Chandigarh News: हरियाणा के कालका और पिंजौर क्षेत्र में रजिस्ट्री बंद होने की समस्या लंबे समय से चर्चा का विषय रही है। रजिस्ट्री बंद होने की वजह से यहां के निवासियों को अपने घर बनाने का सपना अधूरा छोड़ना पड़ा है। हालांकि, हरियाणा सरकार ने इस क्षेत्र को रेजिडेंशियल एरिया घोषित किया हुआ है, लेकिन रजिस्ट्री प्रक्रिया में अड़चनों के कारण लोग अपने जमीन संबंधी कार्य पूरे नहीं कर पा रहे हैं।
समाजसेवी मानसिंह ने बताया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार ने रजिस्ट्री के मुद्दे को सबसे आगे रखा था कालका और पिंजौर क्षेत्र की जनता ने बीजेपी सरकार से कई बार रजिस्ट्री खुलवाने की मांग की है। सरकार ने चुनावी वादों के दौरान इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। बावजूद इसके, अब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। रजिस्ट्री बंद होने से न केवल घर बनाने का सपना अधूरा है, बल्कि प्रॉपर्टी बाजार में भी मंदी आई है।
लोगों की परेशानियां
रजिस्ट्री बंद होने के कारण लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है:
1. घर निर्माण में देरी: लोग अपनी जमीन पर घर बनाना चाहते हैं, लेकिन रजिस्ट्री न होने के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है।
2. वित्तीय दबाव: जिन लोगों ने पहले से जमीन खरीद ली है, उन्हें अतिरिक्त ब्याज और अन्य खर्चों का सामना करना पड़ रहा है।
3. प्रॉपर्टी बाजार प्रभावित: प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त बंद होने से स्थानीय व्यापारियों और बिल्डरों को भी नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा यदि सरकार इस मुद्दे को प्राथमिकता देते हुए रजिस्ट्री प्रक्रिया को फिर से शुरू करती है, तो यह कदम क्षेत्र के विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। इससे न केवल लोगों का घर बनाने का सपना पूरा होगा, बल्कि पिंजौर और कालका की अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा मिलेगी।
मानसिंह ने कहा कि रजिस्ट्री खुलने के बाद:
1. क्षेत्र में आवासीय परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा।
2. प्रॉपर्टी की कीमतों में स्थिरता आएगी।
3. स्थानीय रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
4. कालका विधानसभा को एक नई पहचान मिलेगी।
समाज से अपील
इस मुद्दे को लेकर स्थानीय निवासी और समाजसेवी मानसिंह ने भी आवाज उठाई है। उनका कहना है कि सरकार को जनता की इस महत्वपूर्ण मांग पर ध्यान देना चाहिए। यदि समय पर रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू होती है, तो यह जनता के हित में एक बड़ा कदम होगा।
कालका-पिंजौर क्षेत्र में रजिस्ट्री खुलने से न केवल स्थानीय निवासियों को लाभ होगा, बल्कि यह क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान देगा। सरकार द्वारा इस समस्या का समाधान किए जाने की उम्मीद सभी को है। अब देखना यह है कि कब यह सपना हकीकत बनता है और लोग अपने घर बनाने के सपने को पूरा कर पाते हैं।