(Charkhi dadari News) बाढड़ा। गांव काकड़ौली सरदारा बिजली घर में एक माह पहले जले ट्रांसफार्मर की जगह भेजे गए छह एमवीए के पुराने ट्रांसफार्मर पर मामूली लोड आते ही उसने काम करना बंद कर दिया है। इस बिजली घर पर निर्भर पांच गांवों के कृषि व घरेलू क्षेत्र के हजारों उपभोक्ताओं को बिजली की अघोषित व कम आपूर्ति संकट से जूझना पड़ रहा है। 30 जनवरी को प्रभावित गांवों के सभी सरपंचों व मौजिज ग्रामीणों ने सीएम नायब सिंह सैनी, सांसद धर्मबीर सिंह, बिजली मंत्री अनिल विज व विधायक को पत्र लिखकर इसको अपग्रेड कर कम से कम बारह एमवीए की क्षमता का बड़ा ट्रासंफार्मर लगाने की मांग की थी लेकिन कोई कदम नहीं उठाने पर रोष जताया।

ग्रामीणों ने एक माह सीएम, सांसद, विधायक व बिजली मंत्री को लिखे पत्र से भी नहीं हुआ समाधान

काकड़ौली सरदारा स्थित 33 केवी सब स्टेशन बिजली घर से पांच गांवों के हजारों उपभोक्ताओं को घरेलू क्षेत्र में बीस घंटे व कृषि क्षेत्र में आठ से दस घंटे आपूर्ति के लिए कम से कम 12-12 एमवीए के दो ट्रांसफार्मरों की सख्त जरुरत है क्योंकी मौजूदा समय में मात्र पांच एमवीए के पुराने बिजली ट्रांसफार्मर से नाममात्र आपूर्ति की जा रही है जिससे किसानों के ट्यूबवैलों की मोटर व घरेलू उपकरण खराबे की भेंट चढ रहे हैं वहीं फसलों की सिंचाई पर भी ग्रहण लगा हुआ है। गांव काकड़ौली हुक्मी के पूर्व सरपंच सीताराम शर्मा व काकड़ौली सरदारा सरपंच प्रतिनिधि रणबीर सिंह रोहिल्ला ने बताया कि 30 जनवरी को काकड़ौली हठ्ी, काकड़ौली सरदारा, काकड़ौली हुक्मी उमरवास क्षेत्र के घरेलू व कृषि क्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं ने बैठक आयोजित कर क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की लचर व्यवस्था पर चिंता प्रकट की तथा वर्ष 2008 में निर्मित 33 केवी बिजली घर की क्षमता में वृद्धि करने की मांग की।

काकड़ौली सरदारा में भेजे गया छह एमवीए बिजली ट्रंासफार्मर दो सप्ताह में ही ठप्प, पांच गांवों के उपभोक्ता ओवरलोड के शिकार, आमजन में रोष

पूर्व सरपंच अजीत सिंह व वेदप्रकाश श्योराण काकड़ौली सरदारा ने बताया कि जिस समय यह बिजली घर यहां पर संचालित किया गया था उस समय ही इसपर बिजली आपूर्ति अधिक होने का दबाव था लेकिन विभाग के अधिकारियों ने क्षेत्र के ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि जल्द ही पांच एमवीए के ट्रांसफार्मर की जगह बड़ा ट्रांसफार्मर लगाया जाएगा लेकिन 17 साल का लंबा अर्सा बीतने के बाद भी बिजली घर की सुध नहीं ली गई है और एक माह पहले जले ट्रांसफार्मर की जगह भेजे गए छह एमवीए के पुराने ट्रांसफार्मर पर मामूली लोड आते ही उसने काम करना बंद कर दिया है। इस बिजली घर पर निर्भर पांच गांवों के कृषि व घरेलू क्षेत्र के हजारों उपभोक्ताओं को बिजली की अघोषित व कम आपूर्ति संकट से जूझना पड़ रहा है। 30 जनवरी को प्रभावित गांवों के सभी सरपंचों व मौजिज ग्रामीणों ने सीएम नायब सिंह सैनी, सांसद धर्मबीर सिंह, बिजली मंत्री अनिल विज व विधायक को पत्र लिखकर इसको अपग्रेड कर कम से कम बारह एमवीए की क्षमता का बड़ा ट्रासंफार्मर लगाने की मांग की थी लेकिन कोई कदम नहीं उठाने पर रोष जताया।

जल्द समाधान नहीं किया गया तो होगा आंदोलन

रबी सीजन की गेहूं, सरसों की फसल सिंचाई के लिए फरवरी, मार्च व अप्रैल माह में और अधिक बिजली की जरुरत होगी लेकिन बिजली केन्द्र से जरुरत तो दूर आधी क्षमता की बिजली आपूर्ति पर भी संशय के बादल मंडरा रहे हैं जिससे किसानों में अपनी फसलों को लेकर रोष बना हुआ है। सभी मौजिज ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से फैसला लिया कि सरकार को अविलंब प्रभाव से इसको अपग्रेड कर कम से कम बारह एमवीए की क्षमता का बड़ा ट्रासंफार्मर नहीं लगाया गया तो लगाने की मांग की है तथा जल्द ही समाधान न करने पर आंदोलन शुरु करने का एलान किया। बैठक में रोष प्रदर्शन में सरपंच इंदराज दिसौदिया, तकदीर श्योराण, अतरसिंह, मांगेराम श्योराण, जगबीर सिंह, अजयवीर शक्ति पहलवान, किसान नेता अशोक श्योराण, आनंद वालिया, सुर्यप्रकाश, धर्मेंद्र सिंह, सुरेन्द्र सिंह, महाबीर सिंह, सतबीर सिंह, प्रदीप कुमार इत्यादि मौजूद रहे। इत्यादि मौजूद रहे।

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