Charkhi dadari News : कन्या गुरुकुल एवं महाविद्यालय का वार्षिकोत्सव 26 एवं 27 को, तैयारियां जोरों पर

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Annual function of Kanya Gurukul and Mahavidyalaya on 26th and 27th
कन्या गुरूकुल महाविद्यालय पंचगावां के मुख्य द्वार।
  • एक पेड़ से शुरु हुआ कन्या गुरुकुल पंचगांव ने लिया वट वृक्ष का विशाल रुप
  • उत्तरी भारत का प्राचीन संस्कृत भाषा का एकमात्र कन्या गुरुकुल

(Charkhi dadari News)  बाढड़ा। दक्षिण हरियाणा के अंतिम छोर पर गुलाम भारत में स्थापित कन्या गुरुकुल व महाविद्यालय पंचगांव आज भी प्राचीन भारतीय सभ्यता, संस्कति व आर्य समाज की नीतियों की रक्षा तथा प्रचार-प्रसार में जुटा हुआ है। आठ जिलों में एकमात्र नि:शुल्क कन्या महाविद्यालय होने का गौरव प्राप्त यह गुरुकुल आजादी से पूर्व मात्र एक झौपड़ी से शुरु हुआ था। आज यह संस्था सैंकड़ों कमरों में परिवर्तित होकर लगभग तीन सौ कन्याओं को शिक्षा दे रहा है। यहां से उच्च शिक्षा प्राप्त कन्याएं देश व प्रदेश के कोने-कोन में आर्य समाज की शिक्षाओं को प्रचारित करने में जुटी हुई है। इसके 26 व 27 अक्टूबर के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम को लेकर आर्यवीरों में उत्साह का माहौल बना हुआ है।

जुई-बाढड़ा मुख्य सडक़ मार्ग पर पंचगांव के नजदीक बसे इस गुरुकुल की स्थापना 1947 में प्रसिद्व स्वतंत्रता सेनानी महाशय मंशाराम ने की थी। उन्होंने अपनी लगभग 70 बीघा जमीन भी नि:शुल्क दान में दी। उस समय इस क्षेत्र में शिक्षा का कोई बड़ा संस्थान नही था तथा स्त्री शिक्षा को घृणा की दृष्टिï से देखा जाता था। गुलाम भारत में बने इस गुरुकुल की शुरुआती दौर में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा व 1956 में यह बंद हो गया। लेकिन इसको बीस वर्ष बाद 28 फरवरी 1977 में पुन: शुरु किया गया। मात्र एक झोपड़ी से शुरु किया गया यह गुरुकुल व महाविद्यालय आज विकास के पथ पर अग्रसर है। आरंभ में इस गुरुकुल के कुलपति मा.नानकचंद थे लेकिन उनकी मृत्यु के बाद पूर्व सीएम बीडी गुप्त, व स्वामी धर्मानंद उड़ीसा कुलपति व सेठ जसवंत सिंह की धर्मपत्नि सुनीता गुप्त उपकुलपति का काम देखती रही हैं और उनके निधन के बाद अब स्वामी धर्मानंद सरस्वती कुलपति का कामकाज संभल रहे हैं।

कन्या गुरुकुल सरकारी सहायता पर आश्रित न रहकर क्षेत्र के दानवीरों के सहारे चल रहा है। इसके कार्य पर गुरुकुल संस्थापकों ने एक प्रबंधक कार्यकारिणी गठित कर रखी है जिसमें प्रसिद्व आर्यसमाजी महिपाल जेवली को सरंक्षक, पंचगांव के पूर्व सरपंच ओमप्रकाश को अध्यक्ष, नप के पूर्व चेयरमैन विजय पंचगावां गौशाला समिति अध्यक्ष, बुद्देव आर्य को महामंत्री, गोशाला सचिव हरीसिंह गोपी को चुना गया है। गुरुकुल में शिक्षण कार्य के लिए अध्यापिकाओं की नियुक्ति से लेकर छात्राओं के अन्न संग्रह तक का कार्य गुरुकुल कार्यकारिणी के सदस्य ही करते हैं। वर्तमान में इस गुरुकुल में लगभग तीन सौ कन्याएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय रोहतक व शिक्षा बोर्ड भिवानी से सबंधित इस गुरुकुल में पांचवी, दसवीं कक्षा उतीर्ण छात्रा को ही दाखिला किया जाता है जो तीन भाषाओं हिन्दी, अंग्रेजी व संस्कृत में शास्त्री तक की उच्च शिक्षा प्राप्त करती हैं। यहां पर हरियाणा के अलावा दिल्ली, राजस्थान, उतर प्रदेश व उतराचंल से छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने आती हैं।

कन्या गुरुकुल व महाविद्यालय पंचगांव को सरकारी सहायता के नाम पर मात्र पूरे वर्ष कुछ ही रुपये अनुदान के रुप में प्राप्त होते हैं। गुरुकुल में एक भव्य गौशाला व यज्ञशाला है। गौशाला में अन्य प्रदेशों से उत्तम किस्म की गाएं रखी जाती हैं जो देशी गाएं की अपेक्षा अधिक दूध व घी देती हैं। यज्ञशाला में गुरुकुल की छात्राएं प्रतिदिन सुबह-शाम यज्ञ करती है। इस संस्था की छात्राएं शिक्षा के क्षेत्र में हर वर्ष उल्लेखनीय प्रदर्शन करती हैं। गुरुकुल में दोनो समय लड़कियों को आत्मरक्षा के लिए भाला व तलवार चलाना, दण्ड युद्व, लाठी का पांच तरह प्रयोग व दुश्मन पर बिना हथियार भी विजय प्राप्त करना आदि विधि सिखाई जाती हैं।

यहां से उच्च शिक्षा प्राप्त कन्याएं भारत के कोने-कोने में प्राचीन संस्कृति व सभ्यता का प्रचार-प्रसार कर रही हैं। कन्या गुरुकुल कमेटी अध्यक्ष ओमप्रकाश पंचगावां ने बताया कि यह गुरुकुल व महाविद्यालय दक्षिण हरियाणा के छ: जिलों क ा एकमात्र नि:शुल्क प्राचीन पद्वति पर आधारित शिक्षा केन्द्र है। इसको चलाने के लिए कार्यकारिणी सदस्यों को दूर-दूर से अनाज व चन्दा एकत्रित करना पड़ता है। अगर प्रदेश व केन्द्र सरकार इसको उचित सहायता मुहैया करवाएं तो यह और कसौटी पर खरा उतरेगा।

 

गुरुकुल का दो दिवसीय वार्षिकोत्सव आज 26 एवं 27 को, एक मंच पर जुटेंगी देश भर की आर्य समाज की हस्तियां
बाढड़ा: कन्या गुरुकुल एवं पंचगावां का आज 14 वा 15 अक्टूबर को वार्षिकोत्सव कार्यक्रम धूमधाम से मनाया जाएगा। इसमें आर्य समाज के वरिष्ठ पुरोधाओं के अलावा लोकसभा सांसद धर्मबीर सिंह, राज्यसभा सांसद किरण चौधरी, विधायक सुनील सांगवान, विधायक उमेद पातुवास, पूर्व विधायक सोमबीर सिंह, पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान, पूर्व सीपीएस रणसिंह मान, पूर्व विधायक सुखविंद्र मांढी, पूर्व विधायक रणबीर सिंह मंदौला, जिला परिषद चेयरमैन मंदीप डालावास, दी स्टोन क्रेशर एसोसिशन प्रदेशाध्यक्ष सोमवीर घसौला, जिला उपायुक्त दादरी, पुलिस अधिक्षका, एसडीएम सुरेश दलाल, श्रमायुक्त चंद्रपाल धनासरी, एटीओ कश्मीर सिंह, केन्द्रिय सहकारी बैंक चेयरमैन सुधीर चांदवास, चेयरमैन आनंद फौजी इत्यादि भागीदारी करेंगे। इसके पहले आयोजित वार्षिकोत्सव में हर वर्ष देश व प्रदेश की बड़ी बड़ी हस्तियां भागीदारी करती हैं। इसके कार्यक्रमों में अभी तक पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल, पूर्व सीएम भूपेन्द्रसिंह हुड्डा, अंतरराष्ट्रीय योगगुरु स्वामी रामदेव, प्रदेश के पूर्व राज्यपाल जगन्नाथ पहाडिय़ा, पूर्व वित्त व कृषि मंत्री जेपी दलाल, पूर्व राज्यपाल व अखिल भारतीय डेयरी फेडरेशन की पूर्व चेयरमैन चंद्रावती, पूर्व मुख्यमंत्री मा. हुकमसिंह, सांसद धर्मबीर सिंह, कृषिमंत्री ओमप्रकाश धनखड़, भाजपा विधायक घनश्याम सर्राफ, पूर्वग्रह मंत्री रामभजन अग्रवाल, पूर्वमंत्री हरिसिंह सैनी, स्वामी प्रणवानंद दिल्ली, मित्रसेन आर्य रोहतक समेत अनेक नामचीन हस्तियां यहां पहुंच चुकी हैं।

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