Gurugram NCR News : Delhi Gurugram के बीच सफर करने पर लगेगा टोल, 25 साल चलेगा देश का सबसे बड़ा टोल बूथ

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Gurugram NCR News : Delhi Gurugram के बीच सफर करने पर लगेगा टोल, 25 साल चलेगा देश का सबसे बड़ा टोल बूथ
Gurugram NCR News : Delhi Gurugram के बीच सफर करने पर लगेगा टोल, 25 साल चलेगा देश का सबसे बड़ा टोल बूथ

Dwarka Expressway, गुरुग्राम : हरियाणा के पहले एलिवेटेड और देश के सबसे छोटे द्वारका एक्सप्रेसवे पर टोल कलेक्शन से जुड़ी जानकारी सामने आई है. दिल्ली- जयपुर (NH- 48) पर 27 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे साईबर सिटी गुरुग्राम को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से निर्बोध कनेक्टिविटी प्रदान करने वाला यह एक्सप्रेसवे भारत के बुनियादी ढांचे में इंजिनियरिंग का बेजोड़ नमूना है.

इस निर्माणाधीन चमत्कार में 8 एलिवेटेड लेन और आठ लेन की सर्विस रोड हैं. यह 16 लेन का एलिवेटेड ग्रेड- सेपरेटेड एक्सप्रेसवे दिल्ली के द्वारका को हरियाणा के गुरुग्राम में खेड़की दौला टोल प्लाजा से जोड़ता है. इसे देश का पहला अर्बन एक्सप्रेसवे भी कहा गया है. वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस एक्सप्रेसवे पर बनने वाला टोल प्लाजा चौड़ाई के मामले में सबसे ज्यादा होगा.

टोल टैक्स दरें

आमतौर पर एक्सप्रेसवे पर 15 से 20 साल तक टोल वसूला जाता है. लेकिन द्वारका एक्सप्रेसवे पर 25 साल तक टोल लगाने का समझौता किया गया है. इस टोल प्लाजा पर टोल टैक्स कलेक्शन के लिए कुल 34 टोल बूथ बनाए गए हैं. कारों, जीपों और वैन के लिए एक तरफ 105 रुपये और दोनों तरफ 155 रूपए टोल टैक्स देना होगा. वहीं, बसों और ट्रकों के लिए टोल शुल्क एक तरफ 355 रुपये और दोनों तरफ 535 रूपए रहेगा.

भारतीय इंजिनियरिंग का चमत्कार

दिल्ली और हरियाणा के बीच ट्रैफिक दबाव कम करने में यह एक्सप्रेसवे महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है. इस एक्सप्रेसवे की बदौलत IGI एयरपोर्ट पहुंचना बेहद आसान हो गया है. 16 लेन वाले इस एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ 8 लेन हैं और पूरे आठ लेन की सड़क को एक ही खंभे पर बनाया गया है, जो भारतीय इंजीनियरिंग का एक चमत्कार है.

GPS तकनीक का होगा इस्तेमाल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, द्वारका एक्सप्रेसवे एनसीआर में GPS आधारित टोल संग्रह प्रणाली पर स्विच करने वाला पहला हाईवे बनने वाला है. खबर है कि नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने बंगलूरू- मैसूरू हाईवे पर पायलट आधार पर इसका परीक्षण किया है. उद्घाटन के बाद, जीपीएस- आधारित टोल कलेक्शन से वाहन चालकों को टोल प्लाजा पर ठहराव करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.