(Charkhi dadari News) चरखी दादरी। चरखी दादरी जिले के गांव बिरहीं कलां में बुधवार को दिल्ली से पक्षी संरक्षण की टीम पहुंची जिसने जलभराव वाले क्षेत्र का दौरा कर जलीय पक्षियों का निरीक्षण किया। टीम के साथ स्थानीय जैव विविधता, वन्य जीव संरक्षण और वन विभाग की टीम मौके पर रही।
जलभराव वाले क्षेत्र का दौरा कर जलीय पक्षियों का निरीक्षण किया
जैव विविधता चरखी दादरी जिला समन्वयक बबीता श्योराण ने बताया कि दादरी में इतनी प्रजाति के पक्षी मिलना एक बड़ी बात है। बिना आरक्षित क्षेत्र इतनी प्रजाति के प्रवासी पक्षी, दुर्लभ प्रजाति के पक्षी मिलने से वे काफी उत्साहित हैं और ग्रामीणों को स्थान आरक्षित घोषित करवाने, पक्षियों के संरक्षण व बर्ड सेंचुरी बनवाने के लिए जागरूक करेंगे।
टीम दिखी काफी खुश
बिना किसी भी संरक्षण वाले स्थान पर इतनी प्रजाति के पक्षी देखकर टीम काफी खुश नजर आई। टीम सदस्यों ने बताया कि ये पक्षी सरदी के मौसम में प्रवास करने आते हैं और गर्मी शुरू होने पर चले जाते हैं। अब मौसम में बदलाव हो चुका है और कुछ पक्षी वापस चले गए हैं। उन्होंने बताया कि यदि 15 से 20 दिन पहले विजिट की जाती तो और अधिक प्रजाति के पक्षी मिलने की संभावना थी।
44 प्रजाति के पक्षी मिले
साढ़े पांच घंटे के निरीक्षण के बाद दिल्ली से पहुंचे पक्षी विशेषज्ञ टीके रॉय ने बताया कि बिरही कलां में कुल 44 प्रजाति के पक्षी मिले हैं। जिनमें 25 भारतीय प्रजाति के है जबकि 19 विदेशी प्रजाति के पक्षी है जिसमें एशियन, साइबेरियन प्रजाति शामिल हैं। कुछ पक्षी ऐसे हैं जो हिमालय की ऊंचाई को पार कर पहुंचे हैं।
तीन दुर्लभ प्रजाति के पक्षी भी मिले
टीम को निरीक्षण के दौरान जो 44 प्रजाति के पक्षी मिले हैं, उनमें तीन दुर्लभ प्रजाति के पक्षी भी शामिल हैं। जो विलुप्त होने की कगार पर हैं। टीके रॉय ने बताया कि पेटेंट स्टार्क व ब्लैक हैडेड ऐसी प्रजाति है, जो ऑवर ऑल वल्र्ड विलुप्त होने की कगार पर है। जबकि यूरेशियन स्पून बिल दुनिया के दूसरे देशों में तो पाई जाति है। लेकिन भारत में विलुप्त होने की कगार वाली श्रेणी की प्रजाति में शामिल हैद्ब
सरकार को भेजेंगे रिपोर्ट
पक्षी विशेषज्ञ टीके रॉय ने बताया कि यहां जो पक्षी मिले हैं, उनकी संख्या कम है। लेकिन प्रजाति काफी अधिक हैं। वे इसकी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजेंगे ताकि इस क्षेत्र को आरक्षित घोषित कर पक्षियों को संरक्षित किया जा सके।
उन्होंने बताया कि बर्ड सेंचुरी के लिए यह स्थान काफी उपयुक्त है। इस जमीन के दो ओर लिंक रोड व एक और नेशनल हाईवे है, वहीं साथ में पानी के लिए नहर भी उपलब्ध है। टीके रॉय ने बताया कि सरकार यदि यहां बर्ड सेंचुरी बनाती है, तो पर्यटन के बढ़वा मिलेगा जो क्षेत्र के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
ये रहे मौजूद
निरीक्षण के दौरान पक्षी विशेषज्ञ टीके रॉय, जैव विविधता जिला समन्वयक बबीता श्योराण, वन्य जीव निरीक्षक सोनू कुमार, वन राजिक अधिकारी हेमंत कुमार, वन्य जीव विभाग से पवन सहारण, मंजीत सिंह, वन्य जीव रक्षक अक्षय कुमार आदि मौजूद रहे।
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