Charkhi Dadari News : कृषि विभाग ने मौजूदा रबी सीजन की ओलावृष्टि, तीन विभागों की टीमों का दौरे जारी

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कृषि विभाग ने मौजूदा रबी सीजन की ओलावृष्टि, तीन विभागों की टीमों का दौरे जारी
कृषि विभाग ने मौजूदा रबी सीजन की ओलावृष्टि, तीन विभागों की टीमों का दौरे जारी
  • जिले के 37 गांवों की 23465 एकड़ में हुआ नुकसान

(Charkhi Dadari News) बाढड़ा। पिछले 20 दिनों में बेमौसमी बरसात, ओलावृष्टि के कारण बाढड़ा उपमंडल सहित समस्त चरखी दादरी जिले के 37 गांवों की 23465 एकड़ सरसों, गेहूं व सब्जियों की फसलों को नुकसान हुआ है। यह रिपोर्ट कृषि विभाग की है वहीं उपमंडल क्षेत्र में 1 मार्च शुक्रवार व 13, 14 मार्च को हुई ओलावृष्टि, बेमौसमी बरसात के कारण जिले के बाढड़ा व सतनाली रोड़ होकर कादमातक के कृषि क्षेत्र को ओलावृष्टि का सबसे अधिक नुकसान झेलना पड़ा है। कृषि विभाग के अधिकारियों की टीमों ने मौका मुआयना कर पाया कि सबसे अधिक नुकसान अगेती सरसों, गेहूं व सब्जियों की फसलों को हुआ है जो पूरी तरह पक चुकी है और उसमें अब जिसकी दोबारा प्रगति संभव नहीं है।

बेमौसमी बरसात से प्रभावित फसलों की रिपोर्ट राज्य मुख्यालय भेजी

जिस भी टहनी या फली पर ओला गिरा वह टूट गया तथा बना हुआ अनाज का दाना भूमि पर बिखर गया है। मार्च माह में सरसों का पौधा टूटने, टहनियों के टूटने के बाद नया फुटाव नहीं होता। कृषि विभाग की टीमों ने प्राथमिक चरण में प्रभावित क्षेत्र की फसलों का मौका मुआयना कर प्रारंभिक रिपोर्ट राज्य मुख्यालय भेजने का फैसला किया है। लेकिन इसमें अभी प्रभावित रकबा घटाया बढाया भी जा सकता है।

अभी भी आसमान में बादल छाए रहने से व वर्षा की संभावना के चलते अभी मौसम साफ होने के बाद राजस्व विभाग की रिपोर्ट के बाद नुकसान को कम या ज्यादा भी किया जा सकता है। आज की रिपोर्ट के अनुमानित आंकड़ों में लगभग जिले में अब तक 23465 एकड़ से अधिक नुकसान की संभावना जताई गई है। इसमें बाढड़ा उपमंडल के 28 गांवों में 15880 एकड़ में 50 प्रतिशत, दादरी खंड के 4 गांवों की 585 एकड़ रकबे में 25 प्रतिशत, बोंद खंड में 7100 एकड़ भूमि में 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान दर्ज किया है।

कृषि विभाग ने मुआयना कर बनाई प्रारंभिक रिपोर्ट में इन गांवों में अधिक नुकसान सूरजगढ़, लाड, भांडवा, मथरा, कादमा, बडराई, डगडोली, गोपालवास, रुदडोल, ऊन, बधवाना, माई कलां, माई खुर्द, चांदवास, किष्किंधा, हंसावास कला, हंसावास खुर्द, निमड़ बडेसरा, नाधा, बेरला, मांढी हरिया, मंडी पिरान ,जगराम बास, मंडी कहर, पिचौपा कलां, पिचौपा खुर्द, हुई ,धनासरी, कान्हड़ा इत्यादि में सबसे अधिक नुकसान के रकबे को शामिल किया गया है।

जिला कृषि विषय विशेषज्ञ डा. चंद्रभान श्योराण ने कहा कि जिले में तीन बार अलग अलग माह में हुई ओलावृष्टि, बेमौसमी बरसात के नुकसान की प्रारंभिक चरण की रिपोर्ट तैयार की गई है जिसमें मुख्य आधार जो बनाया है वह सबसे अधिक नुकसान अगेती सरसों को हुआ है क्योंकी जिस भी टहनी या फली पर गिरा ओला वह टूट गई और दाना बर्बाद हो गया। मौसम साफ होने के बाद अंतिम रिपोर्ट तैयार हो पाएगी। भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील हड़ौदी ने बताया कि उन्होंने सीएम नायब सिंह सैनी व प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली को सारी स्थिति से अवगत करवा दिया है। किसानों के नुकसान की पूरी भरपाई की जाएगी।

किसानों के नुकसान की भरपाई करे सरकार

भाकियू अध्यक्ष हरपाल भांडवा, नरेश कादयान, राजबीर नंबरदार, देशराज इत्यादि ने बताया कि ओलावृष्टि से उनके पकी फसलें मिट्टी में मिल गई और उच्च उत्पादन के टूट गए। वर्षा व ओलावृष्टि से छोटे पौधों कि टहनियां टूटकर जमीन पर बिखर गई। सोमबीर नंबरदार लाड, मंजीत नांधा, ने बताया कि पहले वर्षा व ओलावृष्टि के बाद लागत भी पूरी नहीं हो पाएगी। किसान सभा अध्यक्ष प्रो. रघुवीर श्योराण समेत क्षेत्र के किसान संगठनों ने जिला प्रशासन से तुरंत प्रभाव से राज्य सरकार को सारी स्थिति से अवगत करवा कर गिरदावरी में पंजीकृत आधार पर प्रभावित किसानो को मुआवजा जारी कराना चाहिए।

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