Charkhi Dadari News : काकड़ौली हठ्ठी के खरीफ सीजन 2020 का लंबित मुआवजा राशि वितरण मामले में फाईल

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काकड़ौली हठ्ठी के खरीफ सीजन 2020 का लंबित मुआवजा राशि वितरण मामले में फाईल
काकड़ौली हठ्ठी के खरीफ सीजन 2020 का लंबित मुआवजा राशि वितरण मामले में फाईल

(Charkhi Dadari News) बाढड़ा। गांव काकड़ौली हठ्ी की वर्ष 2020 के खरीफ सीजन की खराब हुई कपास की फसल के प्रभावित किसानों को बीमा कंपनी द्वारा मुआवजा देने से वंचित करने के मामले में चार साल से कछुआ गति से चल रही जांच की फाईल नैशनल कार्यालय में प्राधिकरण में अटक गई है। पूर्व कृषि मंत्री जेपी दलाल के मार्च माह में सख्त रुख के बाद कृषि विभाग के डायरेक्टर व राज्य सलाहकार चेयरमैन ने इस मामले में कृषि विभाग के दादरी के अधिकारियों व किसानों के ब्यान कलमबद्ध कर आगामी कार्यवाही के लिए दिल्ली मुख्यालय में भेजी थी जो ठंडे बस्ते में चली गई है। मुआवजे की 12 जांच रिपोर्ट किसानों के पक्ष में आने के बावजूद अंतिम जांच रिपोर्ट ठंडे बस्ते में रखने से किसानों में रोष बना हुआ है।

पूर्व कृषि मंत्री के आदेश पर कृषि विभाग के डायरेक्टर व राज्य सलाहकार ने छह माह पहले दिल्ली भेजी थी फाईल

काकड़ौली हठ्ी के पूर्व सरपंच अजीत सिंह, सरपंच इंदराज सिंह व नंबरदार देवीलाल की अगुवाई में किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने दिल्ली में अधिकारियों से मुलाकात कर बताया कि बीमा प्राधिकरण मामले में समय पर कोई कदम न उठाकर किसानों के हितों से खिलवाड़ कर रही है।

गांव के किसानों ने वर्ष 2023 में पंचकूला स्थित कृषि भवन में कृषि विभाग के महानिदेशक व बीमा कंपनी के राज्य सलाहकार अमरजीत सिंह मान आईएएस की मौजूदगी में हुई बैठक में सारा ब्यौरा रखा जिस पर उन्होंने माना कि कृषि विभाग ने दादरी कंपनी के कर्मियों से मिलकर उनके साथ अन्याय किया है। उन्होंने अब तक की जांच रिपोर्ट में वर्ष 2020 के खरीफ सीजन में सफेद मक्खी, उखेड़ा व बेमौसमी बरसात के कारण कपास, बाजरे की फसल पूरी तरह खराबें की भेंट चढ गई थी जिस पर किसानों ने प्रदेश सरकार को अवगत करवाया तो आनन फानन में बीमा कंपनी व स्पेशल गिरदावरी की गई।

काकड़ौली के चार साल पुराने बकाया मुआवजे की फाईल नैशनल कार्यालय में अटकी, किसानों में रोष

इसमें बीमा कंपनी ने साथ लगते सभी गांवों को मुआवजा वितरित करवा दिया लेकिन उनके गांव को जानबूझ कर वंचित कर दिया। किसानों ने इस बारे में उपायुक्त कार्यालय में शिकायत की तो एसडीएम शंभु राठी ने सारे मामले की जांच की तो बीमा कंपनी का गोलमाल उजागर हुआ। बीमा कंपनी व कृषि विभाग ने कपास उत्पादन का जो रकबा दिखाया वह इस गांव से साठ किलोमीटर दूर हांसी क्षेत्र का पाया गया। बीमा कंपनी ने दस्तावेज में जो किसान, नंबरदार दर्ज किए गए वह सभी फर्जी पाए गए थे।

एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट में कृषि विभाग दादरी, बीमा कंपनी, तात्कालीन बीटीएम के खिलाफ तत्काल कड़ी कार्यवाही करने व पीडि़त किसानों को तुरंत मुआवजा देने का निर्देश दिया जिस पर उपायुक्त ने भी रिपोर्ट में सहमति और कृषि विभाग के राज्य मुख्यालय भेज दी गई जिस पर अभी तक अलग-अलग तरह की 12 जांच रिपोर्ट हो चुकी है जिनमें सभी में किसानों के नुकसान को वाजिब बताकर मुआवजा देने की बात कही गई है। कृषि विभाग ने इन किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए दिल्ली स्थित बीमा कंपनी व केन्द्र सरकार के अधिकारियों के समक्ष भी उठाया लेकिन उन्होंने उपायुक्त कार्यालय से फिर रिपोर्ट तलब की तो वह तीन माह देरी से चंडीगढ पहुंच पाई। बताया जा रहा है कि उपायुक्त ने पहले सीटीएम को सारी जांच का अवलोकन कर नई रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया लेकिन कोई कार्यवाही न होने से किसानों में रोष बना हुआ है।

बीमा कंपनी के राज्य सलाहकार अमरजीत सिंह मान आईएएस ने एक साल पहले किसानों को आश्वस्त किया था कि पूर्व कृषि मंत्री जेपी दलाल के दिशानिर्देश पर सारे मामले की निष्पक्ष जांच करवा कर सारी रिपोर्ट तैयार कर दिल्ली मुख्यालय भेजी गई है और किसानों के नुकसान की भरपाई करवाने का भरोसा दिया था लेकिन एक साल गुजरने के बाद भी किसानों की झोली खाली है।

अधर में लटके किसान

बाढड़ा: गांव के किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने पिछले सप्ताह ही पूर्व कृषि मंत्री जेपी दलाल व विभाग के महानिदेशक कार्यालय में पहुंच कर बताया कि उनके क्षेत्र के किसानों को ना तो बीमा कंपनी से पैसा मिला और ना ही अब उनके लिए राजस्व विभाग की स्पेशल गिरदावरी में आया मुआवजा दिया जा रहा है। राज्य मुख्यालय पर कार्यरत अधिकारियों ने उनको अवगत करवाया कि इस मामले से जुड़ी फाईल पिछले दो साल से लगातार जांच में है और यह अंतिम रिपोर्ट पिछले छह माह से बीमा कंपनी के राष्ट्रीय मुख्यालय के पास अटकी है। पूर्व कृषि मंत्री जेपी दलाल ने उसी समय विभाग के मुख्यालय को सारे मामले की त्वरित जांच कर पीडि़त किसानों को सारे ाममले की जांच कर न्याय दिलवाने का भरोसा दिया है।

पीडि़त किसानों को मुआवजा, जिम्मेवार अधिकारियों पर कार्यवाही करे सरकार

बाढड़ा: नंबरदार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष देवीलाल नंबरदार, किसान रामफल सिंह, बलबीर नंबरदार, सोमबीर सिंह, महेन्द्र सिंह, राजबीर, रोहताश, सीताराम, राकेश कुमार, समुंद्र पाल, जुगबीर सिंह, भूपेन्द्र श्योराण, हरीकिशन, सोमबीर, राजपाल, दीपक, धर्मेंद्र सिंह, सुर्यप्रकाश, शक्ति पहलवान, सूबेसिंह, सूबेदार सुरजभान, राजेन्द्र सिंह इत्यादि ने बताया कि खरीफ 2020 में उनके गांव के कृषि रकबे में बहुतायत तौर पर कपास की फसल की बिजाई की जिसमें पौद्ये पूरी तरह तैयार होते ही सफेद मक्खी व उखेड़ा रोग होने से सारी फसल तबाह हो गई।

किसानों ने पीएम फसल बीमा कंपनी प्रतिनिधि को शिकायत दी तो कंपनी के कर्मचारी व कृषि विभाग के अनुबंधित कर्मचारी ने गांव में जाकर चारों कोनों से विशेष रिपोर्ट बनाई और किसानों को आश्वस्त किया कि उनको फसल खराब होने के कारण क्षतिपूर्ति के तौर पर जल्द बीमा राशि मिलेगी तथा उसके बाद प्रदेश के राजस्व विभाग ने भी गांव के प्रभावित रकबे की स्पेशल गिरदावरी की तो कपास के नुकसान को 51 से 75 प्रतिशत नुकसान श्रैणी में शामिल कर राज्य सरकार को भेज दिया।

 

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