Chandigarh News: संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा की ओर से प्रदेशभर में किसानों की लंबित मांगों को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। इसी क्रम में मंगलवार को किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष कर्म सिंह के नेतृत्व में पंचकूला में उपायुक्त को हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
किसानों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि लंबे समय से उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
मुख्य मांगें
1. राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति: केंद्र सरकार द्वारा 25 नवंबर को जारी की गई कृषि विपणन राष्ट्रीय नीति फ्रेमवर्क को हरियाणा विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर खारिज किया जाए और इसे प्रदेश में लागू न किया जाए।
2. बिजली कानून और स्मार्ट मीटर योजना: किसानों ने बिजली कानून और स्मार्ट मीटर योजना को वापस लेने की मांग की।
3. किसानों पर दर्ज मुकदमे रद्द हों: किसान आंदोलन के दौरान अलग-अलग जिलों में किसानों पर दर्ज किए गए केसों को सरकार वापस ले।
4. पराली जलाने के मामलों में राहत: पराली जलाने के नाम पर किसानों पर दर्ज किए गए केसों को तुरंत रद्द किया जाए।
5. रबी फसल पर बोनस: किसानों को इस साल की रबी फसल का बोनस दिया जाए।
6. बीमा और मुआवजा: पिछली फसल के खराब होने पर लंबित मुआवजा और बीमा जारी किया जाए।
7. ओलावृष्टि से नुकसान की भरपाई: 2025 में ओलावृष्टि से प्रभावित फसलों के लिए मुआवजा प्रदान किया जाए।
8. सरसों की खरीद: सरसों की खरीद प्रक्रिया को शीघ्र शुरू किया जाए।
9. कर्ज माफी: किसान और मजदूरों के सभी प्रकार के कर्ज को माफ किया जाए।
10. ट्यूबवेल कनेक्शन: लंबित पड़े ट्यूबवेल कनेक्शनों को जारी किया जाए।
11. नए बैंक खाते और लोन सुविधा: सरकारी समितियों में किसानों के नए खाते खोले जाएं और उन्हें लोन की सुविधा दी जाए।
12. मनरेगा का विस्तार: मनरेगा योजना का विस्तार किया जाए और किसानों को अधिक मजदूरी मिले।
13. किसान पेंशन योजना: सभी किसानों के लिए 58 वर्ष की आयु के बाद पेंशन योजना शुरू की जाए और पेंशन राशि में बढ़ोतरी की जाए।
आंदोलन तेज करने की चेतावनी
किसानों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो वे प्रदेशभर में उग्र आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि किसान पहले भी संघर्ष करते रहे हैं और आगे भी अपने हक के लिए लड़ते रहेंगे।
सरकार से जल्द कार्रवाई की मांग करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो पूरे राज्य में बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा।