चेन्नई, एजेंसी। चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की साफ्ट लैंडिंग न हो पाने की वजह से विक्रम से संपर्क टूटा और इसके बाद उसकी कोई खबर नहीं मिल पाई और न ही कोई संपर्क हो पाया। हालांकि विक्रम लैंडर की जानकारी मिलने की उम्मीद एक बार फिर जगी है। बता दें कि चंद्रयान-2 द्वारा प्रक्षेपित आर्बिटर चंद्रमा के चारों ओर परिक्रमा कर रहा है और अपना काम अच्छी तरह से कर रहा है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का लूनर रिकनायसेंस आॅर्बिटर (एलआरओ) जल्द उस स्थान के ऊपर से गुजरेगा, जहां विक्रम के गिरने की आशंका जताई गई है। एलआरओ 17 सितंबर को भी विक्रम की लैंडिंग साइट के करीब से गुजरा था। तब उसने क्षेत्र की हाई-रिजोल्यूशन तस्वीरें कैद की थीं। हालांकि, वह विक्रम की स्थिति या तस्वीर जुटाने में नाकाम रहा था।
नासा ने अब कहा है कि जब लैंडिंग क्षेत्र से हमारा आॅर्बिटर गुजरा तो वहां धुंधलापन था। इसलिए छाया में अधिकांश भाग छिप गया। संभव है कि विक्रम परछाई में छिपा हुआ है। नासा ने कहा कि एलआरओ जब अक्तूबर में लैंडिंग साइट के ऊपर से गुजरेगा, तब वहां प्रकाश तस्वीर खींचने के अनुकूल होगा। इस दौरान एक बार फिर विक्रम की स्थिति जानने और उसकी तस्वीर लेने की कोशिश की जाएगी।
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