Chandigarh News: पार्किंग में किसी भी हालत में नहीं लगाया जा सकता ट्यूबवेल : इंस्पेक्टर अशोक

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Chandigarh News, जीरकपुर : शहर में बहुत से बिल्डरों द्वारा नियमों की ताक पर अपने प्रोजेक्ट में बदलाव करते हुए अवैध तरीके से निर्माण किया जा रहे हैं और अपनी मनमर्जी से पार्किंग की जगह पर ट्यूबवेल लगाए जा रहे हैं। इन अवैध रूप से लगाए जा रहे टयूबवेलों संबंधी शिकायतें नगर कौंसिल के अधिकारियों के पास पहुंचने के बाद ही अधिकारियों को कार्रवाई करनी याद आती है लेकिन फिर भी काम बंद नहीं करवाया जाता। पार्किंग की जगह पर एक नहीं अनेक ट्यूबवेल लगे हुए हैं और लगातार नए ट्यूबल भी लगाए जा रहे हैं। बीते दिनों चंडीगढ़ अंबाला हाईवे पर नगर कौंसिल दफ्तर से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर भी एक ट्यूबवेल पार्किंग की जगह पर लगाया जा रहा था जिसको अधिकारियों द्वारा काम मुकम्मल करने का पूरा-पूरा समय दिया जा रहा है और कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही। ऐसे ही दो ट्यूबवेल वीआईपी रोड पर लगाए जा रहे हैं। इन दोनों लग रहे ट्यूबवेल का काम आज नगर कौंसिल के इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने आज दोपहर के समय रुकवा दिया था लेकिन शाम के समय फिर से काम शुरू हो गया।
जानकारी के अनुसार वीआईपी रोड पर जहां पर यह ट्यूबवेल लगाई जा रहे हैं वह एरिया बिल्डिंग इंस्पेक्टर शिवानी बंसल के अधीन आता है और बिल्डिंग इंस्पेक्टर शिवानी बंसल के पास जीरकपुर का अतिरिक्त प्रभार है और वह हफ्ते में दो दिन ही जीरकपुर आती है और उन दो दिनों में उनके पास दफ्तर के बहुत से काम होते हैं। ऐसी हालत में बिल्डिंग इंस्पेक्टर शिवानी बंसल के अधीन आते क्षेत्र में अवैध निर्माण तथा अन्य अवैध कामों का रुकना मुश्किल लग रहा है। अगर बात अवैध रूप से लग रहे ट्यूबवेल की की जाए तो अब इंस्पेक्टर शिवानी बंसल अगले हफ्ते मंगलवार को ही यहां पर आएंगे तब तक बिल्डरों द्वारा अपने ट्यूबवेल लगाने का काम मुकम्मल कर लिया जाएगा। अब यहां पर यह प्रश्न उठता है कि क्या नगर कौंसिल के अधिकारियों के पास इतनी पावर नहीं है कि वह बिल्डरों द्वारा लगाए जा रहे अवैध रूप से लगाए जा रहे ट्यूबल के काम को बंद करवा सकें अथवा क्या अधिकारी इन कामों को रोकने के लिए अपनी पावर का प्रयोग करना ही नहीं चाहते? 6 लाख से अधिक आबादी वाले शहर में अगर ऐसे ही धड़ल्ले से ट्यूबवेल लगते रहे तो आने वाले समय में लोगों के लिए पीने वाले पानी की समस्या सबसे बड़ी समस्या बन कर रह जाएगी।

यहीं हालत रहे तो जल्द आ सकती हो पानी की किल्ल्त :

पानी के बिना जीवन संभव नही है, यह जानते हुए भी लोगों द्वारा पानी व्यर्थ गवाया जा रहा है। बिना परमिशन के सेंकड़े बोरवेल लगा दिए गए हैं जबकि पीने वाले पानी के लिए नगर परिषद द्वारा बोर किए हुए हैं। लोगों द्वारा बिल्डिंग बनाने के लिए झट बोर कर दिया जाता है और पानी को व्यर्थ किया जा रहा है। यदि पिछले 2001 की बात करें तो पानी का लेवल इतना ऊपर था के 10 से 20 फीट पर खुदाई के दौरान पानी आ जाता था और जिसके बाद धीरे धीरे लेवल कम हुआ तो 2005 में कोई भी बोर करना होता था तो 100 से 200 फीट जाना पड़ता था। लेकिन 2010 के बाद यह गहराई 300 फीट तक चली गई और इस समय बोर करने के 800 से 1000 फीट नीचे जाना पड़ता है। यदि ऐसे ही बोरवेल खुदाई होती रही तो एक दिन पानी इतना नीचे चला जाएगा के पीने के लिए भी नही मिलेगा। जो की आने वाली पीढ़ियों के लिए श्राप सिद्ध होगा। जिसके जिम्मेवार हम सब होंगे। यदि इसकी यहीं नही रोका गया तो जल्द बड़ी समस्या पैदा हो जाएगी।