Chandrayaan-2 ‘orbiter is still circling the moon: चंद्रयान-2’ आॅर्बिटर अभी भी चंद्रमा के चक्कर काट रहा। अभी भी चंद्रमा के चक्कर काट रहा

0
335

आईएएनएस,चेन्नई। चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम के साथ चांद पर उतरे से महज दो किलो मीटर दूर पृथ्वी से उसका संपर्क टूट गया। उसके बारे में कोई जानकारी आगे की नहीं मिल पाई। लेकिन 978 करोड़ रुपये लागत वाला चंद्रयान-2 मिशन का सबकुछ खत्म नहीं हुआ है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने के अनुरोध के साथ आईएएनएस को बताया, मिशन का सिर्फ पांच प्रतिशत -लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर- नुकसान हुआ है, जबकि बाकी 95 प्रतिशत -चंद्रयान-2 आॅर्बिटर- अभी भी चंद्रमा का सफलतापूर्वक चक्कर काट रहा है। एक साल मिशन अवधि वाला आॅर्बिटर चंद्रमा की कई तस्वीरें लेकर इसरो को भेज सकता है। यहां तक कि यह भी संभव है कि वह लैंडर की तस्वीरें भी लेकर भेज दे। जिससे उसकी स्थिति के बारे में पता चल सकता है। चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान में तीन खंड हैं -आॅर्बिटर (2,379 किलोग्राम, आठ पेलोड), विक्रम (1,471 किलोग्राम, चार पेलोट) और प्रज्ञान (27 किलोग्राम, दो पेलोड)। विक्रम दो सितंबर को आर्बिटर से अलग हो गया था। चंद्रयान-2 को इसके पहले 22 जुलाई को भारत के हेवी रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हिकल-मार्क 3 (जीएसएलवी एमके 3) के जरिए अंतरिक्ष में लांच किया गया था। बता दें कि इसरो प्रमुख के.सिवन ने आधिकारिक सूचना देते हुए कहा था कि चंद्रमा की सतह से 2.1 किमी पहले तक लैंडर का प्रदर्शन योजना के अनुरूप था। उन्होंने कहा कि उसके बाद उसका संपर्क टूट गया।