आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़:
चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार के वैज्ञानिक खुद किसानों के पास जाकर उनके खेत की मिट्टी-पानी की जांच करेंगे। अब मिट्टी-पानी की जांच के लिए हिसार स्थित लैब के अलावा यह सुविधा नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से भी किसानों को उपलब्ध हो पाएगी। इसके लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने मोबाइल डायग्नोस्टिक-कम-एग्जीबिशन यूनिट (मिट्टी-पानी जांच एवं प्रदर्शनी वाहन) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कुलपति ने कहा कि किसानों को मिट्टी-पानी की जांच व अन्य तकनीकों के प्रति अधिक से अधिक जागरूक करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने किसान हित में यह फैसला लिया है।
कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने बताया कि बिना खेत की मिट्टी-पानी जांच के किसान फसलों व अन्य बागवानी फसलों में आवश्यकतानुसार उचित खाद-पानी नहीं दे पाते, जिसके चलते उन्हें फसलों से उचित पैदावार हासिल नहीं हो पाती। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे अपने खेत की मिट्टी की जांच समय-समय पर अवश्य करा लें। इससे न केवल किसानों द्वारा खेतों में प्रयोग किए जाने वाले रासायनिक उर्वरकों का खर्च कम होने से किसान की आर्थिक बचत होगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण भी होगा। उन्होंने कहा कि किसान विश्वविद्यालय द्वारा की गई सिफारिशों अनुसार ही रसायनों, कीटनाशकों व अन्य खादों का प्रयोग करें ताकि अच्छी व भरपूर पैदावार ली जा सके।
विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. रामनिवास ढांडा ने बताया कि विश्वविद्यालय के सभी कृषि विज्ञान केंद्रों पर इस वैन के कार्यक्रम तय किए गए हैं जिसके तहत यह वैन विज्ञान केंद्रों पर जाएगी और आसपास के क्षेत्रों के किसानों के खेतों की मिट्टी-पानी की जांच करेगी। इसके अलावा, इस वैन के माध्यम से किसानों को कृषि और किसान कल्याण विभाग तथा विश्वविद्यालय द्वारा किसान हित में किए जा रहे कार्यों की लघु फिल्म भी दिखाई जाएगी। साथ ही विश्वविद्यालय की ओर से विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों और विकसित तकनीकों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इस वैन में एक टीम इंचार्ज, कृषि विज्ञान केंद्र से वैज्ञानिक, लैब सहायक व मृदा विज्ञान विभाग से एक तकनीकी लैब सहायक शामिल होगा, जो किसानों को जानकारी देगा।