Chandigarh News: पंचकूला के सेक्टर-6 स्थित सिविल अस्पताल से एक नवजात शिशु के चोरी होने की घटना सामने आई है, जिससे अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पीड़ित माता-पिता का कहना है कि एक अज्ञात व्यक्ति उन्हें झांसा देकर अस्पताल लाया और उनके मासूम बच्चे को बहला-फुसलाकर गायब कर दिया। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

अस्पताल में मिला था ऑटो चालक

बच्चे के पिता सीता राम ने बताया कि बुधवार को बच्चे की तबीयत खराब होने से मनीमाजरा के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए गया था। वहीं पर ऑटो चालक युवक से मुलाकात हुई थी। डॉक्टर को दिखाने पर युवक ने बताया कि उसकी तबीयत ज्यादा खराब है इसलिए सेक्टर-6 नागरिक अस्पताल में रेफर कर दिया गया है। पत्नी के साथ बच्चे को लेकर ऑटो चालक के साथ अस्पताल गया था। अस्पताल के पार्किंग में ही था और पत्नी सुमन और ऑटो चालक के साथ अस्पताल में चली

कैसे हुई चोरी

मनीमाजरा, चंडीगढ़ की रहने वाली सुमन नामक महिला अपने नवजात बेटे के इलाज के लिए 19 फरवरी 2025 को सरकारी अस्पताल गई थी। डॉक्टरों ने नवजात को पीलिया की गंभीर स्थिति के कारण भर्ती करने की सलाह दी। इसी दौरान एक अजनबी व्यक्ति ने महिला को यह कहकर बहला लिया कि उसके बच्चे की हालत गंभीर है और उसे सेक्टर-6 पंचकूला के सिविल अस्पताल रेफर किया गया है।
महिला अपने पति और बच्चे के साथ उस व्यक्ति के साथ ऑटो में बैठकर पंचकूला पहुंची। वहां पहुंचने के बाद उस व्यक्ति ने महिला के पति को नीचे इंतजार करने के लिए कहा और महिला को दूसरी मंजिल पर ले गया। वहां उसने इलाज के बहाने नवजात को गोद में लिया और तीसरी मंजिल की ओर चला गया। महिला को इंतजार करने के लिए कहा गया, लेकिन जब काफी देर तक वह व्यक्ति नहीं लौटा, तो महिला ने उसे तलाशने की कोशिश की।

अस्पताल प्रशासन की लापरवाही

महिला जब अस्पताल के स्टाफ से बच्चे के बारे में पूछताछ करने लगी, तो पता चला कि नवजात को अस्पताल में भर्ती ही नहीं किया गया था। इसके बाद जब दंपति मनीमाजरा अस्पताल लौटे, तो वहां के डॉक्टरों ने बताया कि उन्होंने बच्चे को कहीं रेफर ही नहीं किया था। इससे साफ होता है कि यह एक संगठित अपराध हो सकता है।

पुलिस ने दर्ज किया मामला

मामले की गंभीरता को देखते हुए पीड़िता की शिकायत पर सेक्टर-7 पंचकूला पुलिस स्टेशन में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 (BNS) की धारा 137(2) और 140(3) के तहत मुकदमा नंबर 39, दिनांक 20.02.2025 को दर्ज किया गया है। पुलिस अब अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और संदिग्ध की तलाश में जुट गई है।

सुरक्षा पर उठे सवाल

यह घटना अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अस्पताल में न तो पर्याप्त गार्ड थे और न ही किसी ने संदिग्ध गतिविधियों पर ध्यान दिया। किसी भी व्यक्ति ने यह पुष्टि करने की कोशिश नहीं की कि महिला को वास्तव में बच्चे के इलाज के लिए रेफर किया गया था या नहीं।

बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम

यह घटना केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की चिंता का विषय है। अस्पतालों में सुरक्षा के लिए कुछ सख्त कदम उठाने की जरूरत है, जैसे:
1. नवजात वार्ड और बच्चों के लिए विशेष सुरक्षा उपाय लागू किए जाएं।
2. अस्पताल में आने वाले सभी अजनबी लोगों की निगरानी हो।
3. मरीजों को रेफर किए जाने पर उन्हें लिखित प्रमाण पत्र दिया जाए।
4. अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए और उनकी निगरानी सुनिश्चित की जाए।
5. नवजात वार्ड में प्रवेश करने वाले लोगों की पहचान सत्यापित की जाए।
इस हृदयविदारक घटना के बाद पंचकूला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पर दबाव बढ़ गया है कि वे अस्पतालों की सुरक्षा को मजबूत करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।
जब इस बारे में पंचकूला के सिविल सर्जन बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में अभी यह मामला आया है कि 5 दिन के बच्चे की अस्पताल से चोरी हुई है आखिर कैसे एक मां अपने 5 दिन के बच्चे को किसी अनजान व्यक्ति को दे सकती है यह एक गंभीर मामला है पुलिस और हॉस्पिटल के कर्मचारी मिलकर बच्चों की तलाश कर रहे हैं