एजेंसी,हैदराबाद। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है। बुधवार को अमरावति के वुंडावल्ली में अपने रिवरफ्रंट आवास पर उन्होंने भूख हड़ताल आरंभ की। वह आंध्र प्रदेश में मौजूदा वाईएसआरसीपी सरकार के खिलाफ कार्यकर्ताओं और नेताओ के साथ गुंटूर जिले में रैली करने वाले थे। उन्हें रैली की इजाजत नहीं दी गई। जिसकी वजह से उन्होंने भूख हड़ताल शुरू की। बात यहीं खत्म नहीं हुई इसके बाद उन्हें और उनके बेटे लोकेश को उनके घर में ही नजरबंद कर दिया गया। हालांकि, इस घटना को चंद्रबाबू नायडू ने काला दिन करार दिया है। पुलिस ने यह दावा नहीं किया कि उन्होंने नायडू को नजर बंद किया है। पुलिस ने कहा कि उन्हें केवल यह बताया गया है कि उनके पास रैली करने की अनुमति नहीं है।
इसके बाद नायडू अपने घर पर ही धरना-प्रदर्शन पर बैठ गए। दरअसल, आंध्र प्रदेश में टीडीपी नेता की हत्या के खिलाफ आज चंद्रबाबू नायडू प्रदर्शन करने वाले थे। मगर पुलिस ने नायडू और उनके बेटे को घर से निकलने से रोक दिया और दोनों को हाउस अरेस्ट कर दिया था। चंद्रबाबू नायडू ने नजरबंद किए जाने पर कहा कि ‘यह राज्य के इतिहास में एक काला दिन है। हमें उन लोगों को नैतिक समर्थन देने के अधिकार से वंचित किया गया है जो सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा पीड़ित हैं। हम सिर्फ एक रैली निकालना चाहते थे और पीड़ितों को उनके गांवों में वापस भेजना चाहते थे। नायडू ने कहा, मुझे यह समझ में नहीं आया कि इससे कानून और व्यवस्था कैसे बिगड़ती। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा तेलुगूदेशम पार्टी (ळऊढ) प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू ने एएनआई से कहा कि, “यह सरकार मानवाधिकारों और मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है। मैं सरकार को चेतावनी दे रहा हूं.। मैं पुलिस को भी चेतावनी दे रहा हूं । आप इस तरह की राजनीति नहीं कर सकते। आप गिरफ्तार कर हमें नियंत्रित नहीं कर सकते। जब भी वे मुझे अनुमति देंगे, मैं ‘चलो आत्माकुर’ को जारी रखूंगा। “