Chandigarh News: सेक्टर-32 स्थित गोस्वामी गणेश दत्त सनातन धर्म कॉलेज में डीबीटी बिल्डर स्कीम के समर्थन से फ्लो साइटोमेट्री सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और ट्रस्ट फॉर एजुकेशन एंड ट्रेनिंग इन साइटोमेट्री (टीईटीसी) इंडिया के सहयोग से फ्लो साइटोमेट्री पर आयोजित तीन दिवसीय ऑन-साइट वर्कशॉप वीरवार को संपन्न हो गई।
यह कार्यक्रम जीजीडीएसडी कॉलेज सोसायटी के उपाध्यक्ष डॉ. सिद्धार्थ शर्मा की अध्यक्षता में कॉलेज के बायोटेक्नोलॉजी विभाग की डॉ. आशिमा पाठक और फ्लोसाइटोमेट्री सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के डॉ. हेमंत अग्रवाल के सहयोग से आयोजित किया गया था।
कॉलेज में फ्लो साइटोमेट्री की अत्याधुनिक तकनीक पर केंद्रित वर्कशॉप के पहले दिन दिन पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ और बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी, लखनऊ के पूर्व वाइस-चांसलर डॉ. आरसी सोबती सम्मानित अतिथि थे। उन्होंने फ्लो साइटोमेट्री और इसके अनुप्रयोगों के क्षेत्र में विभिन्न तकनीकी प्रगति पर जोर दिया।
उन्होंने आगे बताया कि इस तरह की वर्कशॉप अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के इस जीवंत क्षेत्र में जांच करने के लिए उत्सुक प्रतिभागियों के लिए अन्वेषण की यात्रा शुरू करने के लिए महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करती हैं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि आईआईएसईआर, मोहाली के बायोलॉजिकल साइंस विभाग की प्रोफेसर डॉ. अरुणिका मुखोपाध्याय थीं। उनका मुख्य भाषण ग्राम-नेगेटिव एंटरिक बैक्टीरियल लिगैंड द्वारा होस्ट-सेलुलर प्रतिक्रियाओं के मॉड्यूलेशन के अध्ययन में फ्लो साइटोमेट्री के उपयोग पर था।
इसके अलावा टीईटीसी की सह-संस्थापक डॉ. रेखा गौड़ और डॉ. हेमंत अग्रवाल ने फ्लो साइटोमेट्री की अंतर्दृष्टि के बारे में बात की और प्रतिभागियों को इसमें करियर बनाने के लिए प्रेरित किया। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अजय शर्मा ने छात्रों को इस तरह की कार्यशालाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया और उन्हें अपने व्यावहारिक कौशल को उन्नत करने के लिए ऐसे ज्ञान-प्राप्ति अवसरों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी।
वर्कशॉप के पहले दिन इस दिन डॉ. हेमंत अग्रवाल द्वारा फ्लो साइटोमेट्री की मूल बातें जैसे मूलभूत पहलुओं को कवर करने वाले आकर्षक सत्रों का आयोजन किया गया, जबकि पीजीआई, चंडीगढ़ के ट्रांसलेशनल और रीजनरेटिव मेडिसिन विभाग के असिसटेंट प्रोफेसर डॉ. गौरव शर्मा ने फ्लो साइटोमेट्री के अनुप्रयोगों पर विस्तार से जानकारी दी। वर्कशॉप के पहले दिन फ्लो साइटोमेट्री के लिए सैंपल तैयार करने, इंस्ट्रूमेंटेशन सेट-अप और सैल वायबिलिटी एनेलिसिस पर व्यावहारिक सत्र भी शामिल थे।
वर्कशॉप के दूसरे दिन की शुरुआत टीईटीसी की सह-संस्थापक डॉ. रेखा गौड़ द्वारा पहले दिन की समीक्षा के साथ हुई। सत्र में आगे एक इंटरैक्टिव व्याख्यान हुआ। इस सत्र में डॉ. हेमंत अग्रवाल द्वारा फ्लो साइटोमेट्री के लिए प्रायोगिक डिजाइन के पहलुओं पर भी प्रकाश डाला गया। इसके अलावा, सभी प्रतिभागियों के लिए सीखने के अनुभव को समृद्ध करने के लिए फ्लो साइटोमेट्री का उपयोग करके पौधों के नाभिक विश्लेषण का प्रदर्शन किया गया।
पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़ के इम्यूनोलॉजी विभाग की असिसटेंट प्रोफेसर डॉ. सीमा छाबड़ा द्वारा एक और दिलचस्प बातचीत की गई। प्रतिभागियों ने आयरलैंड के यूनिवर्सिटी कॉलेज डबलिन के डॉ. अल्फोंसो बालेंको द्वारा वर्चुअल मोड में “मल्टीकलर फ्लो साइटोमेट्री की मूल बातें” सीखीं। दूसरे दिन का समापन डॉ. हेमंत अग्रवाल और डॉ. रेखा गौड़ द्वारा एपोप्टोसिस ऐसे और मल्टीकलर फ्लो साइटोमेट्री पर व्यावहारिक सत्र के साथ हुआ।