पंचायतों का गठन करवाने में कागजी कार्यवाही तक सिमटा नजर आ रहा है। जजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष नरेश द्वारका व मिडिया प्रभारी राजेन्द्र सिंह हुई ने बताया कि इस समस्या को लेकर उनकी पार्टी सदैव गंभीर रही है और विधायक नैना चौटाला ने पिछले सत्र में इस मांग को बड़ी मजबूती से उठाया भी था।

राज्य मुख्यालय भेजी गई मतदाता सूचि ड्राफ्ट

बाढड़ा: एसडीएम सुरेश दलाल ने कहा कि गांव बाढड़ा व हंसावास खुर्द में नई पंचायतों के गठन के लिए उपमंडल प्रशासन पूरी मुस्तैदी से जुटा है। गांव बाढड़ा के 18 वार्ड व गांव हंसावास खुर्द के 8 वार्डो की नई मतदाता सूचि तैयार कर एक साल पहले ही 27 अक्टूबर 2023 को डीडीपीओ के माध्यम से राज्य मुख्यालय भेज दी हैं जहां से किसी समय निर्देश मिलते ही चुनाव की तैयारियां शुरु हो जाऐंगी। प्रदेश सरकार के विकास एवं पंचायत द्वारा दोनों गांवों को दोबारा ग्राम पंचायत का दर्जा बहाल होने से अब दोनों गांवों के मतदाता खुद की ग्राम पंचायत के पंच, सरपंच का चुनाव कर पाऐंगे। मौजूदा समय में बाढड़ा में 3400 व हंसावास खुर्द में 1400 मतदाता समेत 5600 की संख्या में हैं।

जल्दी चुनाव संपन्न करवाएं प्रशासन

बाढड़ा: पूर्व चेयरमैन भल्लेराम बाढड़ा, जिला पार्षद अनिल बाढड़ा, पूर्व सरपंच बिजेन्द्र श्योराण, व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुंदरपाल व व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष संदीप सिंटी ने कहा कि 29 जून 2021 को दोनों ग्राम पंचायतों को नगरपालिका में शामिल किया गया था लेकिन ग्रामीणों के विरोध बाद हुए जनमत संग्रह में सरकार ने 16 दिसंबर 2022 को नपा का दर्जा खत्म कर दिया था। अब दोनों गांवों को ग्राम पंचायत का दर्जा मिल गया है तो बीडीपीओ को प्रशासक के तौर पर नियुक्त कर विकास योजनाओं को बढावा देने का दावा किया गया लेकिन यह केवल कागजी साबित हो रहा है। इन दोनों गांवों को पोर्टल पर न तो गांव दर्शाया जा रहा है और ना ही नपा। जिला प्रशासन को इन दोनों गांवों में अविलंब नई पंचायतों के गठन के लिए कदम उठाना चाहिए जिससे आमजन को राहत मिले व विकास योजनाएं सिरे चढ पाएं। उन्होंने आज बैठक कर फैसला लिया कि जल्दी ही एक कमेटी पदाधिकारी राजधानी पहुंच कर सीएम नायबसिंह सैनी व पंचायत मंत्री से गुहार लगाने का फैसला लिया है।

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