Chandigarh News : उच्च  अधिकारी ही बांट रहे निचले स्तर पर रेवड़ियां

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Chandigarh News : चंडीगढ़| प्रशासन  चारों तरफ एक ही गूंज,  गूंज रही है वित्तीय संकट –  वित्तीय संकट ! चंडीगढ़ की जनता पर भारी भरकम टैक्स लगाने के बावजूद शहर की वित्तीय स्थिति दिन प्रति दिन गिरती जा रही है, आज यह एक चिंतन का विषय बनता जा रहा है । वित्तीय संकट के कारण बेसक शहर का ,  विकास कार्य रुक जाए परंतु ऑफिसर के चहिते  एवं उनकी राजसी ठाठ दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। विभाग के लोगो ने अफसरशाही के साथ मिलकर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए , शहर के विकास के लिए रखा हुआ पैसा अपने निजी स्वार्थ में खर्च कर दिया, हैरान करने वाली बात यह है कि इस प्रकार के अवसर एवं कर्मचारियों पर जांच एजेंसियों की निगाह क्यों नहीं जाती।
चंडीगढ़ सेक्टर 27 मकान नंबर  2162 में रहने वाले ने बताया कि विभाग की तरफ से बड़ी मुश्किल से तीन साल पहले सफेदी पेट का काम करवाया गया था जो कि 2 महीने बाद खराब हो गया फर्श टूटे पड़े है  इसके अलावा उनके बाथरूम  कई महीने से टूटे फूटे हुए है, उनके परिवार के एक सदस्य जो कि वाकर ले कर चलते है बाथरूम और फर्श टूटे होने के कारण बहुत मुश्किल होती है बार बार शिकायत दर्ज करवाने पर भी कोई सुनवाई नहीं होती,  अब थक हार कर बैठ गए है।   सोचते है कुछ साल रह रिटायर मेट होने वाली है जैसी तैसी करके टाइम पास कर लेंगे उन्होंने बताया कि यदि उनकी भी अच्छी अप्रोच होती तो उनका काम भी मिंटो सेकंड में हो जाता , विभाग के पास वित्तीय संकट तो एक दिखावे का झुनझुना है
विभाग  को  जब कोई काम करना होता है तो उनके पास फंड भी आता है और काम  भी हो जाता है। एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि  वे पंजाब सरकार में वी आई पी बतौर सिक्योरिटी गार्ड तैनात  है और उस के साथ हाई कोर्ट में नौकरी कर रहे है पिछले 14 सालों से रह रहे उन्होंने बताया  कि पिछले कई सालों से कोई कार्य नहीं होता , सारा काम आप करवाया है बाहर  अंदर के सारे फर्श टूटे पड़े है परंतु उनकी कोई सुनने वाला नहीं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों  के चहेतो के राजसी ठाठ बाट में कोई कमी नहीं और इनके आरामदायक सुख संसाधनों पर तो सवाललिया निशान तक नहीं उठता। उन्होंने कहा कि यह बहुत हैरानगी करने वाली बात है कि ऐसे में जांच एजेंसियां भी कहीं सोई रहती है, उन्हें लगता है कि आज जांच एजेंसी भी एक डमी बनकर रह गई है। चंद लोगों पर सुपर पावर की अनुकंपा बेइंतहा बरस रही है, पवार के नशे में मदहोश कर्मी ये भी भूल जाते है कि इन्हें जो रिहायशी मकान मिले है, वे अस्थाई है। चंडीगढ़ सेक्टर 27 के मेंटीनेंस कमलेट ऑफिस के सामने एक बिजली विभाग के निचले स्तर के अधिकारी के तो ठाठ ही निराले हैं । इस सरकारी मकान में बहुत पैसा लगा हुआ है  चंडीगढ़ शहर में वित्तीय दुर्दशा के लिए ऐसे ही लोग कहीं ना कहीं जिम्मेवार है जो सरकारी पैसे को अपने निजी स्वार्थ के लिए खर्च करते हैं। सरकारी पैसे का दुरुपयोग करने वाले कर्मी एवं अधिकारियों पर कार्रवाई होगी या नहीं यह तो आने वाला समय तय करेगा परंतु इसका खामियाजा आम जनता को सुख सुविधा से वंचित रहकर  भुगतना पड़ेगा । इस संदर्भ में  पिछले दिनों जब विभागीय अधिकारी से बात की जाती है तो वह अपना पल्ला झाड़ने हुए अक्सर जांच करने की बात कहते हैं,
इस बारे में अधीक्षण अभियंता जिगना सिंघानिया से पूछा गया तो उन्हों ने बताया मेरे पास ये सैक्टर नहीं है ये अधीक्षण अभियंता 2 के पास है राजेश बंसल से बात करनी चाही उन्होंने फोन नहीं उठाया मैसेज भेजने ओर सीन  करने पर भी दो दिन तक  कोई जवाब नहीं दिया गया सूत्र बताते इस अधिकारी के राजनीति और उच्च अधिकारियों के साथ काफी नजदीकिया है स जिन को पिछले कई सालों से प्रशाशन द्वारा  पब्लिक हेल्थ और रोड के विभाग दे रखे है मुख्य अभियंता का चार्ज लेने के लिए काफी प्रयास कर रहे चंडीगढ़ में भी इंजीनियर इन चीफ  एक पोस्ट बनाने की कवायद चल रही है  सूत्र ने बताया कि एक सीनियर कार्य कारी अभियंता पब्लिक हेल्थ में तैनात उन्हों ने भी पिछले दिनों वी आर एस भर दी है उस को मंजूर कर लिया गया है जब की अधीक्षण अभियंता जिगना सिंघानिया  राजेश बंसल से काफी सीनियर है पब्लिक हेल्थ में कोई काम करना हो मशीनरी के कामों का ब्यौरा मांगा जाता है इस पर एक कार्य कारी अभियंता से पूछा गया फॉर्म में ऐसा कॉलम नहीं जिस में मिशनरी का जिक्र किया गया हो उन्होंने ने बताया हमारे अधीक्षण अभियंता द्वारा  हुक्म जारी हुए है  यह भी जानकारी का विषय है विभाग में कोई काम करना हो तो पहले उन से परंतु जमीनी स्तर पर कुछ नहीं होता , वास्तविकता कोसो दूर होती है