Chandigarh News | जीरकपुर : गेंहू और आटे की बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए भारत सरकार ने कई तरह की योजनाएं शुरु की थी, लेकिन साल खत्म होने को है और आज भी बाजार में गेंहू का दाम तीन हजार से 31सौ रूपये प्रति क्विंटल हैं। जीरकपुर में एक प्रैस वार्ता के दौरान इस पर चर्चा की गई। पराग एग्री फूड्स पंजाब व्यापारी अरूण कुमार ने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द अपनी योजना में कुछ उचित बदलाव करने चाहिए ताकि आम लोग भारत आटा स्कीम का फायदा ले सकें।
उन्होंने कहा कि सरकार ने जमाखोरी, मुनाफावसूली और महंगी कीमतों को घटाने के लिए व्यापारियों की गेहूं स्टॉक लिमिट को कम कर दिया है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार थोक विक्रेताओं के लिए गेहूं के भंडारण की सीमा 2000 मीट्रिक टन से घटाकर 1000 मीट्रिक टन कर दी गई है, जबकि खुदरा व्यापारियों के लिए 100 मीट्रिक टन से घटाकर 50 मीट्रिक टन कर दी गई है। उन्होंने कहा कि सरकार को आम व्यापारी, आटा मिलर व थोक विक्रेताओं से सुझाव लेने चाहिए जो कि जीरो लेवल पर इस समस्या से जुड़े हुए है या फिर ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस ) स्कीम में कुछ ऐसा उचिव बदलाव करना चाहिए जिससे आम जनता पर गेंहू की बढ़ती कीमतों का बोझ ना पड़े और सभी मिलरों को पूर्ण रूप से खाद्य व गेंहू मिल सके। एफसीआई प्रबंधक संगरूर टीएस मीना का कहना है कि वैसे हमारी भारत सरकार ने जनहित के लिए काफी बढिय़ा योजनाएं शुरू की हुई है, फिर भी कोई व्यापारी लोग अपनी तरफ से उचित सुझाव देंगे तो हम उनके सुझाव मंत्रालय तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे।