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चंडीगढ़। पंजाब की सहकारी चीनी मिलों द्वारा गन्ना काश्तकारों की बकाया रहती राशि की अदायगी के लिए 45 करोड़ रुपए गन्ना काश्तकारों को जारी कर दिए गए हैं। यह खुलासा सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने शुक्रवार को यहां एक बयान में किया। रंधावा ने बताया कि सहकारी चीनी मिलों द्वारा गन्ना काश्तकारों की 2020-21 की बकाया राशि की अदायगी के लिए सरकार द्वारा 45 करोड़ की राशि जारी की गई है और यह राशि गन्ना काश्तकारों के खातों में तबदील कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा सहकारी चीनी मिलों की साल 2019-20 की निर्यात सब्सिडी और बफर स्टाक सब्सिडी की करीब 10.56 करोड़ रुपए की अदायगी अभी तक जारी न किए जाने के बावजूद पंजाब सरकार द्वारा अपने स्तर पर 45 करोड़ की राशि जारी की गई है। सहकारिता मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है और उनकी बकाया राशि की मुक मल अदायगी के लिए सरकार द्वारा साल 2021-22 के बजट में 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। रंधावा द्वारा यह भी जानकारी दी गई कि सहकारी चीनी मिलों की शुगर एक्सपोर्ट सब्सिडी और बफर स्टाक क्लेम के तौर पर बनती करीब 10.56 करोड़ रुपए की जल्दी अदायगी के लिए भारत सरकार के साथ संपर्क किया जा रहा है जिससे गन्ने की कुल बकाया अदायगी जल्दी से जल्दी की जा सके। रंधावा ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा गन्ना काश्तकारों की आय बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और सहकारी चीनी मिलों द्वारा गन्ने की बिजाई के लिए पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी, लुधियाना एवं इंडियन काउंसिल आॅफ एग्रीकल्चर रिसर्च, करनाल के सहयोग से गन्ने की अधिक पैदावार वाली किस्मों के करीब 20 लाख पौधों की पनीरी तैयार करके गन्ना काश्तकारों को आश्विन-कार्तिक की बिजाई के दौरान बीज के तौर पर दिए जाएंगे। इससे न सिर्फ गन्ने की प्रति एकड़ पैदावार में विस्तार होगा, बल्कि गन्ना काश्तकारों की प्रति एकड़ आय में भी विस्तार होगा। उन्होंने यह भी बताया कि इसी योजना के अंतर्गत कलानौर में गुरु नानक देव शुगर केन शोध और विकास केंद्र की स्थापना की गई है और लगभग 15 एकड़ में बीज फार्म तैयार कर दिया गया है। जल्दी ही इसको गन्ना काश्तकारों को समर्पित किया जाएगा।