Chandrayaan-2: tears of ISRO Chief K. Sivan on the failure of the mission, hugged Prime Minister Modi: चंद्रयान-2 : मिशन की असफलता पर इसरो चीफ के.सिवन के झलके आंसू, पीएम मोदी से गले मिलकर ढ़ांढ़स बंधाया

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नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)के अध्यक्ष के शिवन मिशन चंद्रयान-2 के असफल होने पर बहुत भावुक हो गए। उनकी आंखों में आंसू आ गये। उन्हें भावुक होता देखकर पीएम मोदी ने उन्हें गले लगाकर ढांढ़स बंधाया। पीएम मोदी चंद्रयान-2 मिशन के लैंडर विक्रम की लैंडिंग देखने के लिए इसरो मुख्यालय पहुंचे थे। उन्होंने शनिवार 7 सितंबर की सुबह राष्ट्र को सम्बोधित किया। अपने सम्बोधन के बाद पीएम मोदी ने वहां मौजूद सभी वैज्ञानिकों से व्यक्तिगत रुप से मिले और उनका हौसला बढ़ाया। जब मोदी वैज्ञानिकों से मिलकर लौट रहे थे। तब के. शिवन तो के. शिवन ने उनका अभिनंदन किया और वह भावुक हो गये। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने आगे बढ़कर उन्हें गले लगाया। शिवन की आंखों में आंसू देख प्रधानमंत्री ने उनकी पीठ थपथपाते हुए उन्हें ढ़ांढ़स बधाया और अपने प्रयासों को जारी रखने को कहा। वह पल बेहद भावुक था, जब सिवन के आंखों से आंसू छलक पड़े।

वैज्ञानिकों के साथ बाहर की तरफ निकल रहे मोदी ने तुरंत उन्हें गले लगाया और उन्हें थाम लिया। निराश और परेशान सिवन ने थोड़ी देर बाद खुद को संभालते हुए प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत की। पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों को हौसला देते हुए कहा कि वे निशारा के पलों छोड़कर आगे बढ़ें। वह देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नये संकल्प और दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ आगे बढ़ाएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जल्द ही नया सवेरा होगा और देश अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों में पूरी तरह सफल रहेगा। चंद्रयान की यात्रा को शानदार व जानदार बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि परिणाम अपनी जगह हैं, लेकिन मुझे और पूरे देश को अपने वैज्ञानिकों, इंजीनियरों आप सभी के प्रयासों पर गर्व है। प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों से कहा, ”हर मुश्किल, हर संघर्ष, हर कठिनाई, हमें कुछ नया सिखाकर जाती है, कुछ नए आविष्कार, नई टेक्नोलॉजी के लिए प्रेरित करती है और इसी से हमारी आगे की सफलता तय होती हैं। ज्ञान का अगर सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो वो विज्ञान है। इसरो के मिशन कंट्रोल सेंटर से प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ”विज्ञान में विफलता नहीं होती, केवल प्रयोग और प्रयास होते हैं। उन्होंने कहा, ”हमें सबक लेना है, सीखना है। हम निश्चित रूप से सफल होंगे। कामयाबी हमारे साथ होगी।” मोदी चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग का सीधा नजारा देखने के लिए यहां स्थित इसरो केंद्र पहुंचे थे। हालांकि, लैंडर से संपर्क टूट जाने के कारण ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के बारे में कोई सूचना नहीं मिल पाई।