Chandigarh News: पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना का लाभ लेकर युवा बनें आत्मनिर्भर – उपायुक्त

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Chandigarh News: उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने कहा कि गुरू-शिष्य परम्परा को बढ़ावा देने वाली पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान (पीएम-विकास) योजना के तहत जिला के युवा अधिक से अधिक लाभ लेकर आत्मनिर्भर बनें। उन्हें केन्द्र सरकार की इस योजना के तहत कई प्रकार की सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है। इसमें प्रशिक्षण, औजार कीट, ऋण और अनुदान की सुविधा शामिल है। उपायुक्त ने युवाओं से इस योजना में आवेदन करने की अपील की।

उपायुक्त मोनिका गुप्ता शुक्रवार को लघु सचिवालय के सभागार में पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आयोजित जिला कार्यान्वयन समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहीं थी।

उपायुक्त ने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना में नाई, लुहार, हथौड़ा और अन्य उपकरण किट निर्माता, कुम्हार, मूर्तिकार, गुड़िया और खिलौने निर्माता, धोबी, मालाकार, झाडू-बुनाई निर्माता, सुनार, जूता निर्माता, कवचकार, ताले बनाने वाला, नाव निर्माता, मछली जाल निर्माता का काम करने वाले आवेदन कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि इस योजना में एक परिवार के एक सदस्य को ही लाभ मिलेगा। आवेदक के परिवार में कोई सरकारी नौकरी पर ना हो, पहले मुद्रा लोन ना लिया हो और आयु 18 वर्ष से ज्यादा होनी चाहिए।

मोनिका गुप्ता ने बताया कि अब तक 15 ट्रेड़ों में जिला के करीब 760 युवाओं ने इस योजना के तहत आनेदन किया था। अधिकतर की वेरीफिकेशन का कार्य हो चुका है। इसमें से जो पहले स्तर पर गांव व शहरी वार्ड पर सरपंच-एमसी की तरफ से वेरीफिकेशन पेंडिंग है उसको पूरा करने के निर्देश दिए। इसके अलावा जिला स्तर के दूसरे स्तर की वेरीफिकेशन को जल्द ही पूरा करने के निर्देश दिए, ताकि जिला के अधिक से अधिक लोगों को अपना काम बढ़ाने में सहयोग मिल सके।

उन्होंने बताया कि अभी तक 40 आवेदकों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है और जल्द ही 491 आवेदकों को प्रशिक्षण दिया जाना है। इसमें बेसिक व काम से सम्बन्धित एडवांस जानकारी शामिल है। उन्होंने बताया कि 16 आवेदकों ने ऋण के लिए आवेदन किया था, इनमें से 6 आवेदकों का ऋण स्वीकार हो चुका है। इसमें से तीन ने ऋण प्राप्त कर लिया है।

उपायुक्त ने बताया कि आवेदन स्वीकार होते ही पात्र को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड दिया जाता है। इसके बाद उन्हें बेसिक व एडवांस प्रशिक्षण दिया जाता है। ट्रेनिंग के दौरान 500 रूपये प्रतिदिन और प्रशिक्षण पूरा होने के बाद 15 हजार रूपये का वाउचर टूल-किट के लिए दिया जाता है। उन्होंने बताया कि व्यवसाय खड़ा करने के लिए शुरूआत में 1 लाख रूपये और 18 महीने के बाद 2 लाख रूपये का ऋण दिया जाता है। साथ ही बैक के और से डिजीटल लेन-देन के दौरान हर महीने 100 ट्रांजक्शन तक 1 रूपया प्रति लेने-देन मिलता है। इसके अलावा व्यवसाय के प्रचार-प्रसार के लिए भी सहयोग किया जा रहा है।

इस बैठक में नगर निगम संयुक्त आयुक्त सिमरनजीत कौर, नगराधीश विश्वनाथ, एमएसएमई के उप निदेशक प्रदीप कुमार, रोहित टंडन, एलडीएम गजल शर्मा, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी विशाल पराशर, नगर परिषद कालका ईओ जरनैल सिंह, बीडीपीओ पिंजौर विनय प्रताप, जिला परिषद के पीओ चिराग मेहरा सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।