(Charkhi Dadari News) बाढड़ा। भाजपा सरकार केवल दिखावे के नाम पर आत्मनिर्भर राष्ट्र का राग अलाप रही है जबकी धरातल पर आज किसान, नौजवान भुखा प्यासा सडक़ों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर है। पिछले पांच साल से लगातार संघर्षरत यूपी, पंजाब व हरियाणा के किसानों के जत्थे अपने हकों के दिल्ली जा रहे हैं तो सरकार को यह भी पसंद नहीं है और उनको अपराधियों की तरह व्यवहार कर रही है जो न्याय संगत नहीं है।
यह बात वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व विधायक सोमवीर सिंह ने क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में ग्रामीणों से मुलाकात करते हुए कही। उन्होंने कहा कि भाजपा को गांव के गरीब किसान मजदूर की बजाए पूजीपंतियों के भविष्य की ज्यादा चिंता है। जब दो साल पहले किसानों को लंबा आंदोलन चलाना पड़ा तो पीएम नरेन्द्र मोदी ने स्वयं किसानों को आंदोलन खत्म कर केन्द्र सरकार की अगुवाई में कमेटी गठित कर फसलों की खरीद पर एमएसपी गारंटी कानून लागू करने व लागत के आधार पर दरें निर्धारित करने का वायदा किया था लेकिन सरकार तीसरी बार सत्ता में आते ही घमंड में आ गई है और किसान, बेरोजगारों पर तरह तरह के गलत फैसलें थोप रही है। सीएम द्वारा बार बार ब्यान दिया जा रहा है कि दिल्ली कूच करने वाले किसान पंजाब राज्य के हैं।
इसलिए पंजाब के सीएम को किसानों से बात करनी चाहिए। सीएम का यह गैर जिम्मेदाराना बयान है क्योंकि किसान पंजाब के हो या हरियाणा के। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का हक है। एमएसपी का मामला केंद्र सरकार से जुड़ा हुआ है, पंजाब से नहीं। यदि पंजाब के किसान एमएसपी गारंटी का कानून बनाने की मांग पर केंद्र सरकार के पास जा रहे हैं तो हरियाणा सरकार को क्या आपत्ति है। सिर्फ किसान हरियाणा होकर दिल्ली जाना चाहते हैं। ऐसे में किसानों को हरियाणा में रोकना लोकतंत्र विरोधी कदम है। रास्ता बंद करना, सडक़ खोदना, कीलें व कंटीली तारें बिछाना समस्या का समाधान नहीं है।
खराबे की भेंट चढी फसलों का मुआवजा दे सरकार
उन्होंने कहा कि खरीफ सीजन की पच्चास फिसदी कपास, बाजरा, ग्वार खराबें की भेंट चढ गए हैं वहीं प्रदेश के किसान को अब बचा हुआ बाजरा धान बेचने के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। रबी सीजन के लिए डीएपी व उन्नत बीज की किल्लत किसी से छिपी नहीं है। सरकार जिन 24 हजार युवकों को रोजगार देने का दावा कर रही है उनमें से दस हजार तो पहले से नियुक्त कर्मचारी थे जिन्होंने पहले मिली नौकरी छोड़ी है। भाजपा की नीतियां बेरोजगारी को दूर करने की बजाए युवाओं का शोषण कर रही है। कांग्रेस पार्टी छतीस बिरादरी के कल्याण करने वाली विचारधारा की पार्टी है। सरकार को तुरंत किसानों के साथ बैठकर बात करनी चाहिए और किसानों की जो मांग है, उसे सरकार को पूरा करना चाहिए। एमएसपी गारंटी का कानून बनाने की मांग पर पैदल दिल्ली कूच कर रहे किसानों को जबरन रोकना, लाठीचार्ज करना तथा आंसू गैस के गोले दागना निंदनीय है।
सरकार द्वारा अपनाई जा रही दमनकारी नीति किसानों की समस्या का समाधान नहीं है। यदि सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान करना चाहती है तो आपस में बैठकर वार्ता करनी चाहिए। उनके अलावा कांग्रेसी नेता सरपंच सुरेश धनासरी, छात्रनेता विजय मोटू, सरपंच बिजेन्द्र ढिल्लू, मुन्ना हुई, राजकुमार जेवली, पूर्व सरपंच वेदप्रकाश काकड़ौली, आनंद वालिया, पूर्व बीईओ करणसिंह श्योराण, विजय हंसावास, नवीन बाढड़ा, मनोज जेवली, रामफल रांगी, अतरसिंह काकड़ौली, समुंद्र काकड़ौली, संदीप ढाणी सुरजा,संदीप गोपी इत्यादि मौजूद रहे।
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