(Charkhi dadari News) बाढड़ा। ध्यान (मेडिटेशन) तनावमुक्त और संतुलित जीवन की कुंजी है जिससे व्यक्ति अपने मन और विचारों को नियंत्रित करता है यह उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की कादमा शाखा में प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्रीय प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मेडिटेशन मानसिक, शारीरिक और आत्मिक शांति प्राप्त करने की रामबाण औषधि है यह मन और आत्मा को शांत करने की प्राचीन विधि है।
ब्रह्माकुमारी बहन ने कहा कि तनाव, चिंता और अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं को कम करने में मेडिटेशन ध्यान कारगर विधि है। उन्होंने कहा की ध्यान एक साधना नहीं बल्कि हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है जिससे हमारे विचार सकारात्मक और सशक्त बनते हैं।
ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने ध्यान मेडिटेशन के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि ध्यान एक ऐसी विधि है जिससे व्यक्ति अपने मन और विचारों को नियंत्रित करता है इसमें मन को एक बिंदु पर केंद्रित किया जाता है वह श्वास पर ध्यान केंद्रित करना, मंत्र जाप करना या किसी दिव्य शक्ति का ध्यान करना हो सकता है।
उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज में सिखाए जाने वाले राजयोग ध्यानाभ्यास से आत्मा का सशक्तिकरण होता है। इससे मन को शांति मिलती आत्म विश्वास बढ़ता व व्यक्ति की आंतरिक शुद्धता बढ़ती है। उन्होंने कहा राजयोग के नियमित अभ्यास से नकारात्मक भावनाओं से मुक्ति सकारात्मक दृष्टिकोण और मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है। इस अवसर पर स्वयं के साथ वातावरण को शुद्ध व पवित्र बनाने क लिए सामूहिक ध्यान मेडिटेशन का अभ्यास किया गया। ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने अनुलोम-विलोम प्राणायाम ओम की ध्वनि आदि पर ध्यान का अभ्यास करवाया। इस अवसर पर योगा इंस्ट्रक्टर सतवेंदर शर्मा ने भी ध्यान के बारे में बताया।
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