Charkhi dadari News : कमल प्रधान ने सरकार की शिक्षा नीति पर सवाल खड़े किए, नवनिर्वाचित्त विधायकों से शिक्षा को बचाने की अपील की

0
3
Kamal Pradhan raised questions on the education policy of the government
युवा कल्याण संगठन प्रदेश सरंक्षक व छात्रनेता कमल प्रधान।

(Charkhi dadari News) बाढड़ा। युवा कल्याण संगठन प्रदेश सरंक्षक व छात्रनेता कमल प्रधान ने कहा कि ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय खेलों से कुश्ती, हाकी जैसे भारतीय आमजन के परंपरागत प्रिय खेलों को हटाना दुर्भाग्यपूर्ण है और केन्द्र सरकार को इस पर तत्काल पैरवी करनी चाहिए।

शिक्षण सत्र आधा बीत गया है लेकिन दादरी जिले के सभी सरकारी कालेजों में शिक्षण स्टाफ का अस्सी फिसदी पद रिक्त होना हमारी बहन बेटियों व युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है। युवा कल्याण संगठन इस मामले में नवनिर्वाचित्त दोनों विधायकों से अपील करता है कि वह अपने क्षेत्र के लडक़े लड़कियों के भविष्य की रक्षा करते हुए प्रदेश के सीएम नायब सिंह सैनी व शिक्षा मंत्री को यहां के हालात से वाकिफ करवा कर प्राध्यापकों की तैनाती करवानी चाहिए। यह बात उन्होंने कस्बे में छात्राओं के अभिभावकों की समस्यांए सुनते हुए कही।

शिक्षण सत्र बीत रहा पर कालेजों में अस्सी फिसदी शिक्षण स्टाफ के रिक्त पद: कमल

इस अवसर पर छात्राओं व उनके अभिभावकों ने बताया कि कालेज में प्रोफेसरों की कमी से विद्यार्थियों का भविष्य बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है। युवा नेता कमल प्रधान ने कहा कि भारत की आजादी का सबसे बड़ा मूलमंत्र गरीब आदमी को मुफ्त शिक्षिा, चिकित्सा व बिजली पानी जैसी मुलभूत सुविधाओं की उपलब्धता था लेकिन भाजपा सरकार आज लोकतंत्र के मूल उद्देश्य से भटक गई है और जनसुविधा को कमर्शियल में परिवर्तित कर दिया है।

प्रदेश की शिक्षण व्यवस्था को बचाने के लिए अब महामहिम राज्यपाल को ही हस्तक्षेप करना चाहिए वरना गरीब के बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाऐंगे। सरकार धीरे धीरे सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण कर रही है। प्रदेश के कई हजार स्कूलों का माड्ल संस्कृति का नाम देकर उनको हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से सीबीएसई में दिया जा रहा है जिससे प्रदेश के शिक्षा बोर्ड के अस्तित्व को ही खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रदेश के कालेजों में लगभग पच्चास फिसदी पद रिक्त होने व ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों से जानबूझ कर शिक्षकों के पद खत्म कर सारे सिस्टम का निजीकरण कर रही है जो जायज नहीं है। दादरी जिले के बाढड़ा, कादमा, मांढी व जिला मुख्यालयों में केवल दाखिले के लिए एक दो प्राध्यापक तैनाती की हैं जबकी वहां पर लगभग पांच हजार छात्र छात्राओं की पढाई बाधित हो रही है।

इसी तरह ग्रामीण परिवेश में गरीब अभिभावक अपने बच्चों को गांव के ही सरकारी स्कूलों में शिक्षा के लिए भेजते हैं लेकिन सरकार ने जानबूझ कर रेशनेलाईजेशन को अपना कर वहां पर सभी शिक्षकों के पदों को ही खत्म कर दिया है जो सरकार की एकतरफा शिक्षा विरोधी फैसलें हैं। उपमंडल क्षेत्र समेत जिले भी के बीस स्कूल इस नीति के कारण केवल नाम के स्कूल रह गए हैं जो इस क्षेत्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।

सभी अभिभावकों को मौजूदा व भावी पीढी के लिए हमें एकजुटता से सभी जनप्रतिनिधियों पर रेशनेलाईजेशन में पद खत्म करने की नीति का मुखरता से विरोध करना चाहिए। युवा कल्याण संगठन इस मामले में नवनिर्वाचित्त दोनों विधायकों से अपील करता है कि वह अपने क्षेत्र के लडक़े लड़कियों के भविष्य की रक्षा करते हुए प्रदेश के सीएम नायब सिंह सैनी व शिक्षा मंत्री को यहां के हालात से वाकिफ करवा कर प्राध्यापकों की तैनाती करवानी चाहिए।

उनका संगठन भी इन ज्वलंत मांगों को लेकर केन्द्रिय मानव संसाधन मंत्रालय व राज्यपाल को पत्र लिखकर समय मांगा गया है जिनको सारी स्थिति से अवगत करवाया जाएगा। उनके साथ युवा कल्याण संगठन प्रदेश महासचिव दुष्यंत कलकल, प्रदेश प्रवक्ता अनिल शेषमा, जितेन्द्र भोलू, शक्ति पहलवान, सतपाल आर्य, बलजीत जांगड़ा इत्यादि मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें: Mahendragarh News : गांव मोहनपुर में लगा निःशुल्क आयुर्वेदिक स्वास्थ्य जांच शिविर