आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़:
हरियाणा की महिला और बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोरोना महामारी से निराश्रित हुए बच्चों के पुनर्वास, आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने तथा उनका भविष्य सुरक्षित करने के उद्देश्य से आरंभ की गई नई योजना मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के क्रियान्वयन में तत्परता से कार्य करें क्योंकि महिला एवं बाल विकास विभाग को इसका नोडल विभाग बनाया गया है। श्रीमती ढांडा ने योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 10 वर्ष से कम आयु के अनाथ हुए बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा का प्रबंध सरकार द्वारा किया जाएगा। जिसके तहत उन्हें नजदीक के केन्द्रीय विद्यालयों / निजी स्कूलों में डे-स्कोलर के रूप में प्रवेश दिलावाया जाएगा तथा 11 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों का सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय जैसे आवासीय विद्यालयों में दाखिला करवाया जाएगा। इसके साथ-साथ निजी स्कूल में दाखिले के लिए पीएम केयर्स फण्ड से शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत फीस, वर्दी व पुस्तकों की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा, दादा-दादी या विस्तारित परिवार की देखरेख में रहने वाले बच्चे को भी निकटतम केन्द्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे-स्कोलर के रूप में दाखिला दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत उच्च शिक्षा व व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए भी पीएम केयर्स फण्ड से सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अतिरिक्त, ऐसे सभी बच्चों को आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर भी दिया जाएगा तथा 18 वर्ष की आयु तक के इन बच्चों के प्रीमियम की राशि का भुगतान पीएम केयर्स फण्ड से किया जाएगा। बच्चे की 23 वर्ष की आयु पूरी होने पर उसे व्यावसाय के लिए एकमुश्त राशि भी दी जाएगी। मंत्री ने बताया कि 18 वर्ष तक प्रत्येक बच्चे को 2500 रुपये प्रति महीना, बिना परिवार के बच्चों की देखभाल करने वाले बाल देखभाल संस्थान को 1500 रुपये प्रतिमास 18 वर्ष तक की आयु तक दिया जाएगा। इसी प्रकार, 18 वर्ष तक पढ़ाई के दौरान अन्य खर्चों के लिए 12 हजार रुपये प्रतिवर्ष भी दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 8वीं से 12वीं या व्यावसायिक पाठ्यक्रम में पढ?े वाले बच्चों को टेबलेट की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी से अनाथ हुई लड़कियों को मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत 51,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो बालिका के नाम पर बैंक में जमा होगी और यह राशि विवाह के समय लडकी को मिलेगी।